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सुसि ग़ाफ़िल
आसमान से गिरते लोग मत देखो तुम देखो वह सोच जो निरंतर गिर रही है धरती से पताल की तरफ , यह लोग निरंतर गिरते रहेंगे थोड़े थोड़े समय बाद जैसे हम कुछ खा लेते हैं चटपटा अजीब सा और उसके बाद करते हैं ढेर सारी उल्टियां | जो हमारे पाचन तंत्र को बहुत ज्यादा प्रभावित करती है, उसी प्रकार गिरते हुए सोच जिंदगी को प्रभावित करती है| आसमान से गिरते लोग मत देखो तुम देखो वह सोच जो निरंतर गिर रही है धरती से पताल की तरफ , यह लोग निरंतर गिरते रहेंगे थोड़े थोड़े समय बाद ज
vibrant.writer
Food : for tongue or for health. Its on our tongue, what is tasty. Spicy crazy masala food or a real taste of every food. Its on our mind, why we eat, for taste or for health. Bodies mechanism goes finished with spicy masala food. When we are young, body fights with this crazy human hobby but when our body goes older then we need to understand that this masala kills our digestion system. food has energy so we have to eat it for health not for taste. body is a temple where soul stay, where God stay. take care of it. #food #taste #heath हमारी जीभ पर इसका स्वाद कैसा है। मसालेदार पागल मसाला भोजन या हर खाने का असली स्वाद। हमारे मन पर इसका प्रभाव है, हम क्
Ayurveda Tips
10 चीजें जो रात को नहीं खानी चाहिए हर व्यक्ति की खाने से जुड़ी अपनी अलग आदतें होती हैं। इसलिए कुछ लोग शाम के समय जल्दी खाना खा लेते हैं,
Pramod Kumar
Vikas Sharma Shivaaya'
✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 *ग्रह और शरीर के अंग* चिकित्सा ज्योतिष के अनुसार, ज्योतिष के नौ ग्रह शरीर के विभिन्न अंगों से जुड़े हैं। चिकित्सा ज्योतिष के अनुसार ग्रहों और संबंधित शरीर के अंगों और उनसे जुड़ी बिमारियां निम्न प्रकार हैं ---- *सूर्य* सूर्य हृदय, रीढ़ की हड्डी, पाचन तंत्र, हड्डी संरचना, रक्त, पित्ताशय को नियंत्रित करता है। इससे व्यक्ति तेज बुखार, मानसिक रोग, जोड़ों के विकार, हृदय की परेशानी, गंजापन आदि से पीड़ित हो सकते हैं। *चन्द्रमा* चंद्र अंडाशय, भावनाओं, शरीरिक तरल पदार्थ, स्तन, टॉन्सिल, लसीका, ग्रंथियों आदि को नियंत्रित करता है। चंद्रमा की कमजोर स्थिति मुंह, तिल्ली, गर्भाशय, तंत्रिका संबंधी विकार, सुस्ती आदि से संबंधित बीमारियों का कारण बनती है। *मंगल* मंगल पित्त को नियंत्रित करता है। मंगल धमनियों, प्रजनन प्रणाली, दांत, नाखून, बाल, आंत और नाक को कवर करता है। कमजोर शुक्र जलने, फ्रैक्चर, घाव, त्वचा पर चकत्ते, ट्यूमर, टाइफाइड आदि का कारण बनता है। *बुध* बुध वात पर शासन करता है। पित्त और कफ। बुध मस्तिष्क, श्वसन प्रणाली और तंत्रिकाओं को नियंत्रित करता है। इसकी कमजोर स्थिति गैस्ट्रिक जूस, हाथ, भुजा, गर्दन के निचले हिस्से, नपुंसकता, सिर चकराना आदि से संबंधित विकारों का संकेत देती