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New शेल्फ Quotes, Status, Photo, Video

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Suraj Agrahari

ख़ुद में खुश हूँ कि ख़ुद की अना में हूँ,
जहां से बेसुद , ख़ुद ही की पनाह में हूँ।
                                               -सूरज #शेल्फ

Abhiejeet Anant Tambe

बुक शेल्फ

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माझ्या बुकशेल्फ मधली पुस्तकं कधीच एकमेकांशी भांडत नाहीत, अन् कधीच एकमेकांचे जात धर्म सुद्धा काढत नाहीत

कदाचित ती माणसं नसावीत म्हणून! बुक शेल्फ

Thakor

घर के लिए GoRogue 2-शेल्फ फोल्डिंग डेस्क, छोटी जगहों के लिए बुकशेल्फ़ के साथ नो-असेंबली कंप्यूटर/स्टडी टेबल (बेज) #कामुकता

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Ajay Lakhnavi

चूड़ियाँ कुछ तो लाल रक्खी हैं जाने क्यों कर संभाल रक्खी हैं जिन किताबों में फूल थे सूखे शेल्फ से वो निकाल रक्खी हैं हैं तो ये गल्त-फहमियाँ ल #गए #Shayari #मोहब्बत #दर्द #इश्क #इंतजार

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Abhimanyu Kamlesh Rana

अकेली हूं तन्हा अलमारी के कोने में ऊपरी शेल्फ का यूं घूरना असहज करता है मुझे मन अशांत है भविष्य को ले कर आठवीं कक्षा के दो हफ्ते रह गए #विचार

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अकेली हूं
तन्हा
अलमारी के कोने में
ऊपरी शेल्फ का यूं घूरना
असहज करता है मुझे
मन अशांत है
भविष्य को ले कर
आठवीं कक्षा के दो हफ्ते रह गए
ले दे कर
अंदर से कैसी हूं
किसी को परवाह नहीं
टॉर्च वाले हेलमेट
काले - सफेद कोट की इस दुनिया में
बेच देंगे मेरा जिस्म
चंद सिक्के ले कर
जिस्म का सौदागर
वो तराजू तौल पाएगा मेरी रूह को ?
मेेैं कौन?
हा हा हा!
मैं किताब
धर्म शिक्षा की किताब
मेरा वजूद?
मेरा महत्व?
अपने ही मुल्क में रेफ्यूजी सा।
- अभिमन्यु कमलेश राणा अकेली हूं
तन्हा
अलमारी के कोने में
ऊपरी शेल्फ का यूं घूरना
असहज करता है मुझे
मन अशांत है
भविष्य को ले कर
आठवीं कक्षा के दो हफ्ते रह गए

Nojoto Hindi (नोजोटो हिंदी)

Shahid Meer Ghazal शाहिद मीर की ग़ज़ल ऐसे भी कुछ ग़म होते हैं जो उम्मीद से कम होते हैं आगे आगे चलता है रस्ता पीछे पीछे हम होते हैं #ghazal #Hindi #nojotohindi #NojotoHindiLiterature #ShahidMeer

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ऐसे भी कुछ ग़म होते हैं




शाहिद मीर
 ( पूरी ग़ज़ल अनुशीर्षक में पढ़ें ) #NojotoQuote Shahid Meer Ghazal
शाहिद मीर की ग़ज़ल

ऐसे भी कुछ ग़म होते हैं 
जो उम्मीद से कम होते हैं 

आगे आगे चलता है रस्ता 
पीछे पीछे हम होते हैं

हरिओम सुल्तानपुरी

आइना सामने रखोगे तो याद आऊँगा अपनी ज़ुल्फ़ों को सँवारोगे तो याद आऊँगा, रंग कैसा हो ये सोचोगे तो याद आऊँगा जब नया सूट ख़रीदोगे तो याद आऊँग #Shayari #gudiya #HeartBook

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आइना सामने रखोगे तो याद आऊँगा 
अपनी ज़ुल्फ़ों को सँवारोगे तो याद आऊँगा,

रंग कैसा हो ये सोचोगे तो याद आऊँगा 
जब नया सूट ख़रीदोगे तो याद आऊँगा,

पूरी ग़ज़ल नीचे पढ़ें कैप्शन में...

©Hariom Sultanpuri आइना सामने रखोगे तो याद आऊँगा 
अपनी ज़ुल्फ़ों को सँवारोगे तो याद आऊँगा,

रंग कैसा हो ये सोचोगे तो याद आऊँगा 
जब नया सूट ख़रीदोगे तो याद आऊँग

Hrishabh Trivedi

शेष भाग👉 #hr_ddlj (पहले उन्हें पढ़े) एक गार्डन की बेंच के दो कोनों पर दो लोग बैठे हुए हैं, एक लड़का और एक लड़की, बीच में एक से दो लोगों के #yourquote #yqbaba #yqdidi #yqhindi #hr_story

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DDLJ 2.0
Chapter 4: फिर मेरी याद शेष भाग👉 #hr_ddlj
(पहले उन्हें पढ़े)

एक गार्डन की बेंच के दो कोनों पर दो लोग बैठे हुए हैं, एक लड़का और एक लड़की, बीच में एक से दो लोगों के

वो फिर आएगी

Titration "ध्यान रहे कि ब्यूरेट(burette) से सॉल्यूशन बूंद बूंद करके फ्लास्क(flask) में गिराना है और जब फ्लास्क के सॉल्यूशन का रंग रंगहीन से #Stories #yqbaba #इश्क़ #yqdidi #वोफिरआएगी #titration

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अनुमापन  ||  Titration
( अनुशीर्षक में पढ़ें ) Titration

"ध्यान रहे कि ब्यूरेट(burette) से सॉल्यूशन बूंद बूंद करके फ्लास्क(flask) में गिराना है और जब फ्लास्क के सॉल्यूशन का रंग रंगहीन से

Kulbhushan Arora

शायद 7 साल की उम्र होगी, 1962 की 63 की घटना है। Us ज़माने में तीन पैसे जेब खर्ची मिला करती थी, किसी दिन 5 पैसे भी मिल जाते, बस उस दिन तो बाद #yqquotes #yqzindagi #yqinspiration #yqkulbhushandeep #sabakzindagika

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चोरी करना सीख गया है,

आज कोई इसे खाना नहीं देगा।। शायद 7 साल की उम्र होगी, 1962 की 63 की घटना है। Us ज़माने में तीन पैसे जेब खर्ची मिला करती थी, किसी दिन 5 पैसे भी मिल जाते, बस उस दिन तो बाद
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