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Saket Ranjan Shukla
🔱महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं🔱 हृदय में अपार श्रद्धा लिए, कर जोड़े आपकी शरण में आए हैं, बेलपत्र एवं सेवन्तिकामालाओं का श्रृंगार आपके लिए लाए हैं, हे शिव शम्भो! दीजिए धैर्य इतना कि नैया लग जाए पार हमारी, रखिए कृपादृष्टि बनाए कि न कष्ट निकट आए, न ही कोई बीमारी, सर्वविदित महिमा आपकी, भक्तवत्सलता से भी जग अनजान नहीं, और हम हैं मूढ़ बालक, हे अंबिकानाथ, ब्रह्म का हमें कुछ ज्ञान नहीं, मान लिया अंतर्मन से गुरु आपको, आप ही अज्ञानता से हमें उबारिये, हे कृपनिधि! आपने ही दिया है जीवन हमें, अब आप ही इसे संवारिये, निवारिए हे भोले हमें कष्टों से, समस्याओं का हमारे समाधान दीजिए, कीजिए आराधना स्वीकार हे चन्द्रशेखर, शरण में अपने स्थान दीजिए, इस महाशिवरात्रि हे मृत्युंजय! अपने सभी भक्तों को अभयदान दीजिए, हे इंद्रदमनेश्वर देवाधिदेव महादेव, हमें अपनी भक्ती का वरदान दीजिए। IG :— @my_pen_my_strength ©Saket Ranjan Shukla महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं..! . ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ Like≋Comment Follow @my_pen_my_
महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं..! . ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ Like≋Comment Follow @my_pen_my_
read moreYash Agarwal
White टूटे दिल की स्याही से लिखी चंद पंक्तियाँ: "टूट कर चाहा था जिसको, वो बेपरवाह हो गया, हम उसकी राह देखते रहे, और वो राह बदल गया। अब आँसू भी कहने लगे, इस दर्द को मत पाल, जो अपना नहीं था कभी, उसे भूल जाना ही है कमाल।" "हर दर्द सिखा जाता है, हर ठोकर समझा जाती है, जो अपना था अगर वो चला गया, तो तक़दीर कुछ और चाहती है। संभल जा ऐ दिल, अब और ना रो, जो गया उसे भूल, खुद को संवार, आगे की ओर बढ़।" ©Yash Agarwal टूटे दिल की स्याही से लिखी चंद पंक्तियाँ #love_shayari #HeartfeltMessage #HeartBreak #shyari #Love love shayari
टूटे दिल की स्याही से लिखी चंद पंक्तियाँ #love_shayari #HeartfeltMessage #HeartBreak #shyari Love love shayari
read moreMubarak
White वो अकसर मोहबबत रुठ जाते है जो दिल के करिब रहते है मै कया लिखु यारो मै कया लिखु यारो लिखने को तो बहुत कुछ चाहता हु पर कलम🖋️मे सियाही कम पड़ जाते है ©Mubarak #Sad_Status वो अक्सर मोहब्बत रुठ जाते हैं जो दिल के करीब रहते है मै कया लिखु यारों लिख ने को तो बहुत कुछ चाहता हूं पर कलम ✒️ में स्याही कम प
#Sad_Status वो अक्सर मोहब्बत रुठ जाते हैं जो दिल के करीब रहते है मै कया लिखु यारों लिख ने को तो बहुत कुछ चाहता हूं पर कलम ✒️ में स्याही कम प
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वसंत पंचमी, सरस्वती पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं अज्ञानता हर कर मेरी, मुझे तू आत्मज्ञान से भर दे, वर दे हे माँ शारदे, मुझ अबोध को सुविद्या का वर दे, दे दे स्थान निज बालक को अपनी करुणामयी गोद में, आशीष का कर कमल तू अपना, मस्तक पर मेरे धर दे, ये मृत्युलोक हे माता, माया ग्रसित अंधकारलीन नगरी है, हर ओर पलता है कपट, हर दूजे के कंधे पाखंड