Nojoto: Largest Storytelling Platform

New मठों बनावानी रीत Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about मठों बनावानी रीत from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, मठों बनावानी रीत.

अनिल कसेर "उजाला"

रीत

read more

नवनीत ठाकुर

#हिंदू न खतरे में था, न है न कभी ये रहेगा, डर का व्यापार करने वाला, खुद सजेगा। करोड़ों की आबादी बड़ा ली हमने, बताओ सच तो फिर डर किस बात का।

read more
White हिंदू न खतरे में था, न है न कभी ये रहेगा,
डर का व्यापार करने वाला, खुद सजेगा।
करोड़ों की आबादी बड़ा ली हमने,
बताओ सच, तो फिर डर किस बात का।

गुणवत्ता की जरूरत है, न कि मात्रा की,
संख्या का क्या मोल, जब कमी हो ज्ञान की।
प्लासी की लड़ाई भी सबक सिखा गई,
इतनी बड़ी आबादी मुठ्ठी भर अंग्रेजों से हार गई।

आज चंद यहूदियों ने दुनिया हिला दी,
कर्म और बुद्धि से किस्मत बना दी।
तो क्यों न हम अपने को मज़बूत बनाएं,
गुण और शिक्षा से नई रीत लाएं।

जरूरत है पुरुषार्थ की, परमार्थ की,
धर्म को समझने वाले सच्चे विचार की।
राजनीति की रोटियां सेंकना छोड़ो,
धर्म को हथियार बनाना अब मोड़ो।

आत्मबल से जीतें, प्रेम का दीप जलाएं,
हिंदूत्व का मतलब सही सबको समझाएं।
हिंदुत्व सिर्फ धर्म नहीं, बल्कि जीने का तरीका है,
हर मनुष्य के उत्थान की सच्ची अभिव्यक्ति का तरीका है।

©नवनीत ठाकुर #हिंदू न खतरे में था, न है न कभी ये रहेगा,
डर का व्यापार करने वाला, खुद सजेगा।
करोड़ों की आबादी बड़ा ली हमने,
बताओ सच तो फिर डर किस बात का।

katha Darshan

रोशनी की रीत - Katha Darshan motivational wquotes" class="text-blue-400" target="_blank">wquotes in hindi wquotes" class="text-blue-400" target="_blank">wquotes life wquotes" class="text-blue-400" target="_blank">wquotes in hindi wquotes" class="text-blue-400" target="_blank">wquotes on life

read more

Bhanu Priya

#दस्तूर_ए_वक़्त दस्तूर लड़की हूं,इसलिए हर साल सरखी बनती हूं, सरकारें आती हैं जाती हैं, दस्तूर ए जहां, सत्ता, सत्ता ही रह जाती है, कभी कलकत

read more
लड़की हूं, इसलिए हर साल सुर्खी बनती हूं,
सरकारें आती हैं जाती हैं,
दस्तूर ए जहां, सत्ता, सत्ता ही रह जाती है,
कभी कलकत्ता, कभी मनाली न जाने कितनी हैं बिगड़ी,
कितने आशियानों की रमजान, होली , दिवाली,
हक का कहां मिला मुझे,
दस्तूर ए जहां, आज इसने तो कल उसने सबने वादें किए मुझसे...
यही रीत ज़माने की लड़ता हैं वह खुद के लिए ,
काश एक बार निकलता वह खुदसे और लड़ता मेरे लिए।

©Bhanu Priya #दस्तूर_ए_वक़्त  दस्तूर 

लड़की हूं,इसलिए हर साल सरखी बनती हूं,
सरकारें आती हैं जाती हैं,
दस्तूर ए जहां, सत्ता, सत्ता ही रह जाती है,
कभी कलकत
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile