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Vibhor VashishthaVs
अर्थात-: हे सत् चित्त आनंद!हे संसार की उत्पत्ति के कारण! हे दैहिक, दैविक और भौतिक तीनो तापों का विनाश करने वाले महाप्रभु! हे श्रीकृष्ण! आपको कोटि कोटि नमन. हे लीलाधर! हे मुरलीधर! ...संसार आपकी लीलामात्र का प्रतिबिंब है. हे योगेश्वर!आप अनन्त ऐश्वर्य, अनन्त बल, अनन्त यश, अनन्त श्री के स्वामी हैं लेकिन इसके साथ साथ आप अनंत ज्ञान और अनंत वैराग्य के भी दाता हैं. हे योगिराज कृष्ण! आपके महान गीता ज्ञान का आलोक आज तक हमारा पथप्रदर्शक है लेकिन हम मर्त्य प्राणी आपके इस अपार सामर्थ्य को भूलकर उस माया में डूबे हुए हैं जो हमें आपके वास्तविक स्वरुप का भान नहीं होने देती है. हे अनंत कोटि ब्रह्मांड के स्वामी! इस बार जन्माष्टमी पर हम भक्तजन आपके योद्धा कृष्ण, नीतीज्ञ केशव, योगिराज माधव स्वरुप की शपथ लेते हैं, कि हम सदैव आपके चरणकमलों का अनुगमन करते हुए धर्म के मार्ग पर चलेंगे... 🏵🏵🙏जय जय श्री कृष्णा🙏🏵🏵 __Vibhor vashishtha Vs Meri Diary #Vs❤❤ सच्चिदानंद रूपाय विश्वोत्पत्यादिहेतवे! तापत्रय विनाशाय श्री कृष्णाय वयं नम: !! अर्थात-: हे सत् चित्त आनंद!हे संसार की उत्
Meri Diary Vs❤❤ सच्चिदानंद रूपाय विश्वोत्पत्यादिहेतवे! तापत्रय विनाशाय श्री कृष्णाय वयं नम: !! अर्थात-: हे सत् चित्त आनंद!हे संसार की उत् #yqbaba #yqdidi #shreekrishna #yourquotebaba #janmashtami #yourquotedidi #vs❤❤
read moreचन्देल साहिब
"परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्" "धर्मसंस्थापनार्थाय संभवामि युगे युगे"
read moreGaurav Kumar Sagar
#krishna_flute यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥ परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्। धर्मस #Poetry #writing #nojotoofficial #kavita #विचार #vichaar #fellings
read moreGuruwanshu
कभी शंख तो, कभी थाली बजाली, धन्य है देश मेरा, जिसने दर्द में भी दीवाली मना ली। शुभम करोति कल्याणं, आरोग्यं धन संपदाम्। शत्रु बुद्धि विनाशाय, दीपं ज्योति नमोस्तुते।। ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ अतार्थ : शुभ और कल्याण
शुभम करोति कल्याणं, आरोग्यं धन संपदाम्। शत्रु बुद्धि विनाशाय, दीपं ज्योति नमोस्तुते।। ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ अतार्थ : शुभ और कल्याण #yqbaba #yqdidi #guruwanshu #IndiaFightsCorona #lockdowndiary #9pm9minute #day12lockdown #नौमिनट
read moreAgrawal Vinay Vinayak
शुभभ करोतु कल्याणम् ,आरोग्यम् धन संपदाम्। शत्रु बुध्दि विनाशाय, सूर्य ज्योति नमोस्तुते।।🌞👏 सूर्य कुल की असीम अनुकम्पा से भगवान भास्कर का यह पर्व आपके जीवन में सुख, समृद्धि वैभवता और यश का संचार करे। इन्हीं अनंत कोटि शुभकामनाओं के साथ आपको आपके सपरिवार सहित छठ पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं शुभभ करोतु कल्याणम् ,आरोग्यम् धन संपदाम्। शत्रु बुध्दि विनाशाय, सूर्य ज्योति नमोस्तुते।।🌞👏 सूर्य कुल की असीम अनुकम्पा से भगवान भास्कर का यह
शुभभ करोतु कल्याणम् ,आरोग्यम् धन संपदाम्। शत्रु बुध्दि विनाशाय, सूर्य ज्योति नमोस्तुते।।🌞👏 सूर्य कुल की असीम अनुकम्पा से भगवान भास्कर का यह #bihari #छठ #छठपूजा #Chattpuja #yqvinayvinayak #yqyashuvinayak #chatpuja
read moreAnuj
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे जब-जब धर्म का क्षय व अधर्म में वृद्धि होती है, तब-तब मैं धर्म की स्थापना हेतु अवतरित होता हूँ यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भ
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भ #कृष्ण #जन्मोत्सव
read moreMohit Mudita Dwivedi
ॐ नमः शिवाय शीष पे शोभित चंद्र , जटा से लिपटी रहती गंगा । त्रिनेत्र विनाशक ललाट पे बासे , गले से लिपटा भुजंगा । जब निकले शिवा , तब बाजे ढोल डमरू और मृ
