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नवनीत ठाकुर
सूरज हूँ, हर शाम ढलता ज़रूर हूँ, पर हर सुबह फिर से जलता ज़रूर हूँ। जितनी बार गिरा हूँ, उतनी बार सीखा हूँ, हर चोट ने मुझे और सशक्त किया, ज़रूर हूँ। राहें कांटों से भरी हों, फिर भी चलता हूँ, तक़दीर खुद की बदलता ज़रूर हूँ। दूरियाँ चाहे जितनी बढ़ें मुझसे, वो मेरी मंज़िल, फिर भी मेरे कदमों तक पहुँचता ज़रूर हूँ। लहरों से डरकर मैं किनारे नहीं बैठता, तूफ़ान से भी टकराता ज़रूर हूँ। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर सूरज हूँ, हर शाम ढलता ज़रूर हूँ, पर हर सुबह फिर से जलता ज़रूर हूँ। जितनी बार गिरा हूँ, उतनी बार सीखा हूँ, हर चोट ने मुझे और सश
#नवनीतठाकुर सूरज हूँ, हर शाम ढलता ज़रूर हूँ, पर हर सुबह फिर से जलता ज़रूर हूँ। जितनी बार गिरा हूँ, उतनी बार सीखा हूँ, हर चोट ने मुझे और सश
read moreLalit Saxena
Unsplash मै लिखता हूं.....इसमें तारीफ़ नहीं तारीफ़ तो मेरे बेवफ़ा हालातों की है जो मुझे लिखने के लिए हर पल, हर लम्हा बेताब करते है।।।।। गर ये लम्हे ये हालात ये अफसाने ना होते ..............तो क्या मैं लिखता? कोई कवि, शायर, गजलकार, या फनकार कलम कही पड़ी होती किसी कोने में और कागज़ हवा में उड़ रहे होते कैसा लगता....ख्वाबों में गोते लगाना डूब कर अंधेरों में कही दफ़न हो गए होते। मै लिखता हूं.....इसमें तारीफ़ नहीं!!! ©Lalit Saxena #Book दिल से
#Book दिल से
read moreनवनीत ठाकुर
Unsplash जब भी हो वक़्त कठिन, तो हौंसले से काम लीजिए, अपने इरादों को एक नई उड़ान दीजिए। मुसीबतें हों या उलझनें हो कोई, उन्हें अपनी मेहनत से हल कर दीजिए। अंधेरों में जो खो जाएं रास्ते कभी, उन्हें उम्मीद की रौशनी से फिर से बना दीजिए। जो कदम रुक जाएं थककर इस सफ़र में, उन्हें अपनी चाहत से आगे बढ़ा दीजिए। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर जब भी हो वक़्त कठिन, तो हौंसले से काम लीजिए, अपने इरादों को एक नई उड़ान दीजिए। मुसीबतें हों या उलझनें हो कोई, उन्हें अपनी मेहनत
#नवनीतठाकुर जब भी हो वक़्त कठिन, तो हौंसले से काम लीजिए, अपने इरादों को एक नई उड़ान दीजिए। मुसीबतें हों या उलझनें हो कोई, उन्हें अपनी मेहनत
read moreनवनीत ठाकुर
White उम्मीद की लौ हो, तो टूटे दिलों में उम्मीद भर दे, बुझते चिराग़ों को फिर जलने पर मजबूर कर दे। अंधेरों में भी रोशनी का सुराग दे, बुझते चिराग को उम्मीद से जलने की चाहत दे। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर उम्मीद की लौ हो, तो टूटे दिलों में उम्मीद भर दे, बुझते चिराग़ों को फिर जलने पर मजबूर कर दे। अंधेरों में भी रोशनी का सुराग दे,
#नवनीतठाकुर उम्मीद की लौ हो, तो टूटे दिलों में उम्मीद भर दे, बुझते चिराग़ों को फिर जलने पर मजबूर कर दे। अंधेरों में भी रोशनी का सुराग दे,
read moreनवनीत ठाकुर
सफर लम्बा है, पर कदम रुकते नहीं, दर्द के साये में हौसले झुकते नहीं। जो तू था कभी मेरी राहों का नूर, अंधेरों में जलते अब चिराग़ कुछ दूर। हर मोड़ पर तेरी खुशबू सी आती है, पर सच्चाई में तन्हाई मुस्कुराती है। आसमान चुप है, सितारे बेगाने हैं, दुआ के हर जवाब में फासले पुराने हैं। दिल के जुनून को आखिर कौन हराएगा? सूरज छुपा सही, पर फिर से आएगा। मंज़िलें मेरी, चाहे तू साथ न हो, ये सफर मेरा है, इंतज़ार तेरा हो न हो। ©नवनीत ठाकुर #जो तू था कभी मेरी राहों का नूर, अंधेरों में जलते अब चिराग़ कुछ दूर। हर मोड़ पर तेरी खुशबू सी आती है, पर सच्चाई में तन्हाई मुस्कुराती है।
#जो तू था कभी मेरी राहों का नूर, अंधेरों में जलते अब चिराग़ कुछ दूर। हर मोड़ पर तेरी खुशबू सी आती है, पर सच्चाई में तन्हाई मुस्कुराती है।
read moreHimanshu Prajapati
White तबाह कर दिया हर वक्त बात करने की आदत, अब चुप हूं खुद में गुम हू..! ©Himanshu Prajapati #love_shayari तबाह कर दिया हर वक्त बात करने की आदत, अब चुप हूं खुद में गुम हू..! #36gyan #hpstrange
#love_shayari तबाह कर दिया हर वक्त बात करने की आदत, अब चुप हूं खुद में गुम हू..! #36gyan #hpstrange
read moreDr.Priyanka Chandra
एक मैं हुं जो भोर सवेरे से ढलती शाम तक उसे ही तलाशती हू एक वो है जो सारा दिन मेरे बगैर गुज़ार देता है..! ©Dr.Priyanka Chandra #SAD sad love shayari एक मैं हुं जो भोर सवेरे से ढलती शाम तक उसे ही तलाशती हू एक वो है जो सारा दिन मेरे बगैर गुज़ार देता है..!
#SAD sad love shayari एक मैं हुं जो भोर सवेरे से ढलती शाम तक उसे ही तलाशती हू एक वो है जो सारा दिन मेरे बगैर गुज़ार देता है..!
read moreSohrabAlam
अब किस्मत के भरोसे नही हू मै 💯👍🪔 #viral #Trending Love #Reality #motivate #Emotional #motivayional #short fbyシvideo #reelsinstagram
read moreपूर्वार्थ
White बैठी हैं क्यों दर्द लिए; आतीत-सा मन को शान्त किये । जो बीते पल माहुर से थे; आज क्यों उनके जाम पिए। भविष्य सुनहरा राह देखता; तेरे हर पल आने की, हौसले से तोड़ बेड़ियाँ जख्म भरे अल्फाजों की देख आसमाँ भर ऊँची उड़ाने; आगे बढ़ तू इसी बहाने , दर्द मिटा तू ख्व़ाब गढ़ ; भूल न उसे ; जो कहता तू आगे बढ़। जीवन समर में कुछ ऐसे उतर ; शत्रु हो जाए छितर - बितर।। मौत भी घबराए तुझ तक आने के लिए , तू बन जा एक मिसाल इस जमाने के लिए।। ©पूर्वार्थ #जख्म से जीता
#जख्म से जीता
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