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କିଶାନ୍
Unsplash राष्ट्र का संघर्ष जब बात राष्ट्र पर आएगी स्वाभिमान धरा टकराएगी। जब दीपक पर खतरा होगा, अंधियारों का मंजर होगा। गर्जन होगा असुरों का जब, दैत्यों का जब शासन होगा। जब बात युवाओं पर आएगी, तब क्या लगता है हम सो रहे होंगे? अहिंसा को लेकर हम ढो रहे होंगे। कर्तव्यहीन हम हो रहे होंगे, उम्मीद आशा की खो रहे होंगे। क्या नहीं दीखेंगे भगत सिंह? क्या नहीं दीखेंगे राणा प्रताप? क्या नहीं दिखेगी खूनी नदियां? क्या नहीं दिखेगा तांडव नृत्य? क्या भूल चुके हम रक्तपात? क्या हो गया वीरों का सर्वनाश? क्या वीर विहीन हो चुकी है सृष्टि? निर्वस्त्र हो चुकी है सृष्टि, गुलाम बना लिया है अहंकारी ने। ज्ञान नहीं है गुलामी का, पता नहीं है अभिमानी का। युद्ध क्या यह हो पाएगा? या दीपक यूं ही बुझ जाएगा? क्या निकलेगा चाणक्य धरा से? चंद्रगुप्त क्या उठ पाएगा? स्वाभिमान रहेगा कदमों पर क्या? क्या भारत, भारत रह पाएगा? क्या भारत, भारत रह पाएगा? ©କିଶାନ୍ #India अdiति Aj stories Writer SHIVAM MISHRA Richa Chaubey hindi poetry poetry lovers Entrance examination love poetry in english
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read moreMurali
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read moreVijay Vidrohi
White सूख गए हों सबके प्राण झुक गया हो आसमान 6 दिसंबर 1956 को जब हुआ बाबा साहब का महापरिनिर्वाण। छोड़ गए हम सबका साथ रहा नहीं है सर पर हाथ उनके बिन अब कौन करेगा वंचित पिछड़ों के हकों की बात। खुद मर कर किया बुद्ध को जिंदा हैं उनके जैसे शख्स चुनिंदा आज तलक है मिशन अधुरा बाबा साहब हम हैं शर्मिंदा। किया शूद्रों का कल्याण महिलाओं को दिया सम्मान भारत का लिखा संविधान उनके जैसा नहीं कोई महान। सिंबल आफ नॉलेज है वो शिक्षा का कॉलेज है वो महिलाओं वंचित पिछड़ों के अधिकारों का सोर्सेज है वो। ©Vijay Vidrohi बाबा साहब महापरिनिर्वाण दिवस #my #tribute_to_baba_sahb #Poetry #poem #love #india #equality #RESPECT #Constitution poetry urdu poetry
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read moreVijay Vidrohi
White बंटोगे तो कटोगे ऐसे ये अब नारे लगाता है रहोगे एक तो हैं सेफ कहकर भरगलाता है ©Vijay Vidrohi Rajniti #sad_quotes #Jhooth #Thoughts #shayri #life #india poetry in hindi poetry poetry lovers deep poetry in urdu poetry quotes
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read moreRiyaan Bilal
ماہ نور کا پگھلنا پھر فلک سے اشک بن کے اترنا اس منظر کی روح یہی ہے فَبِأَىِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ ریان بلال ©Riyaan Bilal #srinagar #kashmir #Mumbai #srinagar #India #IndianArmy India urdu poetry deep poetry in urdu poetry lovers love poetry for her poetry on
Vijay Vidrohi
देश में अपराध ऐसे चल रहे हैं बेगुनाहो के यहां घर जल रहे हैं। लूट लेते दिनदहाड़े राहगीर को हो रहे सरेआम कत्ल रहे हैं फस गया फिरदौस होकर बेगुनाह पुलिस वालों को भी हफ्ते मिल रहे हैं। एक नया रोजगार पैदा कर दिया है देश के युवा पकोड़े तल रहे हैं। रोजगारी न्याय और सुरक्षा के झूठे वादे देकर जान को छल रहे हैं। अर्थव्यवस्था गिरी है धड़ाम से देश के विकास का दावा कर रहे हैं। हो गए हैं एक दो बस अरबपति जिनके खाते विदेशों में चल रहे हैं। ले उड़े हैं देश के धन को भगोड़े माफ कर्जा बार-बार कर रहे हैं भुखमरी महंगाई यूं बढ़ रही है किसान-युवा आत्महत्या कर रहे हैं। ©Vijay Vidrohi देश के हालात #my #new #poem #Poetry #love #India #life #shayri #like #share poetry quotes poetry sad urdu poetry deep poetry in urdu
Vijay Vidrohi
White देश में अपराध ऐसे चल रहे हैं बेगुनाहो के यहां घर जल रहे हैं। अजी कैसे बचेगी बेटियां आबरु बलात्कारी कैद से निकल रहे हैं। और उनके भी स्वागत में यहां ढोल-बाजे फूल-माला डल रहे हैं। रो रही है रोज मांएं चीख-चीख उनके बेटे सीमाओं पर मर रहे हैं पूछता है मांग का सिंदूर यूं क्यों ये आतंकवादी हमला कर रहे हैं पेट भरना भी हुआ मुश्किल यहां प्याज मिर्ची 100 के पार चल रहे हैं मजदूर कैसे खाएगा बादाम शेक वस्तुओं के दाम यूं उछल रहे हैं। लूट लेते दिनदहाड़े राहगीर को हो रहे सरेआम कत्ल रहे हैं फस गया फिरदौस होकर बेगुनाह पुलिस वालों को भी हफ्ते मिल रहे हैं। ©Vijay Vidrohi देश_के_हालात #sad_quotes #my #new #poem #poetry #love #india #thinking #viral #shayri hindi poetry poetry lovers poetry in hindi p
_बेखबर
White डरना है तो जीवन से डरना मौत से क्या डरना मौत एक बार मारेगी इस भव से पार उतारेगी सब द्वंद्व खत्म कर देगी परम् शून्य से भर देगी ना रीत बचेगी ना रिवाज छूट जायेगा अतरंगी समाज खत्म कर देगी सब पाना या करना डरना है तो जीवन से डरना मौत से क्या डरना ©_बेखबर #sad_quotes poetry in hindi poetry poetry quotes love poetry in hindi
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