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Mrunal-(मृणाल)
White उसे चोट लगती है तो तकलीफ़ मुझे होती है, मुझे चोट लगती है तो बेचैनी उसे भी होती है। दिल के इस रिश्ते को क्या नाम दें, जो जुबां से नहीं, मगर रूह से महसूस होती है। उसके दर्द से मेरी आँखे नम हो जाती हैं, मेरे ग़म से उसकी रातें भी तन्हा हो जाती हैं। मगर ये कैसी मजबूरी है हमारी, कि हम खुलकर जज़्बात नहीं कह पाते हैं। ख़ामोशी में भी इश्क़ की सदा सुनाई देती है, बिना कहे उसकी फ़िक्र दिखाई देती है। लफ्ज़ों की कैद में रिश्ते नहीं बंधते, ये एक ख़ास एहसास है जो खुद-ब-खुद समझी जाती है। काश, कभी वक़्त थम जाए इस कदर, कि दिल की हर बात लफ़्ज़ों में उतर जाए। जो आज सिर्फ़ आँखों से बयान होती है, वो मोहब्बत खुलकर इज़हार हो जाए। Mrunal(19/06/24) ©Mrunal-(मृणाल) #sad_quotes #Nojoto #Shayari #Quotes #Poetry #poem #Love #Hindi #Quote shayari on love
–Muku2001
की ये वक्त भी न जाने कितना बदलाव ले आया वो सुकून सी बचपन वाली मुस्कुराहट में बहुत ही जल्द ठहराव ले आया की न जानें क्यों अब वो हर खुशी बचपन वाली मुस्कुराहट नहीं लाती क्योंकि अब हर किसी के चेहरे पर वो दिखावटी मुस्कान जो आती, की अब तलाशता हु मैं हर उन पलो को जो बीना स्वार्थसी वो हसी ले आए परेशानसी इस जिंदगी में वो सुकून भरी मुस्कान ले आए ! ©–Muku2001 #childhood_memories #Quote #Smile #Happy #muku2001 #Zindagi #Life #बचपन #Childhood #story quotes on life life quotes in hindi quotes
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read moreWriter Mamta Ambedkar
गद्दारों के शहर में दिल की बात कहे भी तो, किससे कहे, यहां सब गद्दार हैं। चेहरे पर मुस्कान, दिल में खंजर, हर कोई छल-कपट का साकार है। बातों में मलहम, हाथों में नमक, दिखावटी अपनापन हर ओर है। दर्द पूछते हैं, सहला के, फिर घावों को चीरने का जोर है। यहां सच की आवाज़ दबा दी जाती, झूठ के सिक्के खनकते हैं। अपनों के बीच भी परायापन, दिलों में फासले पलते हैं। तो किससे कहें ये दिल की बात, कौन सुनेगा हमारी पुकार? इस अंधेरे में ढूंढ़ रहे रोशनी, जहां हर रिश्ता एक व्यापार। पर दिल है कि उम्मीद नहीं छोड़ता, शायद कहीं कोई अपना भी हो। जो मलहम भी लगाए, सहलाए, और नमक के घावों से बचाए। ©Writer Mamta Ambedkar #Childhood
Avinash Jha
वात्सल्य का स्पर्श जब मुस्काए किलकारी बन, भर दे घर आंगन की चहल-पहल। छोटे हाथों की छुअन से, झूम उठे सारा घर-आलय। नन्हें कदमों की वो आहट, जैसे सुबह का पहला किरण। माँ के आंचल में छुप जाए, पिता के कंधों पर वो सुमिरण। उनकी हँसी का संगीत सुन, दीवारें भी गुनगुनाने लगतीं। खिलौनों की मीठी बातें, हर कोना दर्पण बन जातीं। नटखट शैतानी में छिपा, जीवन का अनमोल ज्ञान। हर बिखरी चीज़ में झलकता, स्नेह का अनुपम सम्मान। माँ के हाथों से खाए निवाले, स्वाद बन जाते हैं अमृत। पिता की उँगली पकड़कर चले, हर सफर लगता है सरल। वो छोटे-छोटे सवाल, जैसे गूंजें नदियों के सुर। उनकी जिज्ञासा से सीखें, हर पल का अद्भुत मर्म। इस वात्सल्य की सुगंध से, महक उठे हर आशियाना। एक बच्चे की मासूमियत से, सजता है सारा जमाना। ©Avinash Jha #Childhood
Bharat Bhushan pathak
#विधा-सोरठा छंद देकर जिसने प्राण,रक्षित जीवन को किया। लिया नहीं अवकाश,सेवा माता को दिया।।१ खाते हरदम चोट,तपते रवि सम ही यहाँ । पल भर को भी चैन,लेते वो बोलो कहाँ।।२ छोड़ सदा परिवार,सदैव सरहद पे रहें। करते सबसे प्रेम,वार शत्रु के भी सहें।।३ मिले हमें आनंद,उपाय करते हैं यही। रहते ओढ़े बर्फ,कहता एकदम हूँ सही।।४ ©Bharat Bhushan pathak poetry in hindi poetry lovers hindi poetry hindi poetry on life poetry on love
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read moreChandan Navik 'VINAMRA'
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read more#कहेंगे ना...
