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प्रितफुल (प्रित)
White 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 सर्वांना सविनय प्रणाम.. *प्रितफुल प्रित..साभिमान सादर करीत आहे..* *एक, जरा हटके वाचनानुभव* *जगण्याच्या प्रवासाचा अनुभव आणि स्त्री ची मनोभूमिका मांडणारा एक आगळावेगळा कथा संग्रह* _*"आयुष्याच्या वