Nojoto: Largest Storytelling Platform

New लेखन सामग्री व्यापार Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about लेखन सामग्री व्यापार from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, लेखन सामग्री व्यापार.

    PopularLatestVideo

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मानव सेवा करने को अब , कितने हैं तैयार । देख रहा हूँ गली मुहल्ले ,  होता खूब प्रचार ।। मानव सेवा करने को अब... हम आज तुम्हारे शुभचिंतक , #कविता

read more
White गीत :-
मानव सेवा करने को अब , कितने हैं तैयार ।
देख रहा हूँ गली मुहल्ले ,  होता खूब प्रचार ।।
मानव सेवा करने को अब...

हम आज तुम्हारे शुभचिंतक , करो न हमसे बैर ।
सबको हृदय बसाकर रखता , कहीं न कोई गैर ।।
पाँच-साल में जब भी मौका, मिलता आता द्वार ।
खोल हृदय के पट दिखलाता , तुमको अपना प्यार ।।
मानव सेवा करने को अब ...

देखो ढ़ोंगी और लालची , उतरे हैं मैदान ।
उनकी मीठी बातों में अब , आना मत इंसान ।।
मुझको कहकर भला बुरा वह , लेंगें तुमको जीत ।
पर उनकी बातें मत सुनना, होगी तेरी हार ।
मानव सेवा करने को अब.....

सब ही ऐसा कहकर जाते , किसकी माने बात ।
सच कहते हो कैसे मानूँ , नहीं करोगे घात ।।
अब जागरूक है ये जनता ,ये तेरा व्यापार ।
अपनों को तो भूल गये हो , हमे दिखाओ प्यार ।।
मानव सेवा करने को अब ....

सच्ची-सच्ची बात बताओ , इस दौलत का राज ।
मुश्किल हमको रोटी होती , सफल तुम्हारे काज ।।
सम्पत्तिन तुम्हारे पिता की, और नहीं व्यापार ।
हमकों मीठी बात बताकर , लूटो देश हमार ।
मानव सेवा करने को अब.....

मानव सेवा करने को अब , कितने हैं तैयार ।
देख रहा हूँ गली मुहल्ले ,  होता खूब प्रचार ।।

२०/०४/२०२४    -   महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मानव सेवा करने को अब , कितने हैं तैयार ।

देख रहा हूँ गली मुहल्ले ,  होता खूब प्रचार ।।

मानव सेवा करने को अब...


हम आज तुम्हारे शुभचिंतक ,

संगीत कुमार

26. (भारतीय रेल) भारतीय रेल तुझे जन्मदिन की शुभकामना। भारत की धरती पर दिन 16 अप्रैल 1853 से चलना शुरू हुआ।। एशिया मे तू दुसरा सबसे बड़ा #कविता

read more
Meri Mati Mera Desh 26.	(भारतीय रेल)
भारतीय  रेल तुझे जन्मदिन की शुभकामना। 
भारत की धरती पर दिन 16 अप्रैल 1853 से चलना शुरू हुआ।। 
एशिया मे तू दुसरा सबसे बड़ा रेल - जाल बना। 
सरकारी अधिकृत वाला जग का तू चतुर्थ रेल-क्रांति बना।। 
भारतीय रेल तुझे जन्मदिन की शुभकामना। 

भारत के परिवहन का अभिन्न श्रोत बना। 
तेरह लाख से अधिक कर्मचारियों तु परिवार बना।।
सबके जीवनरूपी आनंद को एक सूत्र मे बांँधे रहा। 
उत्तर-दक्षिण, पूर्व -पश्चिम हर कोने सबको पहुँचाता रहा।। 
भारतीय रेल तुझे जन्मदिन की शुभकामना। 

भारतीय रेल टूटे दिलों को जोड़ता रहा। 
आपदा में  हर क्षेत्र को सामग्री पहुँचाता रहा ।।
कर्मचारी , सजग होकर अपने पथ पर चलता रहा।
हर प्रलय को झेलता रहा, सब की सेवा करता रहा।।
भारतीय रेल तुझे जन्मदिन की शुभकामना। 

भारतीय रेल सत्रह क्षेत्र में विभक्त  है। 
अनेक उपक्रम इसके अधीन कार्यरत है।। 
कार्य करने को सब तत्पर है। 
उन्नति की ओर अग्रसर है।। 
भारतीय रेल तुझे जन्मदिन की शुभकामना। 

भारतीय रेल कामयाबी अपने नाम किया। 
विश्व धरोहर सूची मे नाम दर्ज  हुआ।। 
अनेक गाड़ीयाँ अपने नाम किया। 
अपने-अपने क्षेत्र में पहचान हुआ।। 
भारतीय रेल तुझे जन्मदिन की शुभकामना।

©संगीत कुमार #26.	(भारतीय रेल)
भारतीय  रेल तुझे जन्मदिन की शुभकामना। 
भारत की धरती पर दिन 16 अप्रैल 1853 से चलना शुरू हुआ।। 
एशिया मे तू दुसरा सबसे बड़ा