की गठरी है, क्रोध, लोभ और अहंकार आदि दुर्व्यवहारों से अंतर्मन त्रस्त है, ऐसे में तेरे मार्गदर्शन के सहारे ही हे माँ, बनती सबकी बिगड़ी है, परंतु कभी-कभी, कठिनाइयों से पस्त होकर लड़खड़ाने लगता हूँ स्वयं से हो संतप्त, स्वयं को कई कठिनाइयों में उलझाने लगता हूँ, करने जाता हूँ कुछ भला और जब होने सब कुछ ही गलत लगता है, तब हे माँ हंसवाहिनी! तुझे स्मरण करते ही सुमार्ग पर आने लगता हूँ, हर लेती है सारी चिंताएं और मुझमें साहस सहित विवेक भर देती है, अपने शरणार्थियों की हे माता तू सारे मानसिक तनाव भी हर लेती है, सुबुद्धि और आत्मज्ञान के संग सहजता और विनम्रता का भी वर दे माँ, जगव्याप्त है तेरी महिमा माँ कि तू निज बालकों को मनचाहा वर देती है, मंत्रोच्चारण का भान नहीं, जो कुछ आता है श्रद्धावश सम्मुख तेरे गाता हूँ, भजन कीर्तन का भी तो ज्ञान नहीं, मन ही मन तेरी अनुकंपा गुनगुनाता हूँ, करना क्षमा, हे विद्यादायिनी माँ, मैं भी मूढ़ अल्पज्ञानी बालक हूँ तुम्हारा ही, रखना बनाए कृपादृष्टि अपनी, हे माँ सरस्वती, करबद्ध शीष तुझे नवाता हूँ। IG:- @my_pen_my_strength ©Saket Ranjan Shukla वसंत पंचमी, सरस्वती पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं..! . ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© . Like≋Comment Follow @my_pen_my_strength .
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76वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं स्वतंत्रता के बाद की अगणित अव्यवस्थाएँ सुलझाने को, भारतवर्ष के जन-जन को, समान स्वाधीनता दिलवाने को, परस्पर प्रेम, सौहार्द और सामंजस्यता का भाव जगाने को, खंड-खंड में बँटी हमारी मातृभूमि को पुनः सशक्त बनाने को, रियासती व मनसबदारी रीतियों से, निजात पाना जरूरी था, सांप्रदायिकता भुलाकर, सर्व-धर्म समभाव आना जरूरी था, शासक और प्रजाजन के बीच के भेद को मिटाना जरूरी था, सबका हो सम्मान समान, ऐसा गणराज्य बनाना जरूरी था, फिर भारतीय जनमानस की एक अनूठी आस प्रतिफलित हुई, सन् 1946 के त्रासदीग्रस्त हिंदुस्तान में, एक सुघटना घटित हुई, डॉ० राजेन्द्र प्रसाद की अध्यक्षता में संविधान सभा जो गठित हुई, प्रारूप समिति अध्यक्ष डॉ० भीमराव अंबेडकरजी से सज्जित हुई, सरदार पटेल व 299 सदस्यों को, लोकतंत्र रचने का सम्मान मिला, भारत के भविष्य को गढ़ने और सँवारने, सँभालने का कमान मिला, दो साल ग्यारह महीनों एवं कई बैठकों का अंततः यह परिणाम मिला, स्वतंत्र भारतीयों को 26 जनवरी 1950 में संविधान का वरदान मिला, आइए हम सब लोकतांत्रिक भारत में गणतंत्रता का ये महापर्व मनाते हैं, राष्ट्रध्वज समक्ष राष्ट्रगान गाते हुए, जय हिंद, वंदे मातरम के नारे लगाते हैंl IG:— @my_pen_my_strength ©Saket Ranjan Shukla 76वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.! . ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ Like≋Comment Follow @my_pe
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Unsplash पहचाने जा रहे हो अब और किन-किनको मेरी गलतियाँ गिनाने जा रहे हो, कितनों की नज़र में, मुझे मुज़रिम बनाने जा रहे हों, नकाब तेरी शराफ़त का जो उतर गया है सरेआम यूँ, मासूम सी शक्लें न बनाओ, साफ़ पहचाने जा रहे हो.! IG:– @my_pen_my_strength ©Saket Ranjan Shukla पहचाने जा रहे हो अब.! . ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ Like≋Comment Follow @my_pen_my_strength
