Find the Latest Status about आशेचा किरण कविता from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, आशेचा किरण कविता.
Shiv gopal awasthi
ऐसा पढ़ना भी क्या पढ़ना,मन की पुस्तक पढ़ न पाए, भले चढ़े हों रोज हिमालय,घर की सीढ़ी चढ़ न पाए। पता चला है बढ़े बहुत हैं,शोहरत भी है खूब कमाई, लेकिन दिशा गलत थी उनकी,सही दिशा में बढ़ न पाए। बाँट रहे थे मृदु मुस्कानें,मेरे हिस्से डाँट लिखी थी, सोच रहा था उनसे लड़ना ,प्रेम विवश हम लड़ न पाए। उनका ये सौभाग्य कहूँ या,अपना ही दुर्भाग्य कहूँ मैं, दोष सभी थे उनके लेकिन,उनके मत्थे मढ़ न पाए। थे शर्मीले हम स्वभाव से,प्रेम पत्र तक लिखे न हमने। चंद्र रश्मियाँ चुगीं हमेशा,सपनें भी हम गढ़ न पाए। कवि-शिव गोपाल अवस्थी ©Shiv gopal awasthi कविता
HintsOfHeart.
"हँस देता जब प्रात, सुनहरे आँचल में बिखरा रोली, लहरों की बिछलन पर जब मचली पड़तीं किरणें भोली ! तब कलियाँ चुपचाप उठाकर पल्लव के घूँघट सुकुमार, छलकी पलकों से कहती हैं 'कितना मादक है संसार’ !" ©HintsOfHeart. #महादेवी_वर्मा #संसार #मादक #किरण
Shahid0007
Autumn गुलों के रास्ते में, कांटे तो आयेंगे ही, चुभेंगे पावों में,और दिल को दहलाएंगे भी, हो सकता है डर भी लगे,और मन कहे घर लौटने को मगर, ये कांटे ही गुलों तक पहुंचाएंगे भी 🙂 ©Shahid0007 #कविता
Amit Singhal "Aseemit"
काली रात में चमकने वाले जुगनू, कभी उजाला भले ही न करें। मगर अंधेरे में उम्मीद की किरण, तो हमारे भयभीत मन में भरें। ©Amit Singhal "Aseemit" #उम्मीद #की #किरण