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green-leaves निडरता है हमारे हृदय में, पर्वत और सिंह को भी डर जाना है। बस एक चिंगारी से, सारे अंधकार मिट जाना है। ©aarush #GreenLeaves poetry on love hindi poetry hindi poetry on life
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read moreBharat Bhushan pathak
Jai Shri Ram पुत्र कामयेष्टि यज्ञ विकल्प।पूर्ण करे जो सदा संकल्प।। गुरु वशिष्ठ से दशरथ कहते।चरण कराने उनके गहते।। वशिष्ठ बोले उनसे ऐसे ।ना हैं ज्ञानी श्रृंगी जैसे।। यज्ञ कराने को आमंत्रण।चाह कैकेयी को निमंत्रण।। तुम सुन लो राजन् भिक्षु बन लो।चरण धरो जा बस यह सुन लो।। पैदल चलकर दशरथ जाते।आश्रम जाके शीश नवाते।। वह मुनि चरण अश्रु से धोकर। कहा द्रवित यह उनसे होकर।। पुत्र कामना मन में इच्छा।पूरित होने देवें दीक्षा।। ©Bharat Bhushan pathak #jaishriram poetry lovers hindi poetry hindi poetry on life poetry poetry on love
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read moreसुलगते लफ्ज़-S.k. Shaayar
Unsplash 🌹💔💔🌹 एक आरजू दिल में दबी रह गई एक बात उसे अनकही रह गई प्रेम उसके दिल से हवा हो गया उसके रुखसार पे बेरुखी रह गई उसे नापसन्द था मेरा दिल लगाना या मेरे प्यार में कुछ कमी रह गई गुलाब रक्खे किताबों में मुरझा गये जेब में इक अंगूठी रखी रह गई मुझे छोड़कर के बहुत खुश है वो मेरी यूं फकत जिंदगी रह गई ✍️💔💔✍️ ©सुलगते लफ्ज़-S.k. Shaayar #lovelife hindi poetry hindi poetry on life poetry on love poetry quotes poetry poetry in hindi
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read moreDharma pandit( Unbreakable)
बिछड़ना तुमसे नियति पर प्राण संकट घिर गया था, यूं लगा कुछ गांठ से मानो हमारी गिर गया था, मांग बैठा था समंदर सब बटोरे सीप मोती याचना करती रही थी आंसुओं से पांव धोती.. तुम विदा में दे न पाए एक आलिंगन हमारा.. और तुम आये नहीं आना ज़रूरी था तुम्हारा। सृजना के अंतर्मन से...💞 लेखक - Shubh Pandit ✨ इलाहाबादी ✨ ©Dharma pandit( Unbreakable) #Death sad poetry
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read moreJunaid Pinjari
پھر ایک ہجوم نے سرپر اٹھالیا مجھ کو میرے سرہانے ہوتی رہی تیلاوتیں کتنی۔ ©Junaid Pinjari #Death
Akash Mohan
रुखसती का वक्त था हम जा रहे थे उनका पता नहीं मुझे वो याद आ रहे थे, हंसने भी नहीं दिया जिन्होंने कभी वो मेरी मौत पर आंसू बहा रहे थे, रुखसती का वक्त था हम जा रहे थे मुझे उठाया चार लोगों ने किसी के नाम को दोहरा रहे थे रोते रोते चुप हो गए सब खिले रहते थे जिनके चेहरे, आज मुरझा रहे थे रुखसती का वक्त था हम जा रहे थे देखने आ रहे थे वो लोग जो मेरे जीते जी मेरा जी जला रहे थे मुझे लिटा दिया चिता पर फिर मेरे ही चक्कर लगा रहे थे रुखसती का वक्त था हम जा रहे थे मौत जिसके नाम से आई थी उसका घर फूलों से सजा था शादी थी उसकी मेरा मातम था उसे चार लोग हंसा रहे थे मुझे चार लोग जला रहे थे इतनी ही कहानी थी मेरी उसका फोटो का एल्बम बन रहा था मेरी फ़ोटो पर सब फूल चढ़ा रहे थे रुखसती का वक्त था हम जा रहे थे ©Akash Mohan #Death
बोलती दीवार
White सुनो, मैं जब भी मांगूंगा तुमसे तुम्हारा वक्त मांगूंगा कब, कहाँ, कैसे हो इसका ज़िक्र मांगूंगा वक्त-बेवक्त कॉल करने का हक़ मांगूंगा बिन बात के मेरे लड़ने पर तुम्हारा सब्र मांगूंगा अलसायी-सोयी सी तुम्हारी तस्वीर मांगूंगा मैं जब भी मांगूंगा तुम्हें- तुमसे थोड़ा और मांगूंगा !! ©बोलती दीवार #love_shayari hindi poetry on life poetry poetry on love
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read moreShashikant Yadav
When someone asks, how's life going... ? Me - जवाब नहीं , बस यही प्यास है... आज को बेहतर कल की तलाश है और मुस्कुराते हैं ये चेहरे की पड़ रही झुर्रियां... कुछ बाल सफेद है, और क्या बताए तुम्हे, क्या क्लेश है। मूक हैं मेरा दर्पण , जो कभी ख़ुद से गुफ्तगू किया करता था तल्ख़ की जार में डूबा मै, अर्थ की खोजें में खाली जेब है, और कैसे बताएं तुम्हे, क्या क्लेश है। ©Shashikant Yadav poetry quotes poetry on love poetry lovers hindi poetry on life hindi poetry
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