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Stories related to अंडाकार चेहरा आकार पुरुष केशविन्यास

chahat

मुस्कराता चेहरा sad poetry

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White   मोम रोशनी देती है।
वो जलती है 
पिघलती है
पर सबको रोशन करती है।
उसका जलना पिघलना 
कोई नही देखता,
सबको सिर्फ रोशनी दिखती है....
मुस्कराता हुआ चेहरा भी 
तो होता है मोम की तरह,
ऐसा नही की उसे ..
दर्द नही होता है।
वो अक्सर अंदर ही अंदर 
खुद को समेट रोता है
पर सबको खुशी देता है।।

©chahat मुस्कराता चेहरा
 sad poetry

Praveen Jain "पल्लव"

#delhiearthquake किया चेहरा दिल्ली का बदलेगा

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पल्लव की डायरी
फिर हुयी एक शपथ दिल्ली में
किया चेहरा दिल्ली का बदलेगा
गन्दगी और कूड़ा पोलटिक्स से
सियासतों का दिल पिघलेगा
गरीबो के लिये दिल्ली कैसी होगी
किया उनका गुजारा 
मजदूरी और रेडी पटरी से होगा
हाँफते दिल और एलर्जी से ग्रसित लोगो को
 प्रदूषण से छुटकारा होगा
नशा और अपराध से पीड़ित दिल्ली को
स्वस्थ्य मानसिकता से जीने का अधिकार मिलेगा
शिक्षा अध्ययन में अब्बल रही हमेशा दिल्ली
माहौल विद्यार्थियों को पढ़ने का
सौहार्द्र और शांति का मिल सकेगा
भार कंधों पर दिल्ली का है
दल बल से मुख्यमंत्री ऊपर उठ सकेगा
                                        प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #delhiearthquake किया चेहरा दिल्ली का बदलेगा

Praveen Raj

#love_shayari #एक ही चेहरा

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White लोग दुनिया में चेहरे देखते हैं
हमने एक चेहरे में दुनिया देखा है!!

©Praveen Raj #love_shayari #एक ही चेहरा

Ghumnam Gautam

आइना देखो-न-देखो,फ़र्क़ कुछ पड़ता नहीं
उम्र चेहरे पर लकीरें खींचती है रात-दिन

©Ghumnam Gautam #आईना #फ़र्क़ #उम्र 
#चेहरा #लकीर 
#ghumnamgautam

Andy Mann

#पुरुष Dr Udayver Singh Niaz (Harf) Ak.writer_2.0 अदनासा- vinay panwar

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मैं " पुरुष " हूँ

मैं भी घुटता हूँ , पिसता हूँ
टूटता हूँ , बिखरता हूँ
भीतर ही भीतर
रो नही पाता
कह नही पाता
पत्थर हो चुका
क्योंकि मैं पुरुष हूँ

मैं भी सताया जाता हूँ
जला दिया जाता हूँ
उस दहेज की आग में
जो कभी मांगा ही नही था
स्वाह कर दिया जाता हैं
मेरे उस मान-सम्मान का
तिनका - तिनका
कमाया था जिसे मैंने
मगर आह नही भर सकता 
क्योकि मैं पुरुष हूँ
.
मैं भी देता हूँ आहुति
विवाह की अग्नि में
अपने रिश्तों की
हमेशा धकेल दिया जाता हूं
रिश्तों का वजन बांध कर
जिम्मेदारियों के उस कुँए में
जिसे भरा नही जा सकता
मेरे अंत तक कभी
कभी अपना दर्द बता नही सकता
किसी भी तरह जता नही सकता
बहुत मजबूत होने का
ठप्पा लगाए जीता हूँ
क्योंकि मैं पुरुष हूँ

©Andy Mann #पुरुष  Dr Udayver Singh  Niaz (Harf)  Ak.writer_2.0  अदनासा-  vinay panwar

gaTTubaba

#SunSet सुबह सुबह मुस्कुराहट आयी चेहरे पर की एक चेहरा देखा पहले तो अपना देखा पर वजह वो था जिन आँखो में चेहरा अपना देखा

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a-person-standing-on-a-beach-at-sunset सुबह सुबह मुस्कुराहट आयी चेहरे पर 
की एक चेहरा देखा 



पहले तो अपना देखा पर वजह वो था 
जिन आँखो में चेहरा अपना देखा

©gaTTubaba #SunSet सुबह सुबह मुस्कुराहट आयी चेहरे पर 
की एक चेहरा देखा 



पहले तो अपना देखा पर वजह वो था 
जिन आँखो में चेहरा अपना देखा

कौशल ~

#Sad_Status रोता हुआ पुरुष

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White 

कभी जो कोई पुरुष
रोये तुम्हारे आगे
तो भर लेना बांहो में
और संभाल लेना उन्हें। 
क्योंकि... 
ये रोये है तो केवल माँ
के आगे... 
दुसरा उस स्त्री के आगे
जिस पर ये भरोसा था की
वो समझेगी। 
बिना कुछ सवाल किये उन्हें
थपकाते रहना... 
और आंचल से पूंछना 
उनके अश्रु
ये जो बह रहा है वो 
लाचारी नही... 
ये तो दर्द है
सफलता असफलता का, 
तानों का, अकेलेपन का, 
जोर से रोने का,
कई बार...बिखरने का
और अंततः वो रोना चाहते है
दर्द को कहना चाहते है
कि  दर्द हुआ है सीने में। 
जो छुपाए रखा फिजूल में
समाज के भय से
कोई ये न कहे की मर्द को 
दर्द नही होता । 
शायद! ये परिभाषा उसे
कभी ठीक नहीं लगी
क्योंकि वो पत्थर नहीं है
जो महसूस न हो उसे
दर्द की बेहद!!! 
कौशल्या मौसलपुरी जोधपुर

©कौशल ~ #Sad_Status रोता हुआ पुरुष

Parasram Arora

पितृ पुरुष बादल

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Unsplash बादलों से टूट
 कर एक बार मै 
समुन्दर की  गहराई
 मे सिमट गई थीं  ज़ब 

मुझे ढूढ़ने तब 
मेरा पितृपुरुष 
वो बादल अपने
घर से  निकला

©Parasram Arora पितृ पुरुष बादल

विष्णु कांत

पुरुष कह नहीं पाएगा।

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Sumit Kumar

दहेज़ की आग और पुरुष.. sad shayari on life

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कुछ पुरुष भी

 जला दिये जाते है

उस "दहेज़ की आग" में

 जो उसने कभी माँगा नहीं होता है..

©Sumit Kumar दहेज़ की आग और पुरुष.. sad shayari on life
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