Find the Latest Status about असुरों from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, असुरों.
Hem Raj Yadav
जो कहानी / किताब एक पिता को उसी की पुत्री के विवाह के लिए प्रतिभागी बताए और तो और उस पिता के द्वारा उसका अपहरण कराए और फिर उसे उसकी पटरानी बनने को विवश करने का पूर्ण प्रयास करने वाला पिता बताए और वो भी एक महाज्ञानी व सनातनी ब्राह्मण पिता; वो एक धर्म शास्त्र कैसे हो सकता है? यह तो मानव धर्म क्या, असुरों के धर्म में भी महापाप है। धर्म शास्त्र में ऐसे विचारों तक को भी नहीं दिखाया जा सकता। ऐसी अतिसयोक्ति भरी रचनाएं सत्य भी हों तो काल्पनिक ही माननी चाहिए, जो मात्र लोक प्रियता के उद्देश्य से रची गई हैं, इस प्रकार की अनैतिक कथाओं युक्त रचना को धर्म शास्त्र मान लेना पूर्णतया अनुचित होगा। ©Hem Raj Yadav जो कहानी / किताब एक पिता को उसी की पुत्री के विवाह के लिए प्रतिभागी बताए और तो और उस पिता के द्वारा उसका अपहरण कराए और उसे उसकी पटरानी बनने
जो कहानी / किताब एक पिता को उसी की पुत्री के विवाह के लिए प्रतिभागी बताए और तो और उस पिता के द्वारा उसका अपहरण कराए और उसे उसकी पटरानी बनने #Politics #समाज #dharm #ramcharitmanas #granth
read moreKrishnadasi Sanatani
शुभ और निशुभ, दो असुर भाइयों ने कड़ी तपस्या करके ब्रह्मा से एक वरदान प्राप्त किया कि कोई भी मनुष्य उन्हें नष्ट नहीं कर पाए। फिर उन दोनो ने सभी लोकों पर शासन करने के लिए इंद्र और देवों को हरा दिया। देवों ने मदद के लिए शिव से प्रार्थना की, जिन्होंने उन्हें पार्वती की सहायता लेने की सलाह दी। तब पार्वती ने असुरों से लड़ने के लिए दुर्गा का रूप धारण किया। युद्ध के मैदान में, असुरों ने सबसे पहले चण्ड और मुण्ड को देवी से लड़ने के लिए भेजा। दुर्गा ने तब काली (या कालरात्रि) का रूप धारण किया और चण्ड और मुण्ड को आसानी से हरा दिया इसलिए उन्हें चामुंडा नाम दिया गया। फिर, काली को मारने के लिए रक्तबीज नामक एक अन्य असुर को भेजा गया। उसे अपने खून की एक-एक बूंद के साथ तुरंत खुद का एक और रूप बनाने का वरदान प्राप्त था। उसे हराने के लिए, काली ने फिर अपनी जीभ को पूरे युद्धभूमि में इस तरह फैला दिया कि रक्तबीज के खून की एक बूंद भी जमीन पर ना गिरे। दुर्गा ने रक्तबीज पर हमला किया और काली ने उसके खून की एक भी बूंद जमीन पर गिरने नही दी। और इस तरह रक्तबीज की मृत्यु हुई। इसके बाद, शुभ और निशुभ को भी देवी ने मार गिराया। ©Krishnadasi Sambhavi शुभ और निशुभ, दो असुर भाइयों ने कड़ी तपस्या करके ब्रह्मा से एक वरदान प्राप्त किया कि कोई भी मनुष्य उन्हें नष्ट नहीं कर पाए। फिर उन दोनो ने स
meri_diary(R*)
मर्यादा की पाठ पढ़ाते हो बेमर्दों, फिर क्यूं मर्यादा को ही तार-तार कर देते हो। क्यूं अपनी मां -बहन को छोड़कर तुम दूसरों के घर की इज्जत को #Thoughts #against #Injustice #manipurkand
read moreN S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} शिव-पार्वती पुत्र था राक्षस अंधक, इस तरह हुआ था जन्म :- एक बार भगवान शिव और माता पार्वती घूमते हुए काशी पहुंच गए। वह #पौराणिककथा
read moreVishw Shanti Sanatan Seva Trust
श्रीमद्भागवत महापुराण: दशम स्कन्ध: तृतीय अध्याय: श्लोक 1-12 का हिन्दी अनुवाद भगवान श्रीकृष्ण का प्राकट्य श्री शुकदेव जी कहते हैं- परीक्षित!
read moreVishw Shanti Sanatan Seva Trust
श्रीमद्भागवत महापुराण: दशम स्कन्ध: तृतीय अध्याय: श्लोक 1-12 का हिन्दी अनुवाद भगवान श्रीकृष्ण का प्राकट्य श्री शुकदेव जी कहते हैं- परीक्षित!
read more