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बाबू शोभाराम राजकीय कला महाविद्यालय अलवर की पूर्व निर्विरोध छात्रसंघ महासचिव मोनिका वर्मा जी को जन्मदिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं http
बाबू शोभाराम राजकीय कला महाविद्यालय अलवर की पूर्व निर्विरोध छात्रसंघ महासचिव मोनिका वर्मा जी को जन्मदिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं http #nojotophoto
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"प्रेम दिखाई नहीं देता ये सच हैं प्रेमिका भी नहीं, अगर कही प्रेम दिख जाता हैं तो प्रेमिका भी दिख जाती हैं" ✍🏻✍शोभाराम (राम) पटेल✍🏻✍🏻 *प्रेम दिखाई नहीं देता ये सच हैं प्रेमिका भी नहीं, अगर कही प्रेम दिख जाता हैं तो प्रेमिका भी दिख जाती हैं"* ✍🏻✍🏻 *शोभाराम (राम) पटेल*✍🏻✍🏻
*प्रेम दिखाई नहीं देता ये सच हैं प्रेमिका भी नहीं, अगर कही प्रेम दिख जाता हैं तो प्रेमिका भी दिख जाती हैं"* ✍🏻✍🏻 *शोभाराम (राम) पटेल*✍🏻✍🏻 #MorningTea
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"आज मेरे चाँद को चाँद नजर आया है, उसकी रूप में मेरा चमक नजर आया हैं, प्रेम की इस रोशनी में मेरा चाँद मुझे नजर आया हैं" ✍🏻✍ Kvशोभाराम (राम) पटेल✍🏻✍🏻 ©कविShobharam (Ram) Patel "आज मेरे चाँद को चाँद नजर आया है, उसकी रूप में मेरा चमक नजर आया हैं, प्रेम की इस रोशनी में मेरा चाँद मुझे नजर आया हैं" ✍🏻✍🏻 शोभाराम (राम
"आज मेरे चाँद को चाँद नजर आया है, उसकी रूप में मेरा चमक नजर आया हैं, प्रेम की इस रोशनी में मेरा चाँद मुझे नजर आया हैं" ✍🏻✍🏻 शोभाराम (राम #Poetry #Karwachauth
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"अगर सत्य को जानना हैं और लक्ष्य तक पहुँचना हैं तो अपने कर्म को श्रेष्ठ और महान बनाओ, यही सत्य और लक्ष्य तक पहुँचने का एक मात्र साधन है" ✍✍शोभाराम (राम) पटेल✍✍🏻 *अगर सत्य को जानना हैं और लक्ष्य तक पहुँचना हैं तो अपने कर्म को श्रेष्ठ और महान बनाओ, यही सत्य और लक्ष्य तक पहुँचने का एक मात्र साधन है"* ✍
*अगर सत्य को जानना हैं और लक्ष्य तक पहुँचना हैं तो अपने कर्म को श्रेष्ठ और महान बनाओ, यही सत्य और लक्ष्य तक पहुँचने का एक मात्र साधन है"* ✍ #Stoprape
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"अगर तुम अपना मानती और कहती तो दिल चीर के दिखा सकता और विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि मैं तुम्हारा ही राम हूँ, पर क्या करू मैं तो तुम्हारी नजरों में शोभा तक नहीं" ✍🏻✍शोभाराम (राम) पटेल✍🏻✍🏻 "अगर तुम अपना मानती और कहती तो दिल चीर के दिखा सकता और विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि मैं तुम्हारा ही राम हूँ, पर क्या करू मैं तो तुम्हारी नज
"अगर तुम अपना मानती और कहती तो दिल चीर के दिखा सकता और विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि मैं तुम्हारा ही राम हूँ, पर क्या करू मैं तो तुम्हारी नज #Hopeless
