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सोनिया तिवारी
तुलसीदास जी की इस रचना का अर्थ है कि जब हम पर कोई विपत्ति आती है ,तभी हमें पता चलता है कि हमारे अंदर कितना धीरज है। हम पर विपत्ति आने पर ही
read moreAshtvinayak
बारिश पर यह खूबसूरत रचना है Anshu Writer जी की #BaadalBarse #Anshuwriter #voice #Hindi #baarish Anshu writer Neel Ravi Ranjan Kumar Kausi #कविता
read moreArora PR
White मेरे दिल की उपजाऊ धरती पर कुछ खुशग्वार छंदो की फसल पक कर. तैयार हैँ. लेकिन समझ नहीं पा रहा हू इन खुशगवसर छंदो को अपनी नई गमगीन. रचना मे कैसे शामिल करू ©Arora PR गमगीन रचना
गमगीन रचना #कविता
read moreN S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह, शौच, सन्तोष, तप, स्वाध्याय, ईश्वरप्रणिधान इत्यादि, श्रुति-स्मृति प्रतिपादित विधि वाक्य धर्म हैं। धर्म का त्याग करके अनीति करने वाला अन्त में नष्ट हो ही जाता है। कंस, रावणादि अनीति के कारण अन्त में नष्ट हो गये। ©N S Yadav GoldMine #life_quotes {Bolo Ji Radhey Radhey} अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह, शौच, सन्तोष, तप, स्वाध्याय, ईश्वरप्रणिधान इत्यादि, श्रुत
#life_quotes {Bolo Ji Radhey Radhey} अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह, शौच, सन्तोष, तप, स्वाध्याय, ईश्वरप्रणिधान इत्यादि, श्रुत #मोटिवेशनल
read moreSONA DEVI
White कबीर साहेब ही अल्लाह है! पवित्र कुरान, सुरत फुर्कानि 25 आयत 52 से 59 में लिखा है कि कबीर परमात्मा ने छः दिन में सृष्टी की रचना की तथा सातवें दिन तख्त पर जा विराजा। #AlKabir_Islamic #SaintRampalJi ©ARTI JI #mango #IPL2024 #भक्ति #शायरी #मोटिवेशनल #कॉमेडी #लव #VoteForIndia कबीर साहेब ही अल्लाह है! पवित्र कुरान, सुरत फुर्कानि 25 आयत 52 से 59 में
mango IPL2024 भक्ति शायरी मोटिवेशनल कॉमेडी लव VoteForIndia कबीर साहेब ही अल्लाह है! पवित्र कुरान, सुरत फुर्कानि 25 आयत 52 से 59 में
read moreSadhna Sarkar
Blue Moon आकाश की ऊंचाइयों को छूने की कोशिश में ज़मीन को छोड़ रहे हैं मनुष्य का चोला पहने इंसान किसी जानवर सा सुलूक कर रहे हैं आधुनिकता की होड़ में अपनी अच्छी परंपराओं को तोड़ रहे हैं फैशन के नाम पर अपने तन पर वस्त्र के कुछ चिथड़े लपेट रहे हैं ज्ञान का है जब भंडार अपने देश में तो क्यों विदेशों में भीख मांग रहे हैं भ्रष्टाचार की गिरफ्त में ख़ुद को फंसा कर तरक्की की बात कर रहे हैं राह चलती किसी स्त्री या बच्ची को यूं लार टपकाएं आंखों से निगल रहे हैं आज़ भी किसी स्त्री या बच्ची को बेखौफ कहीं निकलने में थोड़ा तो झिझकते हैं कहीं पर किसानों की उपजाऊ जमीन कौड़ी के दर से बिक रहे हैं तो कहीं अनुपजाऊ वाली ज़मीन चालाकी से सोने के भाव में बिक रहे हैं एक ही देश एक ही समाज के लोग होने के बाद भी इतने असामाजिक हो रहे हैं क्या करें की अब तो लगभग लोगों के होठों पर चुप्पी के ताले पड़े हुए हैं ©Sadhna Sarkar #ankahe_jazbat मन के विचारों को लिखा है, इसे लिखने में हुई मेरी भूल त्रुटि को क्षमा करें 🙏
#ankahe_jazbat मन के विचारों को लिखा है, इसे लिखने में हुई मेरी भूल त्रुटि को क्षमा करें 🙏 #कविता
read moredeepak pandit