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theABHAYSINGH_BIPIN
White तमाम कोशिशों पर पानी फिर जाता है, फिरता है जब मन, सब कुछ ठहर जाता है। ये वक़्त को जाने क्या ही जल्दी रहती, थोड़ा वक़्त भी एक पल में गुजर जाता है। कहता हूँ कितना कुछ ख़ुद से हर रोज़, सोचते-सोचते कितना वक्त निकल जाता है। सोचा था कभी तो आएगी याद उन्हें भी, बस याद करते-करते हर वक़्त गुजर जाता है। वक़्त के सामने सब ठहर सा जाता है, जितना चाहूं, फिर भी निकल जाता है। हमेशा यादें रहें, मगर कमज़ोरी सी, गुज़रा हुआ वक्त सब कुछ बदल जाता है। याद के साथ आंसू पलकों पर ठहर जाते हैं, वक़्त को शायद सब कुछ बदलना होता है, कोशिशें खत्म नहीं होती उसे पाने की, वक़्त को बेवक्त होने से भी प्यार मर जाता है। तमाम कोशिशों पर पानी फिर जाता है, फिरता है जब मन, सब कुछ ठहर जाता है। ©theABHAYSINGH_BIPIN #good_night तमाम कोशिशों पर पानी फिर जाता है, फिरता है जब मन, सब कुछ ठहर जाता है। ये वक़्त को जाने क्या ही जल्दी रहती, थोड़ा वक़्त भी एक पल
#good_night तमाम कोशिशों पर पानी फिर जाता है, फिरता है जब मन, सब कुछ ठहर जाता है। ये वक़्त को जाने क्या ही जल्दी रहती, थोड़ा वक़्त भी एक पल
read moreनवनीत ठाकुर
क़िस्मत नहीं, हमारी चाहत का असर था, जो होने था, वो हमसे होकर गुज़रा था। वक़्त की शाखों पर जो पत्ते झरे थे कभी, वो फिर नई सुबह में मोहब्बत बनकर पिघला था। तेरे बिना जो था खाली, वो तेरा ख्वाब बना, वही ख्वाब अब हमारी हकीकत बनकर उभरा था। रात में जो था नवनीत कभी अधूरा, वो तेरे होने से अब रोशनी बनकर उजला था। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर क़िस्मत नहीं, हमारी चाहत का असर था, जो होने था, वो हमसे होकर गुज़रा था। वक़्त की शाखों पर जो पत्ते झरे थे कभी, वो फिर नई सुबह
#नवनीतठाकुर क़िस्मत नहीं, हमारी चाहत का असर था, जो होने था, वो हमसे होकर गुज़रा था। वक़्त की शाखों पर जो पत्ते झरे थे कभी, वो फिर नई सुबह
read moreLili Dey
माना कि तेरे रास्ते और मेरे रास्ते अलग था, मगर एक रोज मुलाक़ात तो हुआ था, दोस्ती भी हुई थी और इश्क भी हुआ था, मेरे इज़हार तुझे नापसंद था और तेरे इनकार मुझे चुभता था, फिर भी हमारे बीच कुछ तो था, मगर यह बता ही नहीं जो था वह क्या था ? ©Lili Dey क्या था
क्या था
read moreF M POETRY
White फिर से दुबारा पाएंगे तुझको ये ख्वाब है.. मिलना था खुश्नसीबी बिछड़ना अज़ाब है.. यूसुफ़ आर खान ल... ©F M POETRY #मिलना था.....
#मिलना था.....
read moreRajesh Sharma
सोचा आज प्यार लिखूं प्यार का मतलब क्या लिखूं ऊपर वाले की नियामत लिखूं या चाहने वाले की अदावत लिखूं मां का ममत्व लिखूं या पत्नी की मोहब्बत लिखूं बहनों का स्वाभिमान लिखूं या प्रेमी, प्रेमिका की जान लिखूं बेटियों की माथे की पप्पियां लिखूं या बेटों को बाहों में भर झपिया लिखूं सोचा आज प्यार लिखूं तुम्हीं बताओं और क्या लिखूं प्यार समर्पण लिखूं या प्यार निश्छल दर्पण लिखूं प्यार खुशी लिखूं या प्यार खुशहाली लिखूं तुम्हीं बताओं और क्या लिखूं सोचा आज प्यार लिखूं ©Rajesh Sharma #Love सोचा आज प्यार लिखूं
Love सोचा आज प्यार लिखूं
read moreF M POETRY
White दर-ब-दर ठोंकरें खाएंगे तेरे प्यार में हम.. हमने सोचा भी न था तूने बताया भी न था.. यूसुफ़ आर खान.... ©F M POETRY #हमने सोचा भी न था...
#हमने सोचा भी न था...
read moreRakesh frnds4ever
सोचा था कि बड़े चाव से ये करेंगें वो करेंगें पर जिंदगी की परिस्थितियों हालातों और जीवन के लेखों जोख़ों ने सभी चाह मार दिए हैं ©Rakesh frnds4ever #सोचा था कि बड़े #चाव से ये करेंगें वो करेंगें ,, पर #जिंदगी की परिस्थितियों , हालातों और जीवन के #लेखों_जोख़ों ने सभी #चाह #मार दिए हैं