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Åshwanî Tiwari
कर दिया है एलान-ए-जंग खुद से , पाकर रहूंगा अपनी मंजिल अब एक क्या हजारों मुश्किलें भी ,आ जाएं मेरे मार्ग में हूं जो अब मैं तैयार ,उनसे भी जंग करने को कर दिया है मैंने ,एलान-ए-जंग अपने मोबाइल से ,अपने सोशल मीडिया अकाउंट से, यूट्यूब से, फेसबुक से, व्हाट्सएप से, इंस्टा से, हूँ जो मैं अब तैयार जंग करने को अपनी मक्कारीओं से ,अपने आलसी पन से , अपनी नादानियां से, अपनी मुश्किलों से , लड़ूंगा मैं अब अपने भविष्य के लिए ,खुद से खुद के लिए अब ना ज्यादा सोचूँगा, ना ज्यादा घबराऊंँगा बस अपनी मंजिल की ओर ,धीरे-धीरे बढ़ता जाऊंगा कर दिया है मैंने एलान-ए-जंग
Priyanshu Sunny
यहाँ एक ही इंसान के किरदार कितने हैं घर का मालिक एक है,पहरेदार कितने हैं बेटें चार,फिर भी माँ बाप भूखे सो जाते हैं पर माँ बाप के दौलत के दावेदार कितने हैं कहने को तो बहुत रिश्तेदार हैं,....अपने भी जरूरत में जो दे साथ,वो रिश्तेदार कितने हैं मुहब्बत जिस्म और पैसों का खेल हो चूका, जो करे रूह से मुहब्बत,वो दिलदार कितने हैं सुनो तैयारी पूरी रखो,एलान ए जंग से पहले तुम्हारे जखीरे में, बताओ हथियार कितने हैं महफिलों में पैसे लेकर सुनाते हैं, सभी शायरी मेरी तरह मुफ़्त में सुनाए,वो फ़नकार कितने हैं ✍️Priyanshu sunny penned by #Priyanshusunny #Nojoto #nojotopoetry #nazm #Tranding यहाँ एक ही इंसान के किरदार कितने हैं घर का मालिक एक है,पहरेदार कितने हैं
Vikas Roshan
Alone गुज़ारिश मैदान_ए_जंग की थी कमबख्त इश्क़ तो बेवजह कर बैठे rOshan मैदान ए जंग
Preeti sonkar
ये जिंदगी एक जंग हैं.. जहाँ कोई नहीं तेरे संग है.. जंग ए जिंगदी से लड़ती कुछ जिस तरह अब फौलाद सी बन गयी मैं इस तरह जंग ए जिंदगी
RK Dhakad
आज का ज्ञान ज़िन्दगी कुछ इस क़दर बेतरतीब होती जा रही है । मानो मेरे वक़्त की अग्नि परीक्षा ली जा रही है । अरे ! कोई जा के समझा दो इसे, की मैं बुझदिल नही जो हार मान जाऊँगा । वक़्त तो आने दो जनाब, मैं आग का दरिया भी हँसते हँसते तैर कर चला जाऊँगा ।। ― RK Saheb .... जंग-ए-ज़िन्दगी ।
CK JOHNY
हम कोरोना से लड़े और वो हमसे वो किसी की शय पर हम अपने दम पे। हमारी मुहिम को पटरी से उतारने के मनसूबे शातिर के न कुछ कम थे। कोई और होता तो कब का हो जाता बर्बाद कायम हैं क्योंकि हौसले हमारे बुलंद थे। बी डी शर्मा चण्डीगढ़ 17.09.2020 जंग-ए-कोरोना
Ayush kumar gautam
मैदान ए जंग में उतरने लिये हौंसलों के साथ हथियार चाहिये होते हैं लेकिन कठिन हालातों से लड़ने के लिये केवल हौंसला चाहिये हौंसला नहीं है आपके पास तो खुद पर यकीन रखें यकीन नहीं है तो शब्र रखें शब्र भी नहींं है तो आप उम्मीद तो कायम रख ही सकते हैं ये तो आपको करना ही पडे़गा और साथ में अपने चरित्र को और बेहतर बनाने में पूरी ताकत झोंक दें फिर आप आस्तिक हों या नास्तिक ईश्वर आपको रास्ता जरूर दिखायेगा क्यूंकि ईश्वर को अच्छे किरदार वाले लोग बेहद या यूं कह लो कि सर्वाधिक प्रिय हैं यह एक तथ्य भर ही नहीं वरन् मेरा व्यक्तिगत अनुभव भी है क्यूंकि मैं बहुत बुरा था खुद को अच्छा किया तो सबकुछ पहले से बहुत बेहतर होता जा रहा है लेखक आयुष कुमार गौतम की डायरी से मैदान ए जंग
Barkha verma 💦
नहीं मानते फिर भी लोग देखोना., क्यु उठाना पड़े डन्डे सोचोना,, अपने ही देश के दुश्मन क्यु बने हैं लोग कहो ना,, कैसे जीतेंगे जंग-ए-Corona,, अब तो घर बैठे बैठे आ रहा है रोना,, क्युकी....... ना बाज़ारों में बहार है, ना गुलशन, गुलजार है,, ना बच्चे खेल सकते हैं,, ना बुजुर्ग घूम सकते हैं,, मंदिर, गुरुद्वारे पर कैसी लटकी. ये जंजीरें कमाल है,, भक्त तरसे मिलने भगवान् को, दिलों में बस मलाल है,, कितना कुछ सह रहे Corona warriors,, फ़िर भी क्यु लोगों की मानसिकता बीमार है,, कीजिए पालन lock down का, क्युकी बहार कर रही इन्तजार है,, फ़िर से मिलेंगे, बिछुड़े है तो क्या, इस न मिलने मे भी अपना ही ख़ुमार है,, परिवार, मित्रों से जुड़ पाय है अब हम, मानवीय एकता तो महान है,, चलो करे संकल्पित मन और तन, जीत जायेगे फिर ये जंग,, खिल खिला उठेंगे, फिर से हम,, चलो करे संकल्पित मन और तन,, 🙏🏻🙏🏻💦 #जंग ए Corona