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Stories related to साम्राज्ञी का नैवेद्य-दान की व्याख्या

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Anjani Upadhyay

पिनकोड की व्याख्या

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PUJA VERMA

प्रेम की व्याख्या #कविता

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Shaikh Akhib Faimoddin

व्याख्या जीवन की.. #कविता

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व्याख्या जीवन की
क्या व्याख्या करुँ मै इस जीवन की जिसकी कोई व्याख्या ही नही
हर दिशा से मिलती है मुझे विषमता
क्या यही विषमता तो जीवन नही|

कोई सब कुछ होकर भी रोता है तो कोई कुछ ना होके भी हसता है
किसीका जीवन मधुबन तो किसीका रेगिस्तान भी नही
क्या यही विषमता तो जीवन नही|

जिसने सत्य को ही जीवन माना उसके किसीने छुए चरण नही
जिसने किया समाज को खोकला उसके खिलाफ कोई आवाज नही
क्या यही विषमता तो जीवन नही|

माना जीवन सुख दुख का संघर्ष ही सही पर इसके परिणामों में समानता क्यों नही
किसीको जलाया जाता है चंदन की चीता पर तो किसीको मिलता कफन भी नही
क्या यही विषमता तो जीवन नही|

अंत में क्या सही और क्या गलत इसका मिलता कोई जवाब नही
क्योंकि हर दिशा से मिलती है मुझे विषमता
क्या यही विषमता तो जीवन नही|
फिर भी करना चाहता हुँ व्याख्या जीवन की जीस जीवन की कोई व्याख्या ही नही| व्याख्या जीवन की..

Dharmraj lohar

गीता की व्याख्या #विचार

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Anjani Upadhyay

फ़िल्म शहीद 1965 के गीत की व्याख्या #व्याख्या #विचार

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KAHANI WALA

"दान का महत्व "

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ANIL KUMAR

प्रेम का दान #Thoughts

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DIGVIJAY BHARAT

फलदान की रस्मो पे पांच फलो का दान

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Bhakti Kalptaru

दान की महिमा #विचार

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वाताभ्रविभ्रममिदं वसुधाधिपत्यं
            आपातमात्रमधुरा विषयोपभोगाः।
प्राणास्तृणाग्रजलविन्दुसमा नराणां
            धर्मः सदा सुहृदहो न विरोधनीयः॥

अर्थ:- इस सम्पूर्ण पृथ्वी का आधिपत्य भी हवा में उड़ने वाले बादल के समान (क्षणभंगुर) है, यह धन-सम्पदा, पद-प्रतिष्ठा सदा बनी रहे ही रहेगी- ऐसा समझना केवल भ्रान्तिमात्र है। इन्द्रियों के विषय-भोग केवल आरम्भ में ही अर्थात् केवल भोगकाल में ही मधुर लगते हैं, उनका अन्त अत्यन्त दुःखदायी है। प्राण तिनके के नोक पर अटके हैं हुए जल की बूंद के समान हैं, किस क्षण निकल जाएँ कोई भरोसा नहीं। एकमात्र धर्माचरण-सत्कर्मानुष्ठान ही ऐसा है, जो मनुष्यों का  सनातन एवं सच्चा मित्र है, अतः उसका कभी विरोध ( तिरस्कार) नहीं करना चाहिये, अपितु अत्यन्त प्रयत्नपूर्वक दानधर्मादि सत्कर्मानुष्ठान के अनुपालन में सतत संलग्न रहना चाहिये। दान की महिमा

Ravi Rastogi

ajj कल का दान । मत करो ऐसा दान।।

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आजकल दान देना का यह हिसाब है।

सुर्खियां बटोरने के लिए।

फोटो खींचने का रिवाज है। ajj कल  का दान । 

मत करो ऐसा दान।।
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