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White ये दिल बहाने क्यों ढूँढता भला सुकुन होती मयस्सर तो गमजदा फसाने क्यों ढूँढता भला, दे देते जो ये लब साथ, ख़ामोशी के तराने क्यों ढूँढता भला, रख पाता जो मशग़ूल ख़ुदको कहीं और उसके जाने के बाद, ज़माने के साथ चलता मैं, तन्हाई से याराने क्यों ढूँढता भला, क्यों मिटाता फिरता किसीकी याद दिल-ओ-दिमाग से बेवज़ह, भुला जो पाता उसे, तो कोई तस्वीर, सिरहाने क्यों ढूँढता भला, नहीं थी ख़बर, दरिया-ए-इश्क़ के मामूली थपेड़े नागवार गुजरेंगे, दूर ही रहता मैं, लहरों के किनारे, रेत में ठिकाने क्यों ढूँढता भला, था नासमझ मैं ही जो किसी बेगाने से उम्मीद पाल ली “साकेत", टूटना होता तो टूट ही गया होता दिल, ये बहाने क्यों ढूँढता भला। IG :— @my_pen_my_strength ©Saket Ranjan Shukla ये दिल बहाने क्यों ढूँढता भला..! . ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ Like≋Comment Follow @my_pen_my_stren
ये दिल बहाने क्यों ढूँढता भला..! . ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ Like≋Comment Follow @my_pen_my_stren
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White दर्द का इश्तिहार ये नैन हमारे यूँ ही अश्क़ों को बेकार हर बार नहीं करते, न है ऐसा कि चुभते नहीं शब्द, हमें तार-तार नहीं करते, बटोरने को तो हम भी बटोर लाते, हमदर्द ज़माने भर से, पर हम आपकी तरह अपने दर्द का इश्तिहार नहीं करते.! IG :— @my_pen_my_strength ©Saket Ranjan Shukla दर्द का इश्तिहार.! . ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ Like≋Comment Follow @my_pen_my_strength
दर्द का इश्तिहार.! . ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ Like≋Comment Follow @my_pen_my_strength
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White अच्छा लगा मुझे अरसों बाद मुझसे जुड़ा हर धागा कच्चा लगा, दिल मेरा लगा नासमझ मुझे, बिल्कुल बच्चा लगा, मेरी सुनता ही नहीं है ये, करता है मनमानी हरदम, ठीक ही तो हुआ, जो इसे दिली खेल में गच्चा लगा, ज़्यादा ज़िंदादिली सही नहीं, समझाया था मैंने इसे, सब जानते-बूझते ही इसे ठेस लगी ये, ये धक्का लगा, मेरी छोड़, सबकी बातों में आने की लत लगी थी इसे, अब मिलने लगे हैं धोखे, तो मैं हमदर्द इसे सच्चा लगा, खैर अब सँभाल लेगा “साकेत“, जो भी होगा आगे से, जो ज़ख्म दे गए थे अब हाल लेने आए हैं, अच्छा लगा। IG :— @my_pen_my_strength ©Saket Ranjan Shukla अच्छा लगा.! . ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ Like≋Comment Follow @my_pen_my_strength
अच्छा लगा.! . ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ Like≋Comment Follow @my_pen_my_strength
read moreAnjali Singhal
"आँखों की स्याही में डूबकर, दिल की कलम जब प्रेम लिखती है; एहसास के मोती चमकते हैं, प्यार की शबनम खिलती है।" #AnjaliSinghal shayari shayar
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