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vish
White ख्वाबो का मेरा एक शहर था।। जिसमें मेरी ख्वहिशें जिंदा थी।। आंखें खुली तो पता चला।। वो ख्वाब दो पल का था।। ©vish # ख्वाबो का शहर
# ख्वाबो का शहर #Poetry
read moremalay_28
शहर के सब मकाँ लगते यहाँ पत्थर चलो ना गाँव में चलकर कोई घर लें ! ©malay_28 #शहर पत्थर
Sapna Meena
White अबकी बार 400 पार या फिर गठबंधन सरकार। मोदी का उतरे का मुखौटा या फिर पहनेगा जीत का हार। केजरीवाली या कन्हैया या मनोज तिवारी होगा यमुना पार। कांग्रेस और आम आदमी के लड़ गए नैना बीजेपी रह गई बिन प्यार। अबकी बार 400 पार,या फिर गठबंधन सरकार। ©Sapna Meena #car चुनाव 2024 पर कविता
Arora PR
White इस नए अजनबी शहर में मै पहली बार आया हु और सोचा था सब कुछ यहां नया नया दिखेगा. अफ़सोस हुआ देख कर कुछ भी नया नहीं सब कुछ मेरे शहर जैसा ही था यहाँ तक कि जो चाँद यहाँ निकला है वैसा चाँद मेरे शहर नेभी रोज़ निकला करता था ©Arora PR अजनबी शहर i
अजनबी शहर i #कविता
read moremalay_28
मेरी ग़ज़लों में जो ढल सके वो बहर चाहिये मेरा गाँव जहाँ साँस ले सके वो शहर चाहिये. ©malay_28 #वो शहर चाहिये
वो शहर चाहिये #शायरी
read moreManju kushwaha
White वो बच्चे जो निकले थे कभी कमाने के लिए फिर लौटे ही नहीं वापिस घर आने के लिए ll मन में इक ख़लिश दबाये लौटे जो कभी उस गली.. वो आए तो बस अपनी शानो-शौकत दिखाने के लिए ll वो जाले से लिपटा मकान जो सुन्दर घर हुआ करता अब वो ही करते हैं बातें उसे बेच जाने के लिए ll विरान पड़े हैं बाग बगीचे और गुलिस्तान सारे.... कि कोई आता ही नहीं उन्हें फिर से बसाने के लिए ll अब शौकीन हुए हैं सभी ऊँची ऊँची अट्टालिकाओं के जर्जर है गाँव का वो घर कौन आए उसे सजाने के लिए ll मंजू कुशवाहा ✍️🌹💞 ©Manju kushwaha #शहर
SANJAY SAHA
White छोड़ आय थे सुबह अपना आशियाना पर शाम को अपना घर है जाना अपनों का प्यार है पाना। ©SANJAY SAHA #City शहर से दूर
Dev Rishi
गुजर गये है गांव से शहर की ओर.... तनख़ा दो से चार हुई है हां शहर की ओर... अपनी मंजिल अक्सर शहर में क्यों मिलती है गांवों की रौनक धुंधली हो चुकी है क्योंकि कि ... सब जा रहा है शहर की ओर ©Dev Rishi #शहर की ओर
#शहर की ओर
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