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The Kane
White जो वकत के साथ बदल जाए, वो राय होती है, जब जिंदगी में कुछ नहीं होता, तब बस चाय होती है । International Tea Day ©The Kane poem
poem #कविता
read moreThe Kane
White मोबाइल पर पढ़ते बच्चे ऐसे आगे बढ़ते बच्चे बिना परीक्षा अगली कक्षा घर बैठे ही चढ़ते बच्चे बिना संग मित्रों में खेले नई जिंदगी गढ़ते बच्चे खोया बचपन, दोष समूचा कोरोना पर मढ़ते बच्चे ©The Kane #poem
ishant Thakur
White ह्बायों के रुख से लगता है कि रुखसत हो जाएगी बरसात बेदर्द समां बदलेगा और आँखों से थम जाएगी बरसात . अब जब थम गयी हैं बरसात तो किसान तरसा पानी को बो वैठा हैं इसी आस मे कि अब कब आएगी बरसात . दिल की बगिया को इस मोसम से कोई नहीं रही आस आजाओ तुम इस बे रूखे मोसम में बन के बरसात . चांदनी चादर बन ढक लेती हैं जब गलतफेहमियां हर रात तब सुबह नई किरणों से फिर होती हें खुसिओं की बरसात . सुबह की पहली किरण जब छू लेती हें तेरी बंद पलकें चारों तरफ कलिओं से तेरी खुशबू की हो जाती बरसात . नहा धो कर चमक जाती हर चोटी धोलाधार की जब पश्चिम से बादल गरजते चमकते बनते बरसात ©ishant Thakur prakrti poem #Lake #poem #tranding
Hashim Bannur | ಹಾಶಿಂ ಬನ್ನೂರು
Remembering Dr Sarvepalli Radhakrishnan ©Hashim Bannur | ಹಾಶಿಂ ಬನ್ನೂರು Remembering Bharat Ratna Second President of India Dr Sarvepalli Radhakrishnan on His Death Anniversary Sep-05-1888 Apr-17-1975 @Dr_APJ_
Remembering Bharat Ratna Second President of India Dr Sarvepalli Radhakrishnan on His Death Anniversary Sep-05-1888 Apr-17-1975 @Dr_APJ_ #drsarvepalliradhakrishnan #ಜ್ಞಾನಿ #ಹಾಶಿಂ_ಬನ್ನೂರು #hashim_bannur #hashim_bannur_Socialmedia #hashim_bannur_Nojoto #hashim_bannur_Post #hashim_bannur_News
read moreCapital_Jadon
क्या करोगे यूँ रातों को गुफ़्तगू तो कर रहे हो हमसे, जो दिल लगा बैठे तो क्या करोगे मानता हु कि अभी हम कुछ नहीं तुम्हारे, मगर जो हमे कुछ मान बैठे तो क्या करोगे यूँ रातों को गुफ़्तगू तो कर रहे हो हमसे, जो दिल लगा बैठे तो क्या करोगे ये प्यार की बातें किताबों में रहने दो, हकीकत में दिल लगा बैठे, तो उजड जाओगे कहते है फिर दुबारा नहीं बसा करते,उजड़े हुए दिल जो हमारे होगये ,तो क्या करोगे यूँ रातों को गुफ़्तगू तो कर रहे हो हमसे, जो दिल लगा बैठे तो क्या करोगे क्या कर पाओगी यकीन फिर से इश्क़ पे, या ज़माने के डर से बिछड़े तो न जाओगे बन्झर से दिलों के इस बीरान सफर में ताउम्र साथ चल पाओगे क्या कह पाओगे ज़माने को की फिर से इश्क हुआ है, या डर के ज़माने से फिर भागा जाओगे ©Capital_Jadon #poem
Aarti Sirsat
वक्त शायद जख़्मो को भर भी दे, मगर जाओं... जिंदगी से पूछकर आओं... क्या वोह मेरी उम्र की भरपाई कर पायेगी....! ©Aarti Sirsat #poem
Kartik Choure
जगता एवढं आचरा फक्त , स्वाभिमानाचा मान ठेवा आठवूण चेहरा स्वप्नांचा कष्ट सुद्धा गहाण ठेवा ... स्वप्न एवढी मोठी विचारा सूर्यालाही तहान लागेल , जिद्द एवढी साठवून ठेवता की सागरालाही घाम फुटेल ... कित्येक काटे बोचले जरी मेहनतीला आपला सार्थी करा अलगद त्यांना सरकावून बाजूला विजयाची समशेर आसमंती धरा..... -कार्तिक ©Kartik Choure #poem