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Shaarang Deepak
Dalip Kumar Deep
Shayer tera ©Dalip Kumar Deep ✍🏿🍂🍂जब भी अंधेरा कर के😔🥀🥀🥀 गुड नाईट सुबह मिलते हैं 🙏🤚🤚💕💕😊
kouravsantosh
बोलिये सुरीली बोलियां खट्टी मीठी आँखों की रसीली बोलियां ♥️ रात में गोले चाँद की मिश्री ♥️ दिन के ग़म नमकीन लगते हैं ♥️ नमकीन आँखों की नशीली बोलियां ♥️ गूंज रहे हैं डूबते साए ♥️ शाम की खुशबू हाथ ना आए गूंजती आँखों की नशीली बोलियां♥️ ©kouravsantosh #oddone मधुर बोल
Rajesh Arora
......... .. ©Rajesh Arora मधुर मुस्कान #Nojoto #nojotohindi #Shayari #Shayar
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
यूँ ही लोगो को जोड़ते रहना । रंग जीवन में घोलते रहना ।।१ आप रिश्ते न तोलते रहना । कुछ दुआ भी तो मांगते रहना ।।२ दूरियां रख लो चाहे जितनी तुम । बस मधुर बोल बोलते रहना ।।३ तोड़ कर कुछ सही नही होता । बाद फिर आप सोचते रहना ।।४ बाँध के प्रीत का चलें धागा । दूर से क्यूँ यूँ ताकते रहना ।।५ बाँट देगें वो मजहबों में फिर । तुम खुली आँख से देखते रहना ।।६ लौट के फिर नहीं बहे गंगा । फिर प्रखर चाहे रोकते रहना ।।७ २१/०२/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR यूँ ही लोगो को जोड़ते रहना । रंग जीवन में घोलते रहना ।।१ आप रिश्ते न तोलते रहना । कुछ दुआ भी तो मांगते रहना ।।२
Instagram id @kavi_neetesh
गीत लिखे हैं मैंने मन के गीत लिखे हैं मैंने मन के, भावों के सुंदर उपवन के। जहां खिले हैं पुष्प हजारों, महकते हैं वन चंदन के। गीत लिखे हैं मैंने मन के कलमकार वाणी साधक, शब्द सुरीले मोती चुनता। ओज बने हुंकार लेखनी, देशभक्ति के स्वर बुनता। शब्द शिल्प सृजन सारथी, दीप जलाता जन मन में। उजियारा आलोक भरें, घट-घट चंचल चितवन में। गीत लिखे हैं मैंने मन के स्नेह सुधा रस बहती धारा, मोती बरसते प्यार के। अधरों पर मुस्कान मधुर सी, वीणा की झंकार से। गीत गजल दोहा चौपाई, पावन छंदों की फुहार से। मुक्तक मंद मंद मुस्कुराया, मृदु लेखनी की धार से। गीत लिखे हैं मैंने मन के आडंबर से दूर रहा नित ,सत्य का मार्ग अपनाया। शील सादगी समर्पण, किर्तिमान परवान चढ़ाया। राष्ट्रप्रेम में डूबा मनमौजी, गीत रचता मैं वतन के। गाओ मेरे देश प्रेमियों, बोल सुरीले अपने मन के। गीत लिखे हैं मैंने मन के ©Instagram id @kavi_neetesh #Path गीत लिखे हैं मैंने मन के गीत लिखे हैं मैंने मन के, भावों के सुंदर उपवन के। जहां खिले हैं पुष्प हजारों, महकते हैं वन चंदन के। गीत लिख
Bharat Bhushan pathak
कैसा ये युग आया भाई। सोच रही भी देवी माई।। मधुर नहीं अब होती गीतें। मर्यादा की खोती रीतें।। शिष्ट नहीं गीतों की बोली। मुद्रा लोभी जन-जन टोली।। ©Bharat Bhushan pathak #hillroad कैसा ये युग आया भाई। सोच रही भी देवी माई।। मधुर नहीं अब होती गीतें। मर्यादा की खोती रीतें।। शिष्ट नहीं गीतों की बोली। मुद्रा लोभ
bhim ka लाडला official
MUKESH_VIP
मिट्टी का मटका और परिवार की कीमत सिर्फ बनाने वाले को पता होती है, तोड़ने वाले को नहीं। क्रोध के समय थोडा रुक जायें और गलती के समय थोडा झुक जायें। दुनिया की सब समस्याये हल हो जायेगी। ©MUKESH_VIP #girlfriendproposeday मिट्टी का मटका और परिवार की कीमत सिर्फ बनाने वाले को पता होती है, तोड़ने वाले को नहीं।
Hamid Khan
जानु हम वो नहीं जो मतलब से याद करते है हम यह है जो रिश्तो से प्यार करते है आप पेगाम आये या ना आये हम आपको दिल से याद करते है ©Hamid Khan #HappyRoseDay गुड नाईट