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Vipin Chaurasiya
बुरे हैं हम तभी तो "जी" रहे हैं.... भले लोग तो कब के निकल लिए।। वो भी छत्ता लगा के..
Arun Prajapati
मुख़्तसर खुद को टटोला जाये, क्या पता, ख़ाक से कोई हीरा निकले बोल जिनके हैं मोतियों जैसे, वाजिब नहीं कि दिल ज़ख़ीरा निकले टूटता तिलिस्म हुई नज़र साफ़, तान कर छाती जब भी सबेरा निकले धूप में रौशनी बटोरते रहना, मुमकिन है कल से अँधेरा निकले मुसलसल कोई संजोता है जब पराग, जाके तब छत्ते से शीरा निकले ज़िंदगी जीने का शौक़ आये तो, बांध कर कफ़न सर पे कबीरा निकले मुख़्तसर : थोड़ा टटोलना : ढूँढना ख़ाक : मिट्टी वाजिब : जरूरी ज़ख़ीरा : खज़ाना तिलिस्म : जादू मुसलसल : लगातार पराग : फूल का रस
satish bharatwasi
तु नसशील तर जगण्याला काय अर्थ आहे? तु असेल तर जीवन माझे सार्थ आहे अर्थ
Niti Adhikari
तकलीफ़ देने के बाद जताई गई मोहब्बत, और नज़रंदाज़ करने के बाद दी गई अहमियत.. कोई मायने नहीं रखती.. 💘💘💘 ©Niti Adhikari #अर्थ
ARUN KUMAR PRAJAPATI
मुख़्तसर खुद को टटोला जाये, क्या पता, ख़ाक से कोई हीरा निकले बोल जिनके हैं मोतियों जैसे, वाजिब नहीं कि दिल ज़ख़ीरा निकले टूटता तिलिस्म हुई नज़र साफ़, तान कर छाती जब भी सबेरा निकले धूप में रौशनी बटोरते रहना, मुमकिन है कल से अँधेरा निकले मुसलसल कोई संजोता है जब पराग, जाके तब छत्ते से शीरा निकले ज़िंदगी जीने का शौक़ आये तो, बांध कर कफ़न सर पे कबीरा निकले मुख़्तसर : थोड़ा टटोलना : ढूँढना ख़ाक : मिट्टी वाजिब : जरूरी ज़ख़ीरा : खज़ाना तिलिस्म : जादू मुसलसल : लगातार पराग : फूल का रस
- Arun Aarya
अपने ग़मो के आँशुओ को मैं पी रहा हूँ, मैं एक उद्देश्यहीन जिंदगी जी रहा हूँ। -By आर्या बरेठ। बीना अर्थ के जिंदगी बे अर्थ है।
Shivam Yadav
दिन-ब-दिन इस बढ़ते प्रेम के साथ तेरा चेहरा मेरे चेहरे मे मेरा चेहरा तेरे चेहरे में दिखने लग जाए... मेरी समझ मे वही प्रेम है..... ©Shivam Yadav अर्थ #hangout