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Roshan
#MessageOfTheDay # massage of the day आज का दिन बढा🙋 सुहाना हे। 🏫स्कूल के बचो के साथ 👭 🌄राष्ट्रीय गीत गुनगुनाना हे। ©Roshan ....राष्ट्रीय गीत #Messageoftheday
....राष्ट्रीय गीत #Messageoftheday
read moreGopal Csc
राष्ट्रीय गीत आनंदमठ पुस्तक (1882)से उद्धृत... ©Gopal Csc राष्ट्रीय गीत आनंदमठ पुस्तक (1882)से उद्धृत... #राष्ट्रीय_गीत #भारत #कविता #विचार
राष्ट्रीय गीत आनंदमठ पुस्तक (1882)से उद्धृत... राष्ट्रीय_गीत भारत कविता विचार
read morePrem Rana (P.R.)
सबसे प्यारा देश हमारा, सब देशों से न्यारा है l इसकी गाथा को हम गाते, जग-मग देश हमारा है l गंगा-यमुना नदियाँ इसकी, करती है कण-कण को पावन l तट पर इसके निश-दिन हरदम, जन-जन करते, रहते गायन l l मंदिर-मस्जिद व गुरूद्वारा, देवस्थान हमारा है l हिन्दू-मुस्लिम, सिक्ख- ईसाइ, मातृभूमि की हम हैं शान l नहीं झुकेगा माँ का मस्तक, थामे रहते तीर-कमान l l धरती अपनी, अम्बर अपना, सब कुछ अपना सारा है l सबसे प्यारा देश हमारा, सब देशों से न्यारा है l श्रेष्ठ राष्ट्रीय गीत #Stars&Me
अच्छी और सच्ची बात
.अच्छी और सच्ची बात. भारत के राष्ट्रीय.. गीत. पछी. पशु. गान. मंदिर. और राष्ट्रीय भगवान के साथ.
read moreKaushal Pandey DUDU
#myvoice .. राष्ट्र को समर्पित मेरा एक राष्ट्रीय गीत...🌻🥀🙏🙏🙏🥀🌻 🌹वंदे मातरम भारत माता की जय🌹 #nojotovideo
read moreAnshu Mahi
अंशुल माही राष्ट्रीय गीत मेरा खुद का गाया हुआ 🇮🇳🇮🇳 अच्छा लगे फ्रेंड्स तो लाइक कमेंट शेयर करना ना भूले थैंक यू लव यू फ्रेंड्स
read moreƒяεε ƒ¡яε łσvεя
“ जन-गण-मन अधिनायक जय हे, भारत भाग्य विधाता! पंजाब-सिंध-गुजरात-मराठा, द्राविड़-उत्कल-बंग विंध्य हिमाचल यमुना गंगा, उच्छल जलधि तरंग तव शुभ नामे जागे, तव शुभाशीष मागे गाहे तव जय गाथा। जन-गण-मंगलदायक जय हे, भारत भाग्य विधाता! जय हे! जय हे! जय हे! जय जय जय जय हे! ” वाक्य-दर-वाक्य अर्थसंपादित करें जन गण मन अधिनायक जय हे भारत भाग्य विधाता! जनगणमन:जनगण के मन/सारे लोगों के मन; अधिनायक:शासक; जय हे:की जय हो; भारतभाग्यविधाता:भारत के भाग्य-विधाता(भाग्य निर्धारक) अर्थात् भगवान जन गण के मनों के उस अधिनायक की जय हो, जो भारत के भाग्यविधाता हैं! पंजाब सिन्धु गुजरात मराठा द्राविड़ उत्कल बंग विंध्य हिमाचल यमुना गंगा उच्छल जलधि तरंग पंजाब:पंजाब/पंजाब के लोग; सिन्धु:सिन्ध/सिन्धु नदी/सिन्धु के किनारे बसे लोग; गुजरात:गुजरात व उसके लोग; मराठा:महाराष्ट्र/मराठी लोग; द्राविड़:दक्षिण भारत/द्राविड़ी लोग; उत्कल:उडीशा/उड़िया लोग; बंग:बंगाल/बंगाली लोग विन्ध्य:विन्ध्यांचल पर्वत; हिमाचल:हिमालय/हिमाचल पर्वत श्रिंखला; यमुना गंगा:दोनों नदियाँ व गंगा-यमुना दोआब; उच्छल-जलधि-तरंग:मनमोहक/हृदयजाग्रुतकारी-समुद्री-तरंग या मनजागृतकारी तरंगें उनका नाम सुनते ही पंजाब सिन्ध गुजरात और मराठा, द्राविड़ उत्कल व बंगाल एवं विन्ध्या हिमाचल व यमुना और गंगा पे बसे लोगों के हृदयों में मनजागृतकारी तरंगें भर उठती हैं तव शुभ नामे जागे, तव शुभाशीष मागे गाहे तव जय गाथा तव:आपके/तुम्हारे; शुभ:पवित्र; नामे:नाम पे(भारतवर्ष); जागे:जागते हैं; आशिष:आशीर्वाद; मागे:मांगते हैं गाहे:गाते हैं; तव:आपकी ही/तेरी ही; जयगाथा:वजयगाथा(विजयों की कहानियां) सब तेरे पवित्र नाम पर जाग उठने हैं, सब तेरी पवित्र आशीर्वाद पाने की अभिलाशा रखते हैं और सब तेरे ही जयगाथाओं का गान करते हैं जन गण मंगलदायक जय हे भारत भाग्य विधाता! जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे।। जनगणमंगलदायक:जनगण के मंगल-दाता/जनगण को सौभाग्य दालाने वाले; जय हे:की जय हो; भारतभाग्यविधाता:भारत के भाग्य विधाता जय हे जय हे:विजय हो, विजय हो; जय जय जय जय हे:सदा सर्वदा विजय हो जनगण के मंगल दायक की जय हो, हे भारत के भाग्यविधाता विजय हो विजय हो विजय हो, तेरी सदा सर्वदा विजय हो संक्षिप्त संस्करणसंपादित करें उपरोक्त राष्ट्र गान का पूर्ण संस्करण है और इसकी कुल अवधि लगभग 52 सेकंड है। राष्ट्र गान की पहली और अंतिम पंक्तियों के साथ एक संक्षिप्त संस्करण भी कुछ विशिष्ट अवसरों पर बजाया जाता है। इसे इस प्रकार पढ़ा जाता है: “ जन-गण-मन अधिनायक जय हे भारत-भाग्य-विधाता। जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे। ” संक्षिप्त संस्करण को चलाने की अवधि लगभग 20 सेकंड है। जिन अवसरों पर इसका पूर्ण संस्करण या संक्षिप्त संस्करण चलाया जाए, उनकी जानकारी इन अनुदेशों में उपयुक्त स्थानों पर दी गई है। ©shashank rai जन गण मन, भारत का राष्ट्रगान है जो मूलतः बंगाली में गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा लिखा गया था। भारत का राष्ट्रीय गीत वन्दे मातरम् है। #
Nadim Bhati
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपनी रचनाओं से जन-जन के हृदय में क्रांति का अलख जगाने वाले, राष्ट्रीय गीत 'वन्दे मातरम्' के रचयिता, प्रकाण्ड व
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपनी रचनाओं से जन-जन के हृदय में क्रांति का अलख जगाने वाले, राष्ट्रीय गीत 'वन्दे मातरम्' के रचयिता, प्रकाण्ड व
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