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Dr.Tarachand 'Tanha'
Aarjav Mishra
हमारी दुनिया में बदइंतज़ाम बहुत है मेरे शहर में काम उसके में आराम बहुत है ©Aarjav Mishra #aarjav #Hindi #urdu #Life #Shayar #Shayari #Love #thought #viral मजेदार हास्य व्यंग्य कविताओँ को पढ़ने के लिए आएं हमारी वेबसाइट लेखवाटिका प
Sita Prasad
अंको का क्या है… खड़ा- खड़ा मुस्कुरा रहा था वह, दस वर्षीय बालक, कोमल हृदय, घर में चल रही थी दुर्गा माँ की पूजा, ज़रा देखो क्या हर्ष किया बालक का! पूछ अंक परीक्षा के, उसे लाचार किया। बड़ा ही खुश था वह नौजवान, आज पहली तनख़्वाह हाथ आई थी, माँ के लिए लिया उपहार छोटा सा, ( शेष अनुशीर्षक में) #hphkp_sept_rg017 #hphkpsept_week_1_challange_2 #hindiprabhat #yqdidi #yqbaba #hpkhp हास्य व्यंग्य कविता लिखने की कोशिश की है, उम्मीद है
Namit Raturi
बिजली कडकी,बादल बरसे आए जो ईश्वर धरती पे, रस्ता भटके प्रभु और आ पहुंचे यहाँ गलती से, जरा सी घूमी क्या दुनिया,फर्क बदल गया जमानो का, कहीं दूषित करे बादलों को काला धुँआ कारखानों का, दग दग दौडे गाडी, पूछें प्रभु यह कैसे रहीस ताँगे, उधर एक छोटी बच्ची गाडियों की खिडकियों को खटखटा के भीख माँगे, यह कैसी दुनियादारी कि कुछ लोग अपने कारोबार मे व्यस्त है, बाकी खाली बैठे चटाई पे राजा,रानी और इके कि दुनिया में मस्त है, हाए यह बेरोजगारी भूखा मर रहा हर कोई कडकी से, बिजली कडकी,बादल बरसे आए जो ईश्वर धरती पे ॥ (read whole poem in caption) ईश्वर धरती पे ! एक नई कविता प्रस्तुत करने जा रहा हूँ,उम्मीद है कि आपके दिलों तक पहुँच सकूं,आपसे निवेदन है कि इस हास्य व्यंग्य कविता को पढें
K L MAHOBIA
हाय, मेरी पत्नी बनती कितनी कैसी भोली भाली है। लूटने वाली कोई और नहीं ,अपनी ही घरवाली है। आदमी को देखो कैसा भाग रहा लिखते है अरूणाई में पॉकेट को खाली करती सदा से पत्नी अपनी आली है। रातों दिन मारा मारा फिरता जीवन का रस सूख गया। रोज कमाया पैसा मेरा छीना पत्नी चंडी काली है। हाय, मेरी पत्नी बनती कितनी कैसी भोली भाली है। लूटने वाली कोई और नहीं ,अपनी ही घरवाली है। जीवन में शादी करना भारी मेरी भूल सुनो भाई जी। मेरा जीवन मुश्किल में पड़ता पत्नी महंगी पा ली है। ब्यूटी पार्लर, क्रीम पाउडर आई लाइनर कितने नखरे। साड़ी गहने कपड़े हर महीने में पैसा अब खाली है। हाय, मेरी पत्नी बनती कितनी कैसी भोली भाली है। लूटने वाली कोई और नहीं ,अपनी ही घरवाली है। किटी पार्टी नाइट पार्टी पत्नी कितना फिर ढोंग रचाती। थोड़ा सा पैसा कम होता सुनता अक्सर देती गाली है। किस मोह जाल में उलझाया मुझे बचा लो कोई साथी। गिर गया बेशर्म पैसा भीख मांग रहा छुपाता जाली है। हाय, मेरी पत्नी बनती कितनी कैसी भोली भाली है। लूटने वाली कोई और नहीं , अपनी ही घरवाली है। के एल महोबिया ✍️ ©K L MAHOBIA #कविता हास्य व्यंग्य के एल महोबिया