शीष पे शोभित चंद्र , जटा से लिपटी रहती गंगा । त्रिनेत्र विनाशक ललाट पे बासे , गले से लिपटा भुजंगा । जब निकले शिवा , तब बाजे ढोल डमरू और मृ #Poetry #mahashivratri #shivaay
read moreDivyanshu Pathak
मैं ग़लतियों का पुतला। भुगतान करता हूँ, ग़लतियों के मुताबिक़। समझौता नही कर पाता, ख़ुद से न सामने वाले से। जो है उसे स्वीकार करता हूँ, जो नही है उसे ढूंढता हूँ। मैं बस मैं हूँ। अच्छा भी बुरा भी। आप मुझसे सहमत हों न हों, ये आपकी अपनी मर्ज़ी है। मैं अपनी बात कहता हूँ, आपकी बात समझने की, कोशिश करता हूँ। 😊🙏😊 सुबह सुबह कुछ अपने लिए भी बनता है। सत्ता उल्लू सीधा करती भाड़ में जाती जनता है। 😀😝 सुप्रभातम #पाठकपुराण Divyanshu Pathak : ‘परित्राणाय स
😊🙏😊 सुबह सुबह कुछ अपने लिए भी बनता है। सत्ता उल्लू सीधा करती भाड़ में जाती जनता है। 😀😝 सुप्रभातम #पाठकपुराण Divyanshu Pathak : ‘परित्राणाय स
read moreN S Yadav GoldMine
White यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥ परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्। धर्म संस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे॥ प्रह्लाद ने कहा-पिताजी! मैंने जो पढ़ा है वह सुनिये-l श्रवणं कीर्तनं विष्णो: स्मरणं पादसेवनम्। अर्चनं वन्दनं दास्यं सख्यमात्मनिवेदनम्॥ {Bolo Ji Radhey Radhey} (श्रीमद्भा० ७।५।२३) जय श्री राधे कृष्ण जी...... 'भगवान् विष्णु के नाम और गुणों का श्रवण एवं कीर्तन करना, भगवान् के गुण, प्रभाव, लीला और स्वरूप का स्मरण करना, भगवान् के चरणों की सेवा करना, भगवान् के विग्रह का पूजन करना और उनको नमस्कार करना, दास भाव से आज्ञा का पालन करना, सखा-भाव से प्रेम करना और सर्व स्वसहित अपने-आपको समर्पण करना।' ऐसी बात सुनकर हिरण्यकशिपु चौंक पड़ा और उसने पूछा-यह बात तुझे किसने सिखायी? मेरे राज्य में मेरे परम शत्रु विष्णु की भक्ति का उपदेश देकर मेरे हाथ से कौन मृत्यु मुख में जाना चाहता है? ©N S Yadav GoldMine #good_night यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥ परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्। धर्म
#good_night यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥ परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्। धर्म #भक्ति
read moreN S Yadav GoldMine
White यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥ परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्। धर्म संस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे॥ प्रह्लाद ने कहा-पिताजी! मैंने जो पढ़ा है वह सुनिये-l श्रवणं कीर्तनं विष्णो: स्मरणं पादसेवनम्। अर्चनं वन्दनं दास्यं सख्यमात्मनिवेदनम्॥ {Bolo Ji Radhey Radhey} (श्रीमद्भा० ७।५।२३) जय श्री राधे कृष्ण जी...... 'भगवान् विष्णु के नाम और गुणों का श्रवण एवं कीर्तन करना, भगवान् के गुण, प्रभाव, लीला और स्वरूप का स्मरण करना, भगवान् के चरणों की सेवा करना, भगवान् के विग्रह का पूजन करना और उनको नमस्कार करना, दास भाव से आज्ञा का पालन करना, सखा-भाव से प्रेम करना और सर्व स्वसहित अपने-आपको समर्पण करना।' ऐसी बात सुनकर हिरण्यकशिपु चौंक पड़ा और उसने पूछा-यह बात तुझे किसने सिखायी? मेरे राज्य में मेरे परम शत्रु विष्णु की भक्ति का उपदेश देकर मेरे हाथ से कौन मृत्यु मुख में जाना चाहता है? ©N S Yadav GoldMine #good_night यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥ परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्। धर्म
#good_night यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥ परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्। धर्म #भक्ति
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