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Stories related to हँसते हँसते रोना सिखा

Anuradha T Gautam 6280

#तजुर्बा जीने का तरीका सिखा रही है हालात तजुर्बा उम्र का मोहताज नहीं मुझे जिंदगी का इतना तजुर्बा तो नहीं दोस्तों पर मैं कहती हूं यहां

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#तजुर्बा 
जीने का तरीका सिखा रही है हालात 
तजुर्बा उम्र का मोहताज नहीं 
मुझे जिंदगी का इतना 
तजुर्बा तो नहीं दोस्तों 
पर मैं कहती हूं 
यहां सादगी से कटती नही..🖊️
     #अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻‍♀️
     २७/१२/२४

©Anuradha T Gautam 6280 #तजुर्बा 
जीने का तरीका सिखा रही है हालात 
तजुर्बा उम्र का मोहताज नहीं 
मुझे जिंदगी का इतना 
तजुर्बा तो नहीं दोस्तों 
पर मैं कहती हूं 
यहां

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर ख़ुदा करे, इक सांस बगावत की भी मयस्सर हो, ये ज़िंदगी तो बस सलीकों में सिमट गई। दिल ने चाहा कि ज़रा बेख़ौफ धड़क लें, मगर हर धड

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ख़ुदा करे, इक सांस बगावत की भी मयस्सर हो,
ये ज़िंदगी तो बस सलीकों में सिमट गई।

दिल ने चाहा कि ज़रा बेख़ौफ धड़क लें,
मगर हर धड़कन अदब के साए में घुट गई।

अब इल्तिज़ा है कि थोड़ा खुला आसमान मिले,
वरना ये हसरत भी वक्त के साथ ही मिट गई।

ज़िंदगी जो हँसते हुए बसर करनी थी,
वो शिकायतों के दायरों में ही सिमट गई।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
ख़ुदा करे, इक सांस बगावत की भी मयस्सर हो,
ये ज़िंदगी तो बस सलीकों में सिमट गई।


दिल ने चाहा कि ज़रा बेख़ौफ धड़क लें,
मगर हर धड

N S Yadav GoldMine

#leafbook {Bolo Ji Radhey Radhey} किसी के दर्द को समझने के लिए, एक व्यक्ति को इंसान या एक व्यक्ति के अंदर इंसान होना जरूरी है, वर्ना व्यर्थ

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Unsplash {Bolo Ji Radhey Radhey}
किसी के दर्द को समझने के
लिए, एक व्यक्ति को इंसान
या एक व्यक्ति के अंदर इंसान
होना जरूरी है, वर्ना व्यर्थ है,
वैसे भी हर जगह रोना समय
व्यर्थ करना मात्र है।।
जय श्री राधेकृष्ण जी।।
N S Yadav GoldMine.

©N S Yadav GoldMine #leafbook {Bolo Ji Radhey Radhey}
किसी के दर्द को समझने के
लिए, एक व्यक्ति को इंसान
या एक व्यक्ति के अंदर इंसान
होना जरूरी है, वर्ना व्यर्थ

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर चल पड़े हैं तो मुसाफ़िर नहीं रुकने वाले, मंज़िलें कहती हैं, रस्ते भी झुकने वाले। ज़िंदगी शेर थी, अब शेर मैं बन बैठा, जो मुझे ख

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चल पड़े हैं तो मुसाफ़िर नहीं रुकने वाले,
मंज़िलें कहती हैं, रस्ते भी झुकने वाले।

ज़िंदगी शेर थी, अब शेर मैं बन बैठा,
जो मुझे खा नहीं पाया, वो सबक बन बैठा।

तूफ़ानों से लड़ने का हुनर सिखा दिया,
नाव डूब भी गई तो समंदर बना दिया।

राह मुश्किल थी, मगर इरादा बुलंद था,
ख़ुद को हारा नहीं समझा, यही फ़र्ज़ था।

जंग जीतेंगे वही, जो लड़ने का हौसला रखें,
हार भी सर पे सजे, वो विजेता बनें।

मौत भी कहती रही, मुझसे किनारा कर ले,
मैंने हंसकर कहा, जीने का सहारा कर ले।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
चल पड़े हैं तो मुसाफ़िर नहीं रुकने वाले,
मंज़िलें कहती हैं, रस्ते भी झुकने वाले।

ज़िंदगी शेर थी, अब शेर मैं बन बैठा,
जो मुझे ख

नवनीत ठाकुर

#हिंदू न खतरे में था, न है न कभी ये रहेगा, डर का व्यापार करने वाला, खुद सजेगा। करोड़ों की आबादी बड़ा ली हमने, बताओ सच तो फिर डर किस बात का।

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White हिंदू न खतरे में था, न है न कभी ये रहेगा,
डर का व्यापार करने वाला, खुद सजेगा।
करोड़ों की आबादी बड़ा ली हमने,
बताओ सच, तो फिर डर किस बात का।

गुणवत्ता की जरूरत है, न कि मात्रा की,
संख्या का क्या मोल, जब कमी हो ज्ञान की।
प्लासी की लड़ाई भी सबक सिखा गई,
इतनी बड़ी आबादी मुठ्ठी भर अंग्रेजों से हार गई।

आज चंद यहूदियों ने दुनिया हिला दी,
कर्म और बुद्धि से किस्मत बना दी।
तो क्यों न हम अपने को मज़बूत बनाएं,
गुण और शिक्षा से नई रीत लाएं।

जरूरत है पुरुषार्थ की, परमार्थ की,
धर्म को समझने वाले सच्चे विचार की।
राजनीति की रोटियां सेंकना छोड़ो,
धर्म को हथियार बनाना अब मोड़ो।

आत्मबल से जीतें, प्रेम का दीप जलाएं,
हिंदूत्व का मतलब सही सबको समझाएं।
हिंदुत्व सिर्फ धर्म नहीं, बल्कि जीने का तरीका है,
हर मनुष्य के उत्थान की सच्ची अभिव्यक्ति का तरीका है।

©नवनीत ठाकुर #हिंदू न खतरे में था, न है न कभी ये रहेगा,
डर का व्यापार करने वाला, खुद सजेगा।
करोड़ों की आबादी बड़ा ली हमने,
बताओ सच तो फिर डर किस बात का।

नवनीत ठाकुर

मेरे दिल के हर कोने में है ग़म, मैं अगर न रहूं तो रोना मत।

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मेरे दिल के हर कोने में है ग़म,
अगर मैं न भी रहूं तो रोना मत।
मेरे बाद भी तुम मुस्कुराना,
याद आ भी जाए तो खोना मत।

©नवनीत ठाकुर मेरे दिल के हर कोने में है ग़म,
मैं अगर न रहूं तो रोना मत।

बेजुबान शायर shivkumar

बिल्कुल, यह जीवन की एक सच्चाई है । हम अक्सर किसी नए काम या एक नए चुनौती के लिए तैयार नहीं होते, लेकिन जब हम उसे करना शुरू करते हैं,

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जिवन् एक्

©बेजुबान शायर shivkumar बिल्कुल, यह #जीवन  की एक #सच्चाई  है ।
हम अक्सर किसी नए काम या 

एक नए #चुनौती  के लिए तैयार नहीं होते, 
लेकिन जब हम उसे करना शुरू करते हैं,

Anjali Singhal

"हाल-ए-दिल पे अपने रोना आया, धड़कन सिसकी तो हर साँस पे रोना आया! भूल गए ख़ुद को भी जिसकी चाहत में, होश आया तो उस मदहोशी पे रोना आया! चल उ

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