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Minsar Ali
My daughter ©Minsar Ali Minsar ali Daughter inaya Ali #Minsarali
Minsar ali Daughter inaya Ali #minsarAli
read moreSatya Chandan
White उस दर्दमंद शख्स को आराम क्या मिले जिसको दवा मिले न किसी की दुआ मिले हम लोग साथ साथ हैं तब तक ही ज़िंदगी जब तक न मेरी मौत को मेरा पता मिले तुझको भी इंतजार है चाहत के अक्स का मुझको भी है तलाश कोई आइना मिले ये क्या कि रोज़ इश्क़ ओ मुहब्बत पे बात हो अब गुफ्तगू का कोई तो पहलू नया मिले अपनी उदासियां न किसी को दिखाइए दुनिया तो चाहती है कोई मुददआ मिले अहसाँ के तौर पर न मुआफी कुबूल है मैं हूं गुनाहगार तो मुझको सज़ा मिले अश्कों की इस किताब को रखिए संभाल करऔर तब दिखाइए जब इसे पारसा मिले सत्य चंदन ©Satya Chandan #ghazal
MSA RAMZANI
मुल्क में फिरका परस्ती को हवा दी तुमने यानि अंग्रेज की फिर याद दिला दी तुमने चादर असमत की कभी सर पे जला दी तुमने कभी मजलूम की गर्दन भी उड़ा दी तुमने रूह जब छोड गई तन तो सदा दी तुमने ए मसीहाओ बहुत देर लगा दी तुमने तुमने हमदर्दी व इख्लाक की कब्रे खोदी अपने ही मुल्क की तहजीब गवां दी तुमने जिस कहानी से तफरीक की बू आती है क्या कयामत है कि वो बच्चों को सुना दी तुमने हम अगर शमा मुहब्बत भी जलाये तो जलन हो तुमको सारे गुलशन में तो ऐ रमजानी आग लगा दी तुमने 17/6/15 ©MSA RAMZANI Ghazal
Ghazal
read moreMSA RAMZANI
शहर ए उल्फत में जिसे देखा था हू-ब-हू वो तेरे जैसा था तेरी यादे थी मेरी हमराही वरना मैं और घना सहरा था भीगी भीगी थी निगाहें उसकी हिज्र में मेरे वो भी रोया था आज भी दिल में बसा रखा है दर्दे उल्फत जो कभी पाया था इश्क की तपती हुई राहो मे टूटी दीवार का मैं साया था क्या मुहब्बत में महकते दिन थे टूटकर उसने मुझे चाहा था महकी महकी है, फिजाय रमजानी कौन ख्वाबो में मेरे आया था 14/10/15- ©MSA RAMZANI Ghazal
Ghazal
read moreRajneesh Kumar
White उसी रफ़्तार से चलती है गाड़ी तुम्हारे प्यार से चलती है गाड़ी ©Rajneesh Kumar #ghazal se
#ghazal se
read moreविष्णु कांत
White ये चांद आसमां पर क्यों है, जमीं पर उतारो इसे.. मुझे पहरेदार लगाने हैं..!! ©विष्णु कांत #Chand
Yogita Harne
Unsplash अपने हर दाग के साथ-साथ यह चांद हर हाल मे चमकता है कभी सूरज से कोई होड़ नही की जो मिला प्रकाश उसी मे निखरता है न मिला दिन का साम्राज्य वो रात से दोस्ती करता है.. वो चांद है पर मुझे अपनी तरह ही लगता है... ©Yogita Harne Chand
Chand
read moreArpan Mukherjee
Unsplash Kabhi dekha hai Chand ko muskurate hue? Maine dekha hai Unhe sharmate hue zulfon ko kano ke peeche karte Maine dekha h.. Unke hathon main mehndi ke laal rang ko khilte hue Maine dekha h.. Dekha hai kaan ki bailyon ko nachte unki, Unki mathe main bindi ko sajte Maine dekha hai Maine dekha hai unki ankhon ke haya ki chamak ko. Unki hoton main manmohak muskan Maine dekha hai.. Haan Maine Chand ko muskurate hue dekha hai.. ©Arpan Mukherjee Kabhi dekha hai chand ko muskurate hue? #camping #Chand #muskurahat #Shayari #Shayar #kavita #poems poetry lovers love poetry in hindi hind