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S.K.RANAJI786 Rana
कसम की कसम है कसम से, ,💔💔💔 💯💯 हमें प्यार है सिर्फ, तुम से ये प्यार ना होगा किसी और से 🔥🔥🔥 क्योंकि कसम की कसम है कसम से ©S.K.RANAJI786 Rana कसम की कसम कसम से
Monica Bora
कसम की कसम है कसम से ना पुछो के प्यार कीतना है बस एक बात जानलो हमारी हर सांस पर नाम तुम्हारा है कसम की कसम है कसम से हर पल हर लम्हा इस दिल को इंतजार तुम्हारा है #कसम की कसम है कसम से
SmileyChait
कसम की कसम है कसम से है कसम की कसम हैं कसम से, हमको प्यार है सिर्फ तुमसे अब ये प्यार ना होगा फिर हमसे लोग कहते हम से हूं मैं पागल और में ना जानू दिल लगाया हैं मैंने अब किसी की ना मानू है कसम की कसम हैं कसम से, हमको प्यार है सिर्फ तुमसे ना जाने किस गली से हो कर हैं हम थे गुज़रे प्यार है क्या ये जाना भूल हो गई क्या फिर ये हमसे चैन खो कर हमने बेचैनिया हैं पाई खुद को लुटा के हमने तुमसे वफाएं की हैं हैं कसम की कसम हैं कसम से , हमको प्यार है सिर्फ तुमसे #Promise कसम की कसम है कसम से
Anit kumar kavi
कसम की कसम है कसम से कसम की कसम है कसम से टूटे ना वादा मेरे सनम से जन्मों जनम तक हो साथ हमारा यह मांगें दुआएं अपने रब से अजी कभी ना डगमगाय पांव अपने धरम से हम सदा एक होकर रहे उस खुदा की करम से । #Promise कसम की कसम से
A@isha Rana
कसम की कसम है कसम से कसम की कसम है कसम से, हम प्यार करेगे सिर्फ तुमसे तुम बदल भी जाओ फिर भी हम कहेगे हम सिर्फ तेरे है सनम कसम की कसम है कसम से । कसम की कसम है कसम से❤😍
Ganesh Kumar Verma
प्रेम की गंगा मन में है जो प्रेम की गंगा, आंखों से क्यों बहती है, मन में हमने सदा बसाया, दूर मग़र क्यों रहती है। सुन्दर शीतल, निर्मल पावन, कोमल तन और अति मनभावन, निश्छल -उज्जवल उसका तन-मन पहली बूंद जैसे बरखा सावन, वो भीं हमसे प्यार करे फिर, दुरी वो क्यों सहती है। मन में हमने सदा बसाया, दूर मग़र क्यों रहती है। नीरझर जैसी चितवन चंचल है, कंचन जैसा उसका जीवन है। दूर पहाड़ी पे घर उसका, दूर देश तक आँगन है। है वह हिमवान की बेटी, सागर में जा मिलती है। मन में हमने सदा बसाया, दूर मग़र क्यों रहती है। सबका मन हर्षानें आयी, प्रेम सुधा बरसाने आयी, हमसे कुछ भीं लिया नहीं बस, अपना प्यार लुटाने आयी, ख़ुश रहो, आबाद रहो तुम, जाते -जाते कहती है, रुके न एक पल साथ किसी के, समय सी चलती रहती है। मन में है जो प्रेम की गंगा, आंखों से क्यों बहती है, मन में हमने सदा बसाया, दूर मग़र क्यों रहती है। #प्रेम की गंगा