Find the Latest Status about vishwa parivesh divas from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, vishwa parivesh divas.
सनातनी आरती सक्सेनाartisaxena_02
सूर्य का जग में नवल उन्मेष हो भ्रांति का कोई न मग अब शेष हो हो सुशासन देश में , संदेश यह-- मुस्कराता उल्लसित परिवेश हो ।। ©arti Saxena #parivesh
Komal kumari
मैं अनामिका आज मैं अपनी सहेली की शादी में गई वहां मुझे खूब मजा आया चारों तरफ खुशियों का नजारा था लोक चारों और इकट्ठा होकर इधर-उधर की बातें कर रहे थे। तभी मेरी नजर एक बच्चे पर पड़ी वह बच्चा दौड़ कर अपनी मां के पास आया और कहता है -"मां मेरी जूती खुल गई इसे पहना दो।" बच्चे की मां उसे जूते पहनाती हैं कि तभी वह बच्चा कहता है-" दादा जी आ रहे हैं से ढक लो।" तभी उसकी मां कहती हैं -"इतना मेकअप सर ढकने के लिए नहीं की हूं ,तू जा मैं देख लूंगी।" बच्चे के दादा जी बच्चे के पास आते हैं और बच्चे से पूछते हैं बाबू खाना खा लिया, बच्चा हां बोलता हुआ वहां से चला जाता है।बच्चे के दादा जी अपनी बहू को देखते हैं और मुस्कुराते हुए वहां से चले जाते हैं। इतने में ही उस औरत की सहेलियां आ जाती है और वह लोग आपस में ही बातें करते हुए एक दूसरे की तारीफ करते हैं। इसी बीच एक औरत कहती हैं, अरे तेरे बाल तो कैसे सफेद दिख रहे हैं, कैसे मेकअप किया है तूने। इतना सुनते ही वह औरत अपनी से ढक लेती है। संदेश-"इस कहानी से हमें यह संदेश मिलता है कि जमाना बदलने के साथ-साथ लोगों के तौर-तरीके भी बदलने लगे हैं, पर उन तौर-तरीकों के साथ हमें बड़ों का सम्मान और अपना संस्कार नहीं भूलना चाहिए।" ©Komal kumari #parivesh
अमित सिंह
पहले नारियां पहनती थी आभूषण, लगाती थी काजल और बिंदी, परिधान में जिनके, अग्रज था मर्यादा और सम्मान, मांग में होता था सिन्दूर, जिससे आत्मसाद होते, उनके भगवान तुल्य पति, पर आजकल होता है, ओंठो पर ढेर सारी लालिमा, चेहरे पर फेयर नेस क्रीम, और पैरों में महावर की जगह ली है बदबूदार पेंट ने, परिधान में आई है तन्यता, साथ आये है जीन्स ,टॉप, पैंट जिनसे लड़किया , समझती है खुद को खूबसूरत, जिसे आज का सभ्य समाज , पुकारता है फैशन कहकर ..!! और यह कहकर उपहास उड़ा रहा होता है वो अपने परिधान , संस्कार ,संस्कृति और देश का..।। #नारियाँ#parivesh
Bindass writer
हां मैं बिहारी हूँ चाणक्य, चंद्रगुप्त, महावीर जैसे वीरों की जन्म भूमि हूं राजेंद्र, जयप्रकाश जैसे नेताओं की पावन धरती हूं हां मैं बिहारी हूं जो अपनी मेहनत से काबिलियत की लकीर खींच देती हूं हाथों में कलम मिल जाए तो दिनकर जैसी कवि बन जाती हूं पैसा का नहीं इज्जत की प्यारी हूं हां मैं बिहारी हूं विषम परिस्थिति में भी ढल जाती हूं सर्दी, गर्मी, बरसात, के मार को हर साल झेलती हूं इसलिए तो किसी भी राज्य में एडजस्ट हो जाती हूं हां मैं बिहारी हूं पिज़्ज़ा, बर्गर,नहीं लिट्टी चोखा, आचार, दही, चुरा, यही मे खाती हूँ हमारे यहाँ पुरुषो के कंधे पे गमछा ये कोई अपमान नहीं ये हमारी संस्कृति है जो गमछा वाले बिहारी पर हस्ते है यही गमछा वाले विशिष्ट नारायण, आनंद, जैसे गणितज्ञ बनकर अपनी प्रतिभा का लोहा पूरी दुनिया से मनवाते है प्यार मे टूट जाये तो देवदास नहीं सीधा यूपीएससी क्लियर कर जाते है ये सब कोई और नहीं बिहारी ही होते है इसलिए हम गर्व से कहती हूँ हाँ मे बिहारी हूँ ©Bindass writer #bihar divas