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Vickram
काफी जुदा होते हैं ख्वाब हर आंखों के किसी को कामयाबी किसी को जुनून पसंद है कोई पूरी करना चाहता है हर ख्वाहिश कोई सिर्फ शुकून के लिए जीना चाहता है ये ही तो जिंदगी है हर किसी के लिए यहां हर इंसान कुछ अलग ही चाहता है कोई त्याग देता है हर खुशी किसी के लिए कोई शुकून हर किसी का लूट लेना चाहता है ©Vickram ख्वाहिशें कमी किस्म की,
Vickram
कयी किस्म की सोच,,, क्यों बेवजह ही किसी को मेहसूस कराना कोई हम जैसा और कहां इस ज़माने में जैसे भी है हम खुद उसने बनाया है हमें। क्यों किसी से भी खुद को छोटा समझना । कोई बेहतर है हम से ये तकदीर है उसकी किसी ने किसी के सिक्के चुराए नहीं है कोई किस्मत कोई मेहनत के सहारे है यहां कोई सिर्फ दारु से ही दिल लगाए हुए हैं । जरूरी नहीं कि सभी की चाहत एक सी हो कोई रब से भी यहां दिल लगाए हुए हैं। ©Vickram कयी किस्म की सोच,,,
Vickram
कयी किस्म की सोच,,,,,,, हर इंसान यहां अपनी सोच के मुताबिक ही कार्य करता है । इंसान की सोच ही उसका जीवन तय करती है। उसके विचार जैसे भी होंगे वो उसी प्रकार की चीजें को आकर्षित करेगा सही मायने में इंसान का व्यवहार और विनम्रता ही उसके ज्ञान से उसका परिचय करवाती है ।और इंसान हर किसी को अपने जैसा समझनेकी भूल कर लेता है । जबकि सच्चाई ये हैकी सोच अलग तो इंसान अलग। इंसान जैसाहोता है। ठीक उसी प्रकार के लोगो को अपनीजिंदगी में खुद ही आमंत्रित कर लेता है । जोजो जैसा होता है ठीक वैसे ही उसके मित्र पाए जाते है । क्या आपने कभी सोचा की आप किस तरह की सोच रखते हैं। और आपका माहौल कैसा है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, ।। ©Vickram कयी किस्म की सोच,,,,
Vickram
किसी ने सवाल लिखे किसी ने विचार किसी ने खूबसूरत सी सोच लिख डाली लिख दिए चंद शब्द किसी ने प्रेम पर आधारित किसी जिंदगी पर ही एक किताब लिख डाली लिखा तो हर किसी ने पर सोच अलग थी कोई समझा ना सका उसने यादें ही लिख डाली ©Vickram बातें कयी किस्म की,,
Vickram
********शौक कयी किस्म के****** सबसे ऊंचा शौक दौलत का ही रहा जमाने में । अगला नशा सराब का भी कोई कम नहीं होता। कुछ लोग जाने जाते हैं अपने इश्क के चलते । जो शौक करता है पढाई का वो क्यों फिर रात भर सोता । ©Vickram शौक कयी किस्म के#########
Rahul
Vickram
दर्द कयी किस्म का था ज़िंदगी के कोंने कोंने में निकलता रहा थोडा़ थोड़ा आंखों से आंसू बनकर चाहे कोई भी दर्द हो अंजाम आंसू ही था उसका जो बयां ना हुआ पर आंखों से चुपचाप चला गया ©Vickram #Remember दर्द भी कयी किस्म का था,,,