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CK JOHNY
बहुत हो चुका बर्बादी का रोना आज गीत आज़ादी के गायेंगे। बेरंग हो चुकी इस ज़िंदगी में आज हम तिरंगा इक रंग जायेंगे। कुर्बानी का रंग कुछ रंग अमन का हरा भरा रंग भर देंगे अपने चमन का। हर तरफ खुशियों के फूल खिल जायेंगे। बहुत हो चुका बर्बादी का रोना आज गीत आज़ादी के गायेंगे। गरीबों कुचलों के आँसू पोंचे हाथ थाम उनका कुछ सोचें। हर हाथ को काम दें पैरों पर उन्हें खड़ा करें। अपने हिंदुस्तानी होने का हक अदा करें। देखो कैसे फिर सबके दिल मिल जायेंगे। बहुत हो चुका बर्बादी का रोना आज गीत आज़ादी के गायेंगे। बी डी शर्मा चण्डीगढ़ 15.08.2020 आज़ादी के गीत
Harish
मन होता है आज एक गीत गुनगुनाऊं। कभी टूटी आसों में, धुंधलाती विश्वासों में, नवजीवन की अहसास जगाऊं। मन होता है आज, एक गीत गुनगुनाऊं। कुछ रिश्तों की गांठों को, दिल में आयी बांटो को फ़िर से एक बार सुलझाऊं, मन होता है आज एक गीत गुनगुनाऊं। कुछ अधूरी लकीरों को, द्वार पर खड़े फकीरों को, उनके मंज़िल तक पहुचाऊं। मन होता है आज एक गीत गुनगुनाऊं। उन हाथों की छुअन को, ममता की तपन को, फ़िर एक बार अपने पास लाऊं। मन होता है आज एक गीत गुनगुनाऊं। अतीत में दबे गहरे, व्यतीत हुए बहुत ही सुनहरे, उन खूबसूरत पन्नों को फ़िर आज वापस पाऊं। मन होता है आज एक गीत गुनगुनाऊं। अतीत के गीत
Vivek
मन के गीत देह पे बहे झरने की तरह जल के दर्पण में शब्दों ने अपना सिंगार देखा हर वर्ण ने अपना रूप देखा लेखनी ने अपना प्यार देखा...!!! ©Vivek #मन के गीत
Rajni Bala Singh (muskuharat)
कुछ कहते क्यों नहीं पास बैठे हो मुस्कुराते क्यों नहीं रूसवाईयों में ज़िन्दगी गुजर गई जो वख़्त बचा है उसमें प्यार के गीत गुनगुनाते क्यों नहीं ©Rajni Bala Singh (muskuharat) #प्यार के गीत