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Vijay Rajvanshi
छोटी सी जिन्दगी है सौक नही गुरुर पालेगे 2 अगर बेटा हम अपने पर आ गये न तुझे तेरे घर से उडा लेंगे।। ☆single boy Vijay☆ #InspireThroughWriting 260
Naresh Reddy Aleti
కాంతి వత్సరాలు ఇక మన మధ్యన దూరాలు.! వేల కోట్ల టన్నులింక మన గుండెలో భారాలు.! కలలే ఇటు మిగిలినవీ వీడిపోతె ఇద్దరము అందలేని తారకలే మన కన్నుల స్వప్నాలు.! మన మనసులు ఒకటి కాదు జత కలిసీ నడవనపుడు చెరో దిక్కు ఇకమీదట మన అడుగుల గమ్యాలు.! రోజులెన్నొ గడిచిపోయె ఎదురు పడక, కలవకుండ కర్ఫ్యూలే కొనసాగే మన ముందర వారాలు.! వన్నెల్లో గోదారికి అతడు ఆమె చెరోపక్క ఎందుకనో సరిత కిపుడు శాంతి లేని తీరాలు.! #వన్నెలయ్య_గజల్ 260 #వన్నెలయ్య_విఫల_ప్రేమ_గజల్ #గజల్
#వన్నెలయ్య_గజల్ 260 #వన్నెలయ్య_విఫల_ప్రేమ_గజల్ #గజల్
read moreSuraj Adhikari
Running away from your problems,is a race, you will never win in your life. #suraj adhikari
#Suraj adhikari
read moreYvalvi
प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण किसी व्यक्ति को उसके प्राण या दैहिक स्वतंत्रता से विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार ही वंचित किया जायेगा, अन्यथा नहीं। 21क- शिक्षा का अधिकार- राज्य, छह वर्ष से चौदह वर्ष तक की आयु वाले सभी बालकों के लिए नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा देने का ऐसी रीति में, जो राज्य विधि द्वारा, अवधारित करे, उपबंध करेगा । (3) खंड (1) और खंड (2) की कोई बात किसी ऐसे व्यक्ति को लागू नहीं होगी जो- (क) तत्समय शत्रु अन्यदेशीय है, या (ख) निवारक निरोध का उपबंध करने वाली किसी विधि के अधीन गिरफ्तार या निरुद्ध किया गया है । (4) निवारक निरोध का उपबंध करने वाली कोई विधि किसी व्यक्ति का तीन मास से अधिक अवधि केलिए तब तक निरुद्ध किया जाना प्राधिकृत नहीं करेगी जब तक कि- (क) ऐसे व्यक्तियों से, जो उच्च न्यायालय के न्यायाधीश हैं या न्यायाधीश रहे हैं या न्यायाधीश नियुक्त होने की योग्यता रखते हैं , मिलकर बने सलाहकार बोर्ड ने तीन मास की उक्त अवधि की समाप्ति से पहले यह प्रतिवेदन नहीं दिया है कि उसकी राय में ऐसे निरोध के लिए पर्याप्त कारण हैं: परंतु इस उपखंड की कोई बात किसी व्यक्ति का उस अधिकतम अवधि से अधिक अवधि के लिए निरुद्ध किया जाना प्राधिकृत नहीं करेगी जो खंड (7) के उपखंड (ख) के अधीन संसद द्वारा बनायी गयी विधि द्वारा विहित की गयी है, या प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण किसी व्यक्ति को उसके प्राण या दैहिक स्वतंत्रता से विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार ही वंचित किया जायेगा, अन्यथा नहीं। 21क- शिक्षा का अधिकार- राज्य, छह वर्ष से चौदह वर्ष तक की आयु वाले सभी बालकों के लिए नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा देने का ऐसी रीति में, जो राज्य विधि द्वारा, अवधारित करे, उपबंध करेगा । (3) खंड (1) और खंड (2) की कोई बात किसी ऐसे व्यक्ति को लागू नहीं होगी जो- (क) तत्समय शत्रु अन्यदेशीय है, या (ख) निवारक निरोध का उपबंध करने वाली किसी विधि के अधीन गिरफ्तार या निरुद्ध किया गया है । (4) निवारक निरोध का उपबंध करने वाली कोई विधि किसी व्यक्ति का तीन मास से अधिक अवधि केलिए तब तक निरुद्ध किया जाना प्राधिकृत नहीं करेगी जब तक कि- (क) ऐसे व्यक्तियों से, जो उच्च न्यायालय के न्यायाधीश हैं या न्यायाधीश रहे हैं या न्यायाधीश नियुक्त होने की योग्यता रखते हैं , मिलकर बने सलाहकार बोर्ड ने तीन मास की उक्त अवधि की समाप्ति से पहले यह प्रतिवेदन नहीं दिया है कि उसकी राय में ऐसे निरोध के लिए पर्याप्त कारण हैं: परंतु इस उपखंड की कोई बात किसी व्यक्ति का उस अधिकतम अवधि से अधिक अवधि के लिए निरुद्ध किया जाना प्राधिकृत नहीं करेगी जो खंड (7) के उपखंड (ख) के अधीन संसद द्वारा बनायी गयी विधि द्वारा विहित की गयी है, या ©Yogesh valvi kanuni Adhikari #withyou
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