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Divyanjli Verma
White सुंदरकांड का महत्व जब आप नकारात्मक ऊर्जा और आसुरी शक्तियों से प्रभावित होते है तब अचानक से आपके आस पास के लोग, आपके घर परिवार के लोग आपसे बिना किसी ठोस कारण के बात करना बंद कर देते है। यदि बात करते भी है तो केवल बहस, झगड़ा, घृणा, नफरत या दोषारोपण करते है। या फिर झूठ बोलते है और धोखा देते है। अगर आप सच जानने की कोशिश करते है तो लोग आपसे दूर भागने लगते है। अचानक से आसपास के लोग आपको इग्नोर करना शुरू कर देते है। पूरा माहौल तनाव पूर्ण हो जाता है। आप कितना भी अच्छा काम करे, कितनी भी मेहनत करे, आपको केवल घृणा, नफरत और कटु शब्द ही मिलते है। ऐसी नकारात्मक ऊर्जा और आसुरी शक्तियों से छुटकारा पाने के लिए रोज सुंदरकांड, भगवद्गीता और हनुमान चालीसा का पाठ करे.।। ©Divyanjli Verma #Thinking सुंदरकांड का महत्व जब आप नकारात्मक ऊर्जा और आसुरी शक्तियों से प्रभावित होते है तब अचानक से आपके आस पास के लोग, आपके घर परिवार के
#Thinking सुंदरकांड का महत्व जब आप नकारात्मक ऊर्जा और आसुरी शक्तियों से प्रभावित होते है तब अचानक से आपके आस पास के लोग, आपके घर परिवार के
read moreVikas Sahni
#गाना_रोकना_मतलब_खाना_रोकना साँस रुक जाये तो हवा संगीत है आजकल दर्द की दवा संगीत है फिर भी नहीं उसे मिलता है ये यह तो बेहद बेरहम वह मीत है, जिसपे पुनः बना अधूरा गीत है। आजकल गाना रोकना मतलब खाना रोकना! चरित्रहीनता है यह कह उसे रोज़ाना रोकना!! गाना रुके तो कविता बन जाये, खाना रुके तो कविता बन जाये। इस प्रकार प्यार में कोई ताल तोड़ जाए तो बेशक वह उसे सारे साल छोड़ जाए, नहीं पड़ने वाला दिल को कभी कोई फ़र्क संगीत स्वर्ग बने तो विरह वाला भोगे ऩर्क फिर अचानक भीतर से कविता रोकती है, फिर अचानक भीतर से कविता टोकती है, "बस बहुत कर ली बड़ी-बड़ी बातें, नींदों को भूलकर गुज़री कई रातें! अब संगीत संगीत नहीं रहा, अब कोई भी मीत नहीं रहा कि इंसानियत शर्मशार है, यह सोच कर धिक्कार है। अब शराफ़त आफ़त बन कर डर गयी है म्हारी महफ़िल महज़ लुटेरों से भर गयी है।" अतः कविता की इन बातों ने, अतः कविता की इन रातों ने, उसे मुद्दे से त्वरित जुदा कर दिया जब संगीत को उसने खुदा कर दिया खुदा को भूलकर! ...✍️विकास साहनी ©Vikas Sahni #गाना_रोकना_मतलब_खाना_रोकना साँस रुक जाये तो हवा संगीत है आजकल दर्द की दवा संगीत है फिर भी नहीं उसे मिलता है ये यह तो बेहद बेरहम वह मीत है,
#गाना_रोकना_मतलब_खाना_रोकना साँस रुक जाये तो हवा संगीत है आजकल दर्द की दवा संगीत है फिर भी नहीं उसे मिलता है ये यह तो बेहद बेरहम वह मीत है,
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