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MAHENDRA SINGH PRAKHAR
जन गन मन में हुआ समाहित , भारत का अभिमान । जिसकी संप्रभुता का करते , निशिदिन हम गुणगान ।। यही आलोकिक शक्ति रहती , यही अवतरित राम सुन राधा से रास रचाते ,दिखते हैं घनश्याम ।। यही वह भारत भूमि देखो , जिसकी है यह शान । इसके कण-कण में है दिखता , हमारा स्वाभिमान ।। जन गन मन में हुआ समाहित ....। रंग अलग हैं रूप अलग है , लेकिन उच्च विचार । जीव-जन्तु से प्यार यही है , गाते सब मलहार । पक्षी की कलरव में खोजे , तानसेन की तान । नर नारी के प्राण प्रिये हैं , दिलवाती पहचान ।। जन गन मन में हुआ समाहित... खण्ड-खण्ड से अखण्ड देखो , भारत आज विशाल । जाति धर्म से ऊपर उठकर , बुनता अपना जाल ।। वीरो और जवानों से ही , बढ़े तिरंगा शान । हाथ बटाता है बढ़कर वह , देखो खड़ा किसान ।। जन गन मन में हुआ समाहित ..... निर्भिक होकर आगे बढ जा , दुश्मन बैठा घात । चौकन्ना रहना तू हर पल , सुनकर मेरी बात ।। संग सितारों के ही चमके , भारत का अभिमान । बलिदानों की यह धरती है , जाँ तक है कुर्बान ।। जन गन मन में हुआ समाहित...... जन गन मन में हुआ समाहित , भारत का अभिमान । जिसकी संप्रभुता का करते , निशिदिन हम गुणगान ।। २६/०१/२०२३ महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR #RepublicDay 🙏🌹सादर समीक्षार्थ🌹🙏 विषय - गणतंत्र दिवस विधा - सरसी छन्द जन गन मन में हुआ समाहित , भारत का अभिमान । जिसकी संप
sonia
शक्तिशाली मनुष्य..... जब किसी विवाद को हल करने के लिए स्वयं पहल करता है तो इसका पर्याय मात्र एक ही होता है--- कि वह और विनाश नहीं चाहता। और यही उस के शक्तिमान होने का प्रमाण है। सोचिएगा जरूर # शक्ति की शक्ति
Abhay Shaw (8100233007)
#Encounter सर्व शक्ति नारी शक्ति --------------- औरत को घर की इज्ज़त कहा जाता है फ़िर क्यों लोग इज्जत को इज्ज़त देना भुल जाते हैं! ©Abhay Shaw #LIFENEVERDIES सर्व शक्ति नारी शक्ति
HP
हिंदी हैं हम, हिंदुस्तान हमारा हमें अपनी शक्ति और समर्थता बढ़ाने के लिए दिन दूना रात चौगुना प्रयत्न करना चाहिए। शक्ति
Khushbu Rawal Khushi
जिससे हर कोई भयभीत हो,वो व्यक्ती हूं में सिर्फ स्त्री ही नहीं,हो जिसमें दुर्गा का स्वरूप वो शक्ति हूं में शक्ति
रामेश्वर मिश्र
हार लो वापस हार लो इस मूर्ति से वापस हार लो दीप बुझा दो इस मंदिर के ये केसी शक्ति है ये कैसी शक्ति है जब इतनी डरावनी है राते तो क्यों तेरी भक्ति है.... हर घर मे बर्तन मंझा करो और कपड़े सिला करो अगर ये तुम्हारी जिंदगी है तो हार लो वापस हार लो उस इंसान के गले से वापस हार लो.... अगर अब भी डरी सी सहमी हो तो स्थान लो वापस स्थान लो शक्ति का स्थान लो..... दर्द है हर रोज है कई सारा हर दिन कोई ना कोई हारा अगर परम्परा है तो अब नकार दो जाते जाते इस मंदिर से इस देवी की तलवार लो स्त्री हो तुम मर्जी नहीं पहचान दो पहचान दो खुद को एक पहचान दो... हार लो वापस हार लो.........रामेश्वर मिश्र #शक्ति
Sudha Bhardwaj
शक्ति ******** हिम्मत है तो जिन्दा हूँ मैं वरना मर गई होती। हाँ टूटकर भी खड़ी हूँ मैं वरना गिर गई होती। सुधा भारद्वाज"निराकृति" #शक्ति ********