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Mahesh Kopa
किन्नर किस समूह में जाऊँ, क्या मैं बन जाऊं। नर हूँ या नारी, समाज हमे स्वीकार ना करती, क्या मैं अब ओ जाऊँ।। शिव ने भी तो सूरत बदला, पूजी दुनिया सारी, श्री कृष्ण ने मोहनी बनकर, सबका है मन मोहा। मैने ना अपराध है किया, वही जन्म है पायी। नही कोई सम्मान है करता, किसको व्यथा सुनाऊं, क्या मैं अब ओ जाऊँ।। बृहन्नला रूप में अर्जुन ने भी, किन्नर का दर्द समझा। ना कर इतनी घृणा मुझसे। मैं भी उसी कोख से जन्मी, जिससे जन्में तुम हो। नही कोई सम्मान है करता, किसको व्यथा सुनाऊं, क्या मैं अब ओ जाऊँ।। मातम नही मनाते हैं हम, दर्दनाक जीवन हमारी। दुःख की कमी नही है हममे, सूख से कोसों दूर, ऐसी श्राप है पायी। नही कोई सम्मान है करता, किसको व्यथा सुनाऊं, क्या मैं अब ओ जाऊँ।। ©Mahesh Kopa किन्नर
किन्नर
read moreAmarjeet Kumar
बायोग्राफी आँफ 420 लोग 420 लोग एक इंसान हैं क्या, वह इंसान नहीं एक शैतान हैं ? इंसान के रूप में इंसान नहीं हैं, वह शेर के खाल मे भेड़िया हैं। न आगे खुद बढ़ता हैं, नहीं किसी को आगे बढ़ने देता हैं। अगर हौसला जो रखें कुछ करने का, उसका भी काम बिगाड़ देता हैं। अगर मैं नहीं बढ़ सका आगे, तो किसी और को भी नहीं बढ़ने दुँगा आगे। इंसान के रुप में भेङिया हूँ, यही मेरी पहचान हैं। By Amarjeet Kumar बायोग्राफी आँफ 420 लोग
बायोग्राफी आँफ 420 लोग
read moreSunita Singh
ख़ुशी के अलग अलग पैमाने हे साहब कोई किसी को खुश करके खुश है तो कोई किसी की ख़ुशी को लेे कर खुश है -Sunita Nimish Singh #ख़ुशी # ख़ुशी #ख़ुशी
Anamika Yadav
. खुद की ख्वाहिशों का कत्ल कर ,निकल पड़ते हैं लाखों दुआयें लेकर,,,दूसरों की खुशियों की इबादत कर जाती है।। सिर्फ दिये गए उन चंद पैसों को मत देखो,,,,वो किन्नर है बहुत सी दुवायें वो साथ दे जाती हैं।। ये शख्सियत तुम्हें ट्रेनों,फुटपाथ,किसी न किसी कोनों में जरूर दिख जायेगी,,,, नहीं है समाज में इसका कोई घर,,और कहां जायेगी।। स्त्री पुरुष के बाद ईशवर ने एक शख्सियतऔर बनाई।। धरती,आसमान,नदियों,स्त्री,पुरुष और न जाने कितनी खूबसूरत रचनाओं के बाद किन्नर भी इस संसार में आई। हमारे संसार में उनका कोई अस्तित्व नहीं है,,हां उनलोगों का हमारे समाज में कोई घर नहीं है।। अनगिनत दुखों को दिल छुपाये बिना बुलाये ही पहुंच जाती हैं,,, सैकड़ों दुआयें,देती तो है पर बदले में सिर्फ नफरत ही हासिल कर पाती है।। इस समाज में बदलाव की जरूरत है,तुच्छ भाव नही,सहज भाव की जरूरत है।। इन्सानियत का मजाक न बनाकर, ईश्वर की बनाई हर रचना को स्वीकार करने की जरूरत है :-अनामिका यादव ©Anamika Yadav # एक किन्नर #Heartbeat
# एक किन्नर #Heartbeat #कविता
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