Vikrant Rajliwal

"अंदर का मैल उतारो" _ नई गजल I New Hindi Gazal Poetry लेखन और आवाज़: विक्रांत राजलीवाल #vikrantrajliwal #newghazal #poetrycommunity L #poetrylovers #शायरी #lovepoetry #spiritualawakening #innerjourney #Heartfeltwords #InspiredWriting #SoulfulVerses

read more
mute video

Vikrant Rajliwal

"अंदर का मैल उतारो" _ नई गजल I New Hindi Gazal Poetry लेखन और आवाज़: विक्रांत राजलीवाल #vikrantrajliwal #newghazal #poetrycommunity L #poetrylovers #शायरी #lovepoetry #spiritualawakening #innerjourney #Heartfeltwords #InspiredWriting #SoulfulVerses

read more
mute video

Vikrant Rajliwal

"अंदर का मैल उतारो" _ नई गजल I New Hindi Gazal Poetry लेखन और आवाज़: विक्रांत राजलीवाल #vikrantrajliwal #newghazal #poetrycommunity L #poetrylovers #शायरी #lovepoetry #spiritualawakening #innerjourney #Heartfeltwords #InspiredWriting #SoulfulVerses

read more
mute video

Vikrant Rajliwal

"अंदर का मैल उतारो" _ नई गजल I New Hindi Gazal Poetry लेखन और आवाज़: विक्रांत राजलीवाल "विक्रांत राजलीवाल की गजल 'मुझ को पढ़ना है, तो पह #poetrylovers #poetrycommunity #शायरी #lovepoetry #spiritualawakening #innerjourney #vikrantrajliwal #Heartfeltwords #InspiredWriting #SoulfulVerses #NewGhazal 

read more
mute video

Ravendra

आग लगने से दिवियांग का घर जल कर हुआ राख बहराइच जिले के रुपईडीहा थाने के सिजौली गांव के बाहर दिव्यांग मोoवसी पुत्र वारिस का फूस का घर था जि #वीडियो

read more
mute video

Mansi Rathour

चैत्र नवरात्रि पूजा सामग्री#@mansi'sway #विचार

read more
mute video

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

सीता छन्द मापनी:- २१२२   २१२२   २१२२  २१२ वर्ण :-  १५ राधिका को मानते है कृष्ण को ही पूजते । #कविता

read more
सीता छन्द
मापनी:- २१२२   २१२२   २१२२  २१२
वर्ण :-  १५
राधिका को मानते है कृष्ण को ही पूजते ।
प्रीति के जो हैं सतायें ईश को ही ढूढ़ते ।।
लोग क्यों माने बुरा जो आपसे ही प्रेम है ।
आपके तो संग मेरी ज़िन्दगी ही क्षेम है ।।
१
भूल जाये आपको ऐसा कभी होगा नहीं ।
दूर हूँगा आपसे ऐसा कभी सोचा नहीं ।।
प्रीति तेरी है बसी वो रक्त के प्रावाह में ।
खोज पाता है नहीं संसार मेरी आह में ।।
२
प्रीति का व्यापार तो होता नहीं था देख लो ।
प्रीति में कैसे हुआ है सोंच के ही देख लो ।।
प्रेम में तो हारना है लोग ये हैं भूलते ।
जीत ले वो प्रेम को ये बाट ऐसी ढूढ़ते ।।
३
प्रेम कोई जीत ले देखो नही है वस्तु ये ।
प्रेम में तो हार के होता नही है अस्तु ये ।।
प्रेम का तो आज भी होता वहीं से मेल है ।
प्रीत जो पाके कहे लागे नहीं वो जेल है  ।।
०१/०४/२०२४  -   महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR सीता छन्द

मापनी:- २१२२   २१२२   २१२२  २१२

वर्ण :-  १५

राधिका को मानते है कृष्ण को ही पूजते ।

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल:- ज़िन्दगी की मुश्किलें वे ज़िन्दगी में रह गई  । मौत आकर देख लो सबसे यही तो कह गई ।। प्रेम करना है अगर तो राम का बस नाम लो । इस जहाँ की प #शायरी

read more
ग़ज़ल:-
ज़िन्दगी की मुश्किलें वे ज़िन्दगी में रह गई  ।
मौत आकर देख लो सबसे यही तो कह गई ।।

प्रेम करना है अगर तो राम का बस नाम लो ।
इस जहाँ की प्रीति तो अब आसुओं में बह गई ।।

कल तलक जो थी मदद अब तो वही व्यापार है ।
स्वार्थ के इस दौर में वो भी दीवारें ढह गई ।।

देखता हूँ मैं यहाँ बूढ़े कभी माँ बाप जो ।
मान लेता देवियाँ औलाद का दुख सह गई ।।

दिख रहे थे सब मुझे दुर्बल इसी संसार में ।
एक ये दुर्लभ प्रखर था  देख लो वो पह गई ।।
३०/०३/२०२४       -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल:-
ज़िन्दगी की मुश्किलें वे ज़िन्दगी में रह गई  ।
मौत आकर देख लो सबसे यही तो कह गई ।।

प्रेम करना है अगर तो राम का बस नाम लो ।
इस जहाँ की प
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile