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Gurudeen Verma
शीर्षक- हाँ, तैयार हूँ मैं ---------------------------------------------------------- हाँ, तैयार हूँ मैं, क्योंकि--------------, बांध रखा है मैंने अपना सामान चलने को, जूतें भी पॉलिश कर लिये हैं चलने को, और कपड़ें भी बदल लिये हैं मैंने चलने को। हाँ, तैयार हूँ मैं, लेकिन मैं तुमसे पूछता हूँ, तुम क्यों कर रहे हो ऐसा ? क्या वहाँ तुम्हारा वश चलता है ? क्या उन्होंने दिया है तुम्हें सन्देश मेरे लिए ? हाँ, तैयार हूँ मैं, लेकिन मिट नहीं पा रही है अभी तक, आँखों में वो पुरानी तस्वीरें उनकी, निकल नहीं पा रही है दिल से अभी तक, उनकी वो नुकीली चुभती हुई बातें। हाँ, तैयार हूँ मैं, लेकिन डरता हूँ मैं वहाँ आने से, और नहीं करता हूँ उन पर विश्वास, मैं अब दुःखी नहीं रहना चाहता, मुझको अब आगे बढ़ना है। और इसीलिए, हाँ, तैयार हूँ मैं , क्योंकि--------------------। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #लेखन
Jayesh Sawant
ती शक्ती आहे, ती भक्ती आहे ती सशक्त आहे, ती सर्व युक्त आहे ती रात्र आहे, ती सर्वत्र आहे ती दिन आहे, ती स्वाधीन आहे ती आशा आहे, ती परिभाषा आहे ती स्वाभिमान आहे, ती अभिमान आहे ती कर्तृत्व आहे, ती वक्तृत्व आहे ती ताई आहे, माई आहे, मैत्रीण आहे, सोबतीण आहे, इतरत्र आहे, सर्वत्र आहे, ती स्त्री आहे, ती जगत जननी आहे.... ©Jayesh Sawant #womeninternational #जागतीकमहिलादिन #mahiladin #महिलादीन #marathi #मराठी
sanjay kushekar
हे सत्य कधीच दडणार नाही कष्टाशिवाय फळ मिळणार नाही आहो स्वतःच सिखावे पोहायला आपण कधीच बुडणार नाही ©sanjay kushekar #LetMeDrowm शायरी मराठी #sanjaykushekar #चारुळी
Gurudeen Verma
शीर्षक - यही तो जिंदगी का सच है ---------------------------------------------------- सबको पता है और यह सत्य है कि, पहली आवश्यकता है आदमी की, रोटी, कपड़ा और मकान, और इन्हीं के लिए वह, करता है दिनरात इतनी भागदौड़, और बहाता है अपना खून- पसीना, करता है पाप और अनैतिकता भी, जीने को वह सुख- शान्ति से।। भूल जाता है वह, अपनी मंजिल तक पहुंचने में, अपने परिचितों के चेहरे और नाम तक, याद तक नहीं आते हैं उसको, अपने गम और दर्द तक, तोड़कर सभी से अपना रिश्ता वह, जीना चाहता है अकेला होकर, और जी.आज़ाद बनकर वह।। नहीं रहता उसको कुछ भी मतलब, अपने परिचितों और परिवार से, और इसी तरह चला जाता है वह, अंत में अपने सम्बन्ध सभी से तोड़कर, बहुत दूर अपने किसी संसार में, लेकिन वहाँ भी उसको नहीं होता है, किसी से कोई मतलब,प्यार और रिश्ता, यही तो जिंदगी का सच है।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #लेखन
विचित्र शायर
वंदना ....
🙏🙏🙏🙏 🌹🌹🌹🌹 ©वंदना .... #मराठी भाषा दिन निमित्त ... महाराष्ट्रीयन लोगों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं ..🙏🙏
nisha Kharatshinde
माझी मराठी अमृतात न्हाऊन शृंगारली ती लपेटून संस्कार माझी मराठी इथे सळसळे रक्त धमन्यांमधूनी मुखी नाम शिवबा तीच माझी मराठी कधी काळजाला कधी माणसाला मना स्पर्शते तीच माझी मराठी इथे राहतो वाघ गर्भांतरी या गर्जे म्हणूनी माझी मराठी ✍️काव्यनिश ©nisha Kharatshinde माझी मराठी