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Parasram Arora
परफेक्ट वर होता हीं नही और. न परफेक्ट वधु होती हैँ...... एक बार शादी हो जाय तो.... और कोई किसी के लिये नही बना हैँ..... और मानलो कोई तुम्हारे लिये बना भी हो तो छे अरब लोगो में इस धरती पर उसे ढूंढ़ना इतना मुश्किल होगा कि पूरी जिंदगी तुम ढूँढ़ते ही रह जाओगे.... और ज़ब तुम इसे ढूंढ लोगे.. जीवन तुम्हारे हाथ से निकल चुका होगा..... एक महिला इसलिए अविवाहित रही कि उसे एक परफेक्ट पति की दरकार थीं... ज़ब उसकी महिला मित्र ने उससे पूछा "क्या तुम्हे एक भी अपने लिये परफेक्ट आदमी मिला? " वाह बोली"एक मिला लेकिन वह भी परफेक्ट पत्नी क़ो ढूंढ रहा था " ( ओशो के प्रवचन का अंश ) ©Parasram Arora परफेक्ट वर परफेक्ट वधु #Moon
pravin Barawkar
कोणाला किती जीव लावा पण त्याला आपल्यापेक्षा बेटर ऑप्शन मिळाला तर तो आपल्याला सोडून जातोच #प्रविण सुतार
Pathik Adhana
मैं एक मासूम बच्ची थी, मेरी आयु भी कच्ची थी, क्यों जलाया मेरा बचपन, मैं ऐसे ही तो अच्छी थी। मैं तेरी बेटी सयानी थी, तेरी हर बात मानी थी, मुझे क्यों दी सज़ा तूने, मैंने करी क्या हानि थी। मेरा वो बेढंग शर्माना, तेरी हर बात पर हंसना, तुझे क्यों रास ना आया, कभी मुझको तू समझाना। मैं पूछूँगी हर एक कारण, मुझे करना है निवारण, मुझे लड़ना होगा जग से, अभी ज़िंदा हैं कई रावण। बालिका वधु!!!
Mohd Tasleem
आग के पास कभी मोम को लाकर देखू हो इजाजत तो तुझे हाथ लगा कर देखू दिल का मन्दिर बडा बिरान नजर आता है सोचता हूँ तेरी तस्वीर सजा कर देखू दिल वर दिल वर
संजय श्रीवास्तव
**************************************** वर दे !माँ भक्ति से मन भर दे दुर्गुण से दूर हमें पावन कर दे शैल पुत्री मां तु पहाड़ो वाली चंडी बन असुरों का वध कर दे वर दे !मां भक्ति से मन भर दे मां शारदे तुम दुर्गा विंध्यवासिनी हम भक्तों के सब दुख को हर.दे वर दे ! माँ भक्ति से मन भर दे अद्भुत छटा लाल चुनर वाली जीवन में खुशियोँ के रंग भर दे वर दे ! माँ भक्ति से मन भर दे जगजननी जगदंबा शेरा वाली वाणी में बसो मेरे ऐसा स्वर दे वर दे !माँ भक्ति से मन भर दे संजय श्रीवास्तव बुरहानपुर (म•प्र•) #साहित्य_सागर वर दे
Parasram Arora
आसमान बेचैन था और निरंतर कुछ सोच रहा था बादलो ने पूछा भी था कि क्यो वह इतना चुप था आसमान ज़मीन क़ो देख करचिंतित था.... क्योंकि वह जवानी की दहलीज़ लांघ चुकी थी ... क्योंकि ज़मीन क़ो वो अपनी बेटी मानता था... और इसिलए वो चिंतित भी था बादलो ने उसकी चिंतित दशा देख कर उसे सुझाव दीया कि कोई योग्य वर ढूंड कर इस कुंवारी ज़मीन के हाथ पीले कर दे.... आसमान भी इस सुझाव से सहमत हो गया था इसलिए उसने सूरज और चाँद के पास ज़मीन के व विवाह हेतु प्रस्ताव भेज दिया लेकिन सूरज ने यह कह कर प्रस्ताव ठुकरा दिया कि ये ज़मीन खून से रंग चुकी है और प्रदुषन्न से विषाक्त भी हो चुकी है चाँद ने भी इस प्रस्ताव क़ो ठुकराने के कारण बता दीये कि ये धरती अपना शिल्प खो चुकी है. कि ये धरती अपने संस्कार भूल कर दिशा विहींन हो चुकी है... कि विभ्र्म और द्वन्द ग्रस्तता के कारण ये ज़मीन पथभृष्ट हो चुकी है. इसलिए वो इस ज़मीन के लिए योग्य वर नहीं है ©Parasram Arora योग्य वर