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"मर्यादा ही महिला का स्वरूप हैं, और पुरूषार्थ ही पुरूष की पहचान, अगर आप मर्यादा और पुरूषार्थ से तनिक भी वंचित हैं तो आप कदापि महिला और पुरूष नहीं हो सकते, क्योंकि मर्यादा ही विश्व की जननी हैं और पुरूषार्थ ही विश्व का पिता" ✍🏻✍🏻 कवि- शोभाराम पटेल✍🏻✍🏻 ©kavi Shobharam Patel "मर्यादा ही महिला का स्वरूप हैं, और पुरूषार्थ ही पुरूष की पहचान, अगर आप मर्यादा और पुरूषार्थ से तनिक भी वंचित हैं तो आप कदापि महिला और पुरूष
"मर्यादा ही महिला का स्वरूप हैं, और पुरूषार्थ ही पुरूष की पहचान, अगर आप मर्यादा और पुरूषार्थ से तनिक भी वंचित हैं तो आप कदापि महिला और पुरूष #Quotes
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"प्रेम के शब्दों ने मेरे जीवन की रेखा मे, अनुराग से राग का सरगम सजाया है, हर एक अल्फाज़ को एहसास के पल से सजाया हैं, मेरे जीवन की हर एक राह को प्रेम का नाम किया है, लेकिन बस अब! मेरे दिल की आंगन में वो किलकारी नहीं, जिसके लिए मैंने प्रेम का राग सजाया है ।।" ✍🏻✍शोभाराम (राम) पटेल✍🏻✍🏻 "प्रेम के शब्दों ने मेरे जीवन की रेखा मे, अनुराग से राग का सरगम सजाया है, हर एक अल्फाज़ को एहसास के पल से सजाया हैं, मेरे जीवन की हर एक राह
"प्रेम के शब्दों ने मेरे जीवन की रेखा मे, अनुराग से राग का सरगम सजाया है, हर एक अल्फाज़ को एहसास के पल से सजाया हैं, मेरे जीवन की हर एक राह #Hopeless
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"सफर ए जिंदगी तेरी कहानी लिखुँ तो लिखुँ भी क्या, तेरे रास्ते में जो ठोकरें हैं उस ठोकरें की दर्द बयां करूं तो करूं भी क्या, ये जिन्दगी तेरा खेल बड़ा ही निराला हैं तेरी शिकायत में शिकायत करूं तो करूं भी क्या, तेरे हर एक अफसाने बड़े सुहाने हैं तेरी इस सुहानी फरियाद में दर्द लिखुँ तो लिखुँ भी क्या" ✍🏻✍🏻 कवि- शोभाराम पटेल✍🏻✍🏻 ©kavi Shobharam Patel "सफर ए जिंदगी तेरी कहानी लिखुँ तो लिखुँ भी क्या, तेरे रास्ते में जो ठोकरें हैं उस ठोकरें की दर्द बयां करूं तो करूं भी क्या, ये जिन्दगी तेरा
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शब्दों से मैं घिरा हूँ निरंतर लहरा सा मैं बहता हूँ, भाव और प्रेम का मैं बड़ा भूखा हूँ सावन सा बरखा हूँ, दुनिया की नजरों में शोभा हूं "माँ" की नजरों में राम हूँ, पर गिरा सा हूँ किसी के नजरों मे मेरे बहते अश्को में, किस शब्द से उसकी व्याख्या करूँ जिसकी हर एक शब्द में छुपा मैं हूँ? ✍🏻✍🏻शोभाराम पटेल✍🏻✍🏻 *शब्दों से मैं घिरा हूँ निरंतर लहरा सा मैं बहता हूँ, भाव और प्रेम का मैं बड़ा भूखा हूँ सावन सा बरखा हूँ, दुनिया की नजरों में शोभा हूं "माँ"
*शब्दों से मैं घिरा हूँ निरंतर लहरा सा मैं बहता हूँ, भाव और प्रेम का मैं बड़ा भूखा हूँ सावन सा बरखा हूँ, दुनिया की नजरों में शोभा हूं "माँ" #EscapeEvening
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