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Stories related to न्यूजपेपर हैडलाइन

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divya Sharma

सुबह की ठंड...और एक कप गर्म चाय...☕
और साथ में हमकदम,हमसफ़र, हमसाया....
हर मौसम में जिसने साथ निभाया...
हां  वही...
हमारा अख़बार.....
और जिस दिन ये ना आया..
उफ्फ यू लगा की मानो...
नहीं दिखाई दी हो सुबह की रोशनी और सुबह की परिभाषा...🌞 #न्यूजपेपर

sonu_gurjar_6757

जयपुर की सच्ची कहानी #न्यूज़ #न्यूज़ #न्यूजपेपर #विचार

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imRan

" साहब, जब जीतने वाला जीतता है तो हैडलाइन बनती है लेकिन जब हारने वाला जीतता है तो इतिहास बनता है " #imransthoughts #zindagikerang #Life_experience

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" साहब, जब जीतने वाला जीतता है तो हैडलाइन बनती है लेकिन जब हारने वाला जीतता है तो इतिहास बनता है "

©imRan " साहब, जब जीतने वाला जीतता है तो हैडलाइन बनती है लेकिन जब हारने वाला जीतता है तो इतिहास बनता है "
#imransthoughts 
#zindagikerang

Seema Sharma

कोई motivation नही मिल रहा था कुछ लिखने का आज और फिर (दैनिक भास्कर) न्यूजपेपर में ये article मिला....और बस कलम कुछ यूं चल गई.... mywritingm #BhumiPednekar #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqhindiwriters #mywritingmywords #mywritingmymood #mywritingmythoughts

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आज एक आवाज सुनी है....

आज एक आवाज सुनी है....
उम्मीद और आस सुनी है....
किलकारी की गूंज के साथ किसी की चीखने की आवाज सुनी है....
दर्द में वो तभी भी थी ....दर्द वो अब भी है....
क्यों की तब उससे सहना आता था....
पर अब उसे कहना भी आता है.....
ना अब सीता किसी अग्नि परीक्षा से गुजरेगी, 
ना अब द्रौपदी की इजत भरी सभा में उछलेगी....
क्यों की सीता अब समझ रही है समझने वालों को समझा रही है....
द्रौपदी अब कृष्ण को आवाज नही लगा रही है 
वो अब खुद की सक्षमता पहचान भी चाह रही है...
वो जबरदस्ती करने वालों को जबरदस्त जवाब देना सीखती जा रही है....
हिम्मत है तो रोक के देखो वो औरत जो पहले चार दीवारों में बंद थी ना....
वो अब खुले आसमानों के नीचे अकेले चलना जान रही है....
अपने मन का कहना भी मान रही है....
साथ दोगे तो पहले हाथ बढ़ाएगी,
रोकोगे तो तुम्हें पीछे छोड़कर आगे निकल वो जायेगी.... कोई motivation नही मिल रहा था कुछ लिखने का आज और फिर (दैनिक भास्कर) न्यूजपेपर में ये article मिला....और बस कलम कुछ यूं चल गई....
#mywritingm

entertainment intertenment&intertenment

बहुत पुरानी बात है शायद!पर आज भी जिंदा है. आज से 30 साल पहले, 2 अक्टूबर 1990 को रेखा के पति मुकेश की आत्महत्या से मृत्यु हो गई... मुकेश के #yqhindi #yqquotes #सुभाष_घई ने #अनुपम_खेर ने #शोटाइम ने #सिनेब्लिट्ज़ ने

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                         हक़ीक़त कौन जाने🙂



                    (आज के कैप्शन में) बहुत पुरानी बात है शायद!पर आज भी जिंदा है.

आज से 30 साल पहले,
2 अक्टूबर 1990 को रेखा के पति मुकेश की आत्महत्या से मृत्यु हो गई...

मुकेश के

Saad Ahmad ( سعد احمد )

नुक्कड़ पर आदमियों का जत्था जो अपनी बातों मे लगा हुआ था मैं उधर से आगे को गुज़रा तो बाज़ार पूरा नई उम्र के लड़को और आदमियों से भरा था सड़क #कविता #RIPPriyankaReddy

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#RIPPriyankaReddy नुक्कड़ पर आदमियों का जत्था 
जो अपनी बातों मे लगा हुआ था 
मैं उधर से आगे को गुज़रा 
तो. 
..
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(पूरा कैप्शन मे पढ़े) नुक्कड़ पर आदमियों का जत्था 
जो अपनी बातों मे लगा हुआ था 
मैं उधर से आगे को गुज़रा 
तो बाज़ार पूरा नई उम्र के लड़को 
और आदमियों से भरा था 

सड़क

Neha Pant Nupur

#कामवालियां गुड़िया सुनो कल से मत आना कुछ दिन तक । पैसे थमाते हुए मैंने कहा । हां दीदी टीवी में कह रहे कि फिर से लॉकडॉउन लगने वाला है । पर #Society #दोगले #poorpeople #corona #lockdown #ekkamrewalegharmainisolation

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पढ़ना पड़ेगा साहब ......

©Neha Pant Nupur #कामवालियां गुड़िया सुनो कल से मत आना कुछ दिन तक ।
पैसे थमाते हुए मैंने कहा । 
हां दीदी टीवी में कह रहे कि फिर से लॉकडॉउन लगने वाला है । पर

Vidhi

मैं कभी कभी सोचती हूँ कि जिन देवियों की हमारे देश में पूजा की जाती है वे अग़र आज होतीं तो किस रूप में हमारे सामने आतीं? उनका आधुनिक स्वरूप कै #yqbaba #yqdidi #sultana #Goddesses #Patriarchy #paidstory #satiricalstories #politicalhumor

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मैं कभी कभी सोचती हूँ कि जिन देवियों की हमारे देश में पूजा की जाती है वे अग़र आज होतीं तो किस रूप में हमारे सामने आतीं? उनका आधुनिक स्वरूप कैसा होता? वो किस तरह का जीवन जी रही होतीं? जब मैं इस बारे में सोचती हूँ तो मेरी कल्पनाशक्ति उन्हें कुछ इस तरह से देखती है: मैं कभी कभी सोचती हूँ कि जिन देवियों की हमारे देश में पूजा की जाती है वे अग़र आज होतीं तो किस रूप में हमारे सामने आतीं? उनका आधुनिक स्वरूप कै
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