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love you zindagi
Autumn आती नहीं रात में नींद बन गए हो तुम देखता रहता हूँ रात भर ख्वाब बन गए हो तुम जो चलती रहती हैं हर पल सांस बन गए हो तुम पल पल सताता है मुझे वो अहसास बन गए तुम ।। @वकील साहब ✍️ ©love you zindagi #autumn #तुम #नींद #ख़्वाब #सांस #अहसास🙂
Anjali Singhal
White "समा तो गए हैं वे आँखों में ख़्वाब बनकर। पर नींद हमारी करके रख दी उन्होंने उथल-पुथल कर।।" ©Anjali Singhal #goodnightimages "समा तो गए हैं वे आँखों में ख़्वाब बनकर। पर नींद हमारी करके रख दी उन्होंने उथल-पुथल कर।।" #AnjaliSinghal #love #loveshaya
#goodnightimages "समा तो गए हैं वे आँखों में ख़्वाब बनकर। पर नींद हमारी करके रख दी उन्होंने उथल-पुथल कर।।" #AnjaliSinghal love loveshaya
read moreDil_ki.dastaan
Unsplash फिर तेरी याद आयेगी ख्वाबों की बारात लाएगी, दूल्हे बनेंगे हम और तू हमारे साथ जायेगी.. ©Dil_ki.dastaan #lovelife #ख़्वाब #Dream #लव #Love #Wedding #groomingformen
Lalit Saxena
हमने ख़ुद को ज़िंदा जलते देखा है रोशन दिन आँखों में ढलते देखा है सांस-सांस पीर कसमसाती रहती मुर्दा सपने पांवपांव चलते देखा है उगते सूरज के जलवे देखे हर दिन उदास शाम को भी उतरते देखा है ख़्वाहिशें, सारे ही रंग उतार देती है उम्रदराज़ को भी, मचलते देखा है दरवाजे पर नहीं कोई दस्तक हुई हर सुब्ह उन्हें वैसे गुज़रते देखा है दिन बुरे हों, तो ये दरिया भी सूखे बुलंदियों को भी, बिखरते देखा है ©Lalit Saxena ग़ज़ल
ग़ज़ल
read moreVk srivastav
Unsplash ख़्वाब टूटे नही थे ख़ुद,वो गए थे तोड़े ख़ुद ही छूटे नही थे हम भी,गए थे छोड़े ©Vk srivastav ख़्वाब टूटे नही थे #Shayari #SAD #viral #Trending #लव #Truth #vksrivastav
Vk srivastav
White ख़्वाब पूरे हों ये ज़रूरी नही आप मेरे हों ये ज़रूरी नही रेत के दरिया के मुसाफ़िर की प्यास बुझ जाए ये ज़रूरी नही ©Vk srivastav ख़्वाब पूरे हों ये ज़रूरी नही #शायरी #SAD #viral #Trending #लव #vksrivastav
sc_ki_sines
White जीना हैं अकेले फिर भी लोगों के पीछे दुख के मेले हैं किसी के साथ होते हुए भी ना जाने क्यों हम अब भी अकेले हैं जलते हैं अकेले ही यादों के दरिया में भी बुझती नहीं वो आग तफ़्दिशे जलन भी झेले हैं किसी के साथ होते हुए भी ना जाने क्यों मगर और भी अकेले हैं नसीब का लिखा वो ही जाने तक़दीर का दिया हुआ दर्द_ए _नसीब हम ने भी झेले है अब इस के बाद न जाने नसीब में क्या है ना आओ साथ हमारे जिंदगी में हमारे बहुत झमेले हैं ना याद आते अब वो लम्हे ना याद आते हो तुम कभी इस कदर मेरे सफ़र में ओ मुसाफ़िर कि अब तन्हाई इस कदर मेरी यादों में घुल गई कि ना अब कोई मिलता ना अब कभी बिछड़ता शायद अब हम अपने आप से भी नहीं मिलते कि अब हम अपने ध्यान से उतरे हुए से आसुओं के रेले हैं के ना अब कभी कहना मुझसे कि साथ चलने को तुम्हारे हम अपना सब कुछ छोड़ चलते हैं अब ना मिलेंगे हम ना वो हमारी मोहब्बत मिलेंगे तो सिर्फ हम और हमारी तन्हाई जिसको दिया तुमने और हमने वो जख्म सदियों से झेले है फिर ये खेल ना खेलो हमारे साथ समझ जरा ज़ख्मी हु और टूटे हुए इस कदर की फ़िर ना जुड़ सकू दोबारा जो खेल लोगों ने सदियों से खेले हैं मत आजमा ए ज़ालिम कि आवाज़ तक नहीं आएगी मेरे दर्द कि हम अब अकेले बहुत अकेले हैं ©Sonuzwrites #good_night ग़ज़ल ✍️
#good_night ग़ज़ल ✍️
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