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Who looks outside, dreams; who looks inside, awakes - Carl Jung Carl Jung Quotes
Carl Jung Quotes
read morejhalli
जाने क्यों ? मोहब्बत में आज वो , कुछ मजबूर सा दिखा। पास था मेरे ,मगर थोड़ा दूर सा दिखा। चेहरे पर उदासी थी , आंखों में नमी होठों पर खामोशी और लफ्जो की कमी, वक्त से हारा, थका हुआ , दर्द में चूर सा दिखा , जाने क्यों......... कहने को कुछ भी ख़ास नहीं , रही बाकी कोई प्यास नहीं बस खुद में खोया खोया सा अब जैसे कोई आस नहीं कुछ बिखरा सा, कुछ टूटा सा खुद अपने से वो रूठा सा , मासूम सी मुस्कुराहट में , वो बेबस सा बेकसूर दिखा जाने क्यों................ ............। jhalli ©jhalli #poetyunpluged poetry contest
#poetyunpluged poetry contest #अनुभव
read moreMiss Rk.
सुना है अभी तो एक बार,अभी से नजरों को उसके दीदार का चस्का लगा लिया है ये आने वाली हवाएं उसके घर की गलियों से उसकी खुशबू से मेरा घर महका जाता हैं खबर सुने जब–जब उसके आने की इन पलकों का जोड़ा शर्म से झुका जाता है उसे देखने की चाहत भर के लिए अपना घर उसके घर के करीब बना लिया है ना जाने क्या सोचकर या सोचा ही नहीं कुछ बातों से उसकी उसको हमसफर बना लिया है आए कोई बादल रहम का मेरे घर की छत पर इंतजार में कितना समा यूं ही गुजार लिया है सुना है अभी तो एक बार,अभी से नजरों को उसके दीदार का चस्का लगा लिया है ©Reeju Kamboj #Nojoto #Poetry #Contest #OneSeason
Miss Rk.
डॉक्टर्स मुट्ठी में रख जान अपनी बचाए हैं कितने परिवार क्या गुण पाए हैं तुमने,जो निस्वार्थ है तुम्हारे विचार छोड़कर निवाला मुंह का दौड़े चले आ रहे हो थामा है जो फर्ज अपना बखूबी तुम निभा रहे हो याद रहता है हर वक्त जिंदगीयों के लिए तुम्हारा बलिदान हम बार बार सच्चे दिल से व्यक्त करते है आपका आभार ©Reeju Kamboj #Nojoto #Contest #Poetry #DearDoctors
Miss Rk.
#MessageOfTheDay बड़े शहर की चाहत छोटे शहर को रुसवा कर देती है इन मंजिलों की चाहत हमें जमीन से जुदा कर देती है मेहमान बनकर आए हुए जब बस जाते हैं आकर मिश्री की मिठास भी कड़वाहट में बदल जाती है ©Reeju Kamboj #nojoto #Contest #Poetry #Messageoftheday
nojoto #Contest #Poetry #Messageoftheday #शायरी
read moreMrunali Mandlik
डरता क्यू हैं तू, जरा आगे तो बढ, दिखी है अभी एक ही सिढी, जरा उसपर चढके तो देख। तुझे पिछे खिचने वाले बहोत हैं, उनको जरा खुदसे दुर करके तो देख। असंभव कुछ भी नहीं है, तू बस थोड़ी, कोशिश तो करके देख। अपने माँ बाप को खुशी देने के लिए जरा तु भी थोडी तकलीफ सहके तो देख। ©Mrunalini Mandlik #poetry unplugged contest # #Success