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NEERAJ SIINGH
चल घुमड़ घुमड़ चल उमड़ उमड़ चल तड़प तड़प लिए भड़क भड़क चल प्रेम सड़क चल प्रेम सड़क लिए छलक छलक लिए छलक छलक बन मतवारी, पीय पे हारी , मन कहाँ रुके मन कहाँ थके , लिए चहक चहक , लिए महक महक वो भागे जैसे चिंगारी ,वो भागे जैसे चिंगारी ,ओह मतवारी #neerajwrites ओह मतवारी
Anamika
रसोई के मसालों पर भी उमड़ घुमड़ रहा है प्रेम. कोशिश करूं क्या लिखने की??? #मांकीरसोई#मसालेदार
Anamika
मां की रसोई.. सोचा मैंने मसालों के अंलकारों का छौंका लगा, सब्जियों को छंद से पका लूं... डालूं नमक का यमक, हल्दी को कोई उपमा दूं पनीर से पिरामिड, आलू,गाजर को संधि दूं.. आटे को गूंथ ,चांद का रूपक बना दूं.. डालूं खीर में इश्क का केसर, गर्माहट की शक्कर मिला दूं... न बिखरे द्वंद, उबाल कभी दूध में, बादाम से उसको सजा दूं.... सूजी की चौपाई,या बेसन का हो दोहा, मगज डाल ,प्यार से चूरमा बना दूं... मन के कोरे महाकाव्य को आजा ,आज कुछ कुणडलिंया मैं पहना दूं... #मांकीरसोई #मसालेदार #योरकोटहिंदी #तूलिका
Vaibhavi
तू दूर की जवळी सख्या? मी जाणिते मनातुनी.. तू दूर की जवळी सख्या? तरी सांग ना डोळ्यांतुनी! तू सांग सारे बोलके, स्वप्नांत जे जे डोलते.. तू सांग जे ही बहरते, वाढत्या या अंतरातुनी! कोमेजतेही सांग तू, तू सांग केवळ बोल तू.. पेरीन सुख डोळ्यांत मी, पाणावल्या श्वासांतुनी! © Vaibhavi #अदा
sandeep badwaik(ख़ब्तुल) 9764984139 instagram id: Sandeep.badwaik.3
خدا तू भी जानता है मालिक तेरा परदा हो रहा है... और तमाम भिखमंगों का शुक्रिया अदा हो रहा है..। - ख़ब्तुल संदीप बडवाईक ©sandeep badwaik(ख़ब्तुल) 9764984139 instagram id: Sandeep.badwaik.3 अदा
Sandeep Agarwal
मासूम जो तेरी ये अदा है न जाने कितनों दिलो का लुटा इसने चैन और करार है तेरी हर अंदाज़ में एक कातिल अदा है.... अदा
Yogesh RJ05
मैंने कहा हमें भूलने की एक वजह तो दो, तुझे याद कर रो सकूं ताउम्र, ऐसी सज़ा तो दो। बेगुनाह बनकर मोहब्बत के आशियाने तोड़ तो दिये तुमने, अब हंसकर तुम्हारे गुनाह को भुला सकूं, ऐसी अदा तो दो।। - Yogesh Sharma अदा
Vaibhavi
शिणल्या, भागल्या संध्याकाळी, कुणीतरी हवं असतं मला.. कुणीतरी, बारीकसारीक विचारणारं.. कुणीतरी, बारीकसारीक जाणणारं.. भर कामाच्या व्यापात, अवकाळीच,.. दाटून आलेला आवंढ, सांगायचा असतो मला.. दिवसा ढवळ्या, अकारणीच,.. पापण्यांवर निवलेलं पाणी, सांडायचं असतं मला.. दिवे मालवून मग मी, स्वतःलाच जरा थोपटते.. रडून झाल्यावर मग मी, माझ्याशीच जरा हसते! स्वानंदाचे स्वछंदाचे पांघरूण अंगी घेते, कारुण्याची अंगाई गात,.. मी निर्धास्त निद्रिस्त होते! मी निर्धास्त निद्रिस्त होते! #अदा