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3 Little Hearts
विदाई के वक्त दुल्हन से लिपटकर रोने का मौका, घरवालों से अधिक उसके आशिक को मिलना चाहिये। ©Vishnuuu X #vidai #Dulhan #विदाई #विदाई
Aanchal Mishra
हमने थोड़ा सा उनको सताया है और डांट भी खूब खाया है यार हम छोटो को ना बड़े भाई बहन की तरह प्यार जताया है हर रोज हर स्टेप पर नया रास्ता दिखाया है कैसे क्या करना है हाय सब कुछ समझाया है हर रोज सिंसियार्टी और स्ट्रिक्टनेस की अदा सुनाते हैं कसम से जब हम से गुस्सा आते हैं इतना इतराते हैं इतना नखरे दिखाते हैं हे भगवान कितना भाव खाते हैं पर कुछ भी हो हमारे सीनियर गलती करने के बाद और पहले दोनों ने बचाते हैं कसम से यह जूनियर और सीनियर के रिश्ते ना कॉलेज के बाद याद कर सबसे ज्यादा हंसाते हैं कभी बाहर मिल जाओ ना तो बड़े प्यार से चाय पिलाते हैं सीनियर की तरह समझाते और दोस्त की तरह हंसाते हैं वह हमें डिसिप्लिन सिखाने के लिए ना हमसे रूठते हैं पर वक्त मिलने पर हमारी अच्छाइयों की तारीफ भी कर जाते हैं डियर सीनियर हमें आपसे कुछ कहना है माना कि परेशान किया है आपको पर कॉलेज का हर दिन सिर्फ आपके साथ ही रहना है आपके और अपने खट्टे मीठे रिश्तो को अपने आने वाले जूनियर के साथ शेयर भी करना है सच में हर रोज वही पुराने इंट्रो का दुख दर्द झेलना है ज्यादा कुछ नहीं कहेंगे सिर्फ आपसे थैंक्यू कहना है थैंक यू सो मच ©Aanchal Mishra #विदाई
priya sharma
(... विदाई ...) पल भर के लिए भी जिस को खुद से दूर ना करते थे.. आज उसको उम्र भर के लिए जैसे पराया कर रहे थे.. अपने जिगर के टुकड़े को खुद से ही ज़ुदा कर रहे थे.. दिल पर बोझ, आँखों में नमी थी.. माँ-बाप के लिए ये सबसे दर्द भरी घड़ी थी.. एक कोने में खड़ा भाई भी रो रहा था.. मन में असीम प्यार और आँखों में सैलाब उमड़ रहा था.. सारी यादो को वो उस पल में जी रहा था.. अंदर ही अंदर उसका मन जैसे बिलख रहा था.. माँ की परछाई, पिता का मान उनसे दूर हो रहीं थीं.. देखो भाई आज तुम्हारी बहन विदा हो रहीं थीं. --प्रिया शर्मा ©priya sharma #विदाई
Mumbaikar_diary
गई तो थी अपना घर समझकर पर उसे पराया बताकर उसके सारे सपने तोड़ दिए। "विदाई " ©Priya dubey #विदाई
Baisa_Raj_Neha_Pandya
बिटियां हो जाए लाख विदा मगर घर में शाम को उसका इंतज़ार बाकी हों। जब घर में कोई खीर पक्के तो स्वाद में उसका हिस्सा बाकी हों। रंग उसकी ज़िन्दगी में बेशक नए हो मगर वो पुरानी यादों का मटमैला रंग बाकी हों। -Neha_Pandya #विदाई
Sandeep Dixit
अलविदा खुशबुएं उपहार दे कर, चल दिया मुड़ कर न देखा। है बहुत जालिम,बुलाया भी,मगर रुक कर न देखा। उफ़!तुम्हारी शोखियां और ये अदाएं जानेमन, बे वजह ही मार देंगी,कर के यह महसूस देखा। #विदाई
Sandeep Dixit
अलविदा खुशबुएं उपहार दे कर, चल दिया मुड़ कर न देखा। है बहुत जालिम,बुलाया भी,मगर रुक कर न देखा। उफ़!तुम्हारी शोखियां और ये अदाएं जानेमन, बे वजह ही मार देंगी,कर के यह महसूस देखा। #विदाई