दुनियां की सबसे बड़ी त्रासदी है, बच्चों से उसका बचपन छीन लेना। ©#कहेंगे ना... childhood
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read moreDear ma'am
बचपन में सबसे अधिक पूछा गया एक सवाल: बड़े होकर क्या बनना है? अब जाकर जवाब मिल रहा है, कि फिर से ही बच्चा बनना है। फर्क बस इतना है. एक बचपन का जमाना होता था, जब खुशियों का जमाना था चाहत होती चांद को पाने की, मगर अब दिल केवल भावना नाम की तितली का दीवाना है क्यों की दिल तो बच्चा है जी Happy Children’s Day! ©Dear ma'am #Childhood
SILENT BABA
Title - " बिदाई " बेटी के जन्म से ही माता-पिता को,,, सबसे पहले मन में यहीं बात आती हैं कि बेटी तो एक दिन दूसरे घर में जानी है माता-पिता बेटी को ,,,,, हर दुःख दर्द से दूर करने की कोशिश करते है जब उसकी शादी की बात आती है ,,,,,, तब उसकी बिदाई की फ़िक्र में परेशान रहते हैं कि बेटी को ससुराल वाले ताने ना दे ,,,,,,, ©SILENT BABA #Sad_Status poetry in hindi hindi poetry poetry poetry on love hindi poetry on life
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read moreLili Dey
ଟିକି ପିଲା ଟିକି ପିଲା ଟିକି ଯେ ତାର ମନ, ତମେ ଭଲସେ ନେବ ତାର ଯତନ । କଅଁଳିଆ ହୃଦୟ କୁ ତାର ସଜାଡ଼ି ଶିଖିବ, ତମେ ଯେମିତି ଗଢିବ ସେ ସେମିତି ହେବ । ସବୁବେଳେ ଶିଖାଇବ ତାକୁ ଭଲ ବ୍ୟବହାର, ତାକୁ ସଦା କହିବ କରିବ ପାଇଁ ପରୋପକାର । ଟିକି ପିଲା ଟିକି ପିଲା ଟିକି ଯେ ତାର ମନ, ତମେ ଭଲସେ ନେବ ତାର ଯତନ । ଲକ୍ଷେ କାମ ଛାଡ଼ି ରଖିବ ତା ଉପରେ ନଜର, ହେଳା କରିଲେ ତା ପ୍ରତି ସେ ଶିଖିବ କେମିତି ସୁବିଚାର । ମାତା ପିତା ତା ପ୍ରତି ଧ୍ୟାନ ଦେଲେ ତା ଜୀବନ ହେବ ଯେ ସୁଖମୟ, ତମ ଠୁ ପାଇ ଭଲ ସଂସ୍କାର ସେ ଦୁନିଆ ରେ ଗଢ଼ିବ ତା ନିଜ ପରିଚୟ । ଟିକି ପିଲା ଟିକି ପିଲା ଟିକି ଯେ ତାର ମନ, ତମେ ଭଲସେ ନେବ ତାର ଯତନ । ©Lili Dey #Childhood