है। *बृहस्पति* गुरु लीवर, गुर्दे, मस्तिष्क, तिल्ली आदि का कारक है। कमजोर बृहस्पति कान, मधुमेह, अग्न्याशय, याद्दाशत आदि से संबंधित बीमारियों का कारण बनता है। *शुक्र* शुक्र वात और कफ को नियंत्रित करता है। यह पाचन तंत्र, किडनी, प्रजनन प्रणाली, यौन अंग, त्वचा, गले आदि को नियंत्रित करता है। कमजोर शुक्र मूत्र मार्ग, एनीमिया, मूत्राशय, मोतियाबिंद, नपुंसकता आदि से संबंधित रोगों और व्याधियों का कारण बनता है। *शनि* शनि वात (गैस), त्वचा, नसों, हड्डियों और कंकाल को नियंत्रित करता है। शनि के प्रभाव से शारीरिक कमजोरी, पेट दर्द, अंधापन, बहरापन आदि होता है। *राहु* राहु पैर, गर्दन, फेफड़े, श्वास आदि यह वात और कफ को नियंत्रित करता है। प्रभावित राहु के कारण मोतियाबिंद, अल्सर, सांस लेने की समस्या, हकलाना, तिल्ली की समस्या आदि हो जाते हैं। *केतु* केतु पेट और पंजों को नियंत्रित करता है। कमजोर और दुर्बल केतु कान की समस्याओं, आंखों के रोग, पेट दर्द, शारीरिक कमजोरी व अन्य परेशानियों का कारण बनता है॥ 🙏अपनी दुआओं में याद रखियेगा 🙏बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....! 🙏सुप्रभात 🌹 आपका दिन शुभ हो विकास शर्मा'"शिवाया" 🔱जयपुर -राजस्थान 🔱 ©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 *ग्रह और शरीर के अंग* चिकित्सा ज्योतिष के अनुसार, ज्योतिष के नौ
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(((( नवरात्र में उपवास का महत्व )))) . नवरात्र में उपवास रखने की परंपरा आदिकाल से चली आ रही है। नवरात्र में विधि-विधान से माता की पूजा के साथ व्रत भी रखा जाता है। . कुछ लोग पहले दिन और अष्टमी के दिन उपवास रखते हैं तो वहीं नवरात्र में कुछ लोग पूरे 9 दिन का उपवास करके मां शारदा की आराधना करते हैं। . क्या कभी आपने सोचा है कि नवरात्र में व्रत रखने के पीछे क्या वजह है, नवरात्र में उपवास रखने का विशेष महत्व है। देवी पूजा के साथ व्रत करके माता से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। . आइए जानते हैं नवरात्र के पावन पर्व रखे जाने वाले व्रत के महत्व के बारे में। . नवरात्र में देवी पूजन करने का विधान है। व्रत-उपवास भी इसके ही अंतर्गत आता है। . मान्यता है कि नवरात्र रखे जाने वाले यह व्रत हमारी आत्मा की शुद्धता के लिए होते हैं। . एक साल में दो बार हम इन व्रत के दौरान अपनी आत्मा की शुद्धि करते हैं। व्रत करने से मन,तन और आत्मा की शुद्धि मिलती है। . व्रत पालन करने से शारीरिक, मानसिक और धार्मिक सभी प्रकार से फायदा होता है। नवरात्र के व्रत से शरीर तो स्वस्थ रहता ही है मन भी शांत बना रहता है। . इसके अलावा नवरात्रि पर्व में व्रत रखना शरीर को भी लाभ पहुंंचाता है। . नवरात्र पर देवी पूजन और नौ दिन के व्रत का बहुत महत्व माना जाता है। . नवरात्र के नौ पावन दिन स्वयं को शुद्ध, पवित्र, साहसी, मानवीय,आध्यात्मिक और मजबूत बनाने की अवधि होती है। . त्योहार के दौरान देवी से आशीर्वाद के साथ उनके चरित्र के गुणों को अपने व्यक्तित्व में शामिल करना चाहिए। इससे तपकर कुंदन बनकर निकल पाए तो नवरात्र हमारी आत्मा को तृप्त कर पाने में सफल रहेंगे। . दरअसल नवरात्र ऋतु परिवर्तन के समय पड़ते हैं। ऐसे समय में बीमार होने की संभावना काफी अधिक होती है। . लोगों को कई तरह के संक्रामक रोग भी हो जाते हैं। इसलिए नवरात्र के 9 दिन तक व्रत रखने से खानपान भी संतुलित होता है। . व्रत से शरीर स्वस्थ बना रहता है। पाचन तंत्र को सुचारु रूप से चलता है। कब्ज, गैस, अपच आदि की समस्या से निजात मिल जाती है। . व्रत रखने से मां की अनुकंपा मिलती है और मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। . आध्यात्मिक शक्ति और ज्ञान बढ़ने के साथ विचारों में भी पवित्रता आती है। . देवताओं ने भी रखा था नवरात्र का उपवास . इस तरह विदित है कि नवरात्र के त्योहार और व्रत का अपना महत्व है। पुराणों में उल्लेख मिलता है कि मां आदि शक्ति का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए स्वयं देवताओं ने भी नवरात्र के व्रत किए थे। . देवराज इंद्र ने पूजा भगवति को स्वर्गलोक के राजा देवराज इंद्र ने राक्षस वृत्रासुर का वध करने के लिए मां दुर्गा की पूजा अर्चना की और नवरात्रि के व्रत रखे। . त्रिपुरासुर दैत्य का वध करने के लिए भगवान शिव ने मां भगवति का पूजन किया। . जग के पालनकर्ता भगवान विष्णु ने मधु नाम के असुर का वध करने के लिए नवरात्र का व्रत किया था। . रावण का वध करने के लिए भगवान श्रीराम ने आश्विन नवरात्र का व्रत किया था। देवी के व्रत से भगवान राम को वह अमोघ वाण प्राप्त हुआ था जिससे रावण मारा गया। . महाभारत में कौरवों पर विजय पाने के लिए पांडवों द्वारा देवी का व्रत करने का उल्लेख मिलता है। . देवी भागवत पुराण में राजा सुरथ की कथा मिलती है, जिन्हें नवरात्रि के व्रत रखने से अपना खोया हुआ राज्य और वैभव फिर से प्राप्त हुआ था। ((((((( जय जय श्री राधे ))))) ©OMG INDIA WORLD #OMGINDIAWORLD (((( नवरात्र में उपवास का महत्व )))) . नवरात्र में उपवास रखने की परंपरा आदिकाल से चली आ रही है। नवरात्र में विधि-विधान से मा
Anamika Nautiyal
हद प्यार/हद पार हमारी जान से भी ज्यादा प्यारे और फोन में सोशल साइट्स के नाम पर इकलौते कुंडली जमाए हुए योरकोट( आपका कोट) नामक एप्लीकेशन जिस पर हम अपना बहुत अ
Er.Mahesh
जाति धर्म से ऊपर उठकर स्वतंत्रता की लडी लड़ाई ऐसे महान पुरुषों को हम दिल से देते बधाई हिन्दू, मुस्लिम चाहे सिक्ख हो या मराठा सब ने वतन की खातिर अपनी कीमती जान गंवाई स्वतंत्र राष्ट्र की सबने थी अंतिम इक्षा जताई ऐसे महान पुरुषों को, गणतंत्र दिवस की बधाई ©Er.Mahesh #गण तंत्र दिवस
Rajesh Khanna
दो-चार दिनों से हरकतें अलग है उसकी अब मेरी बात नहीं मानती कभी-कभी गुस्सा उसका इतना बढ़ जाता है जैसे बुझते दिये में और आग डाल दी अब मेरा सक तंत्र-मंत्र में बदल गया जब दिखाया मैंने एक बाबा को तो इस मे केई यो का हाथ था ©Rajesh Khanna #Raat तंत्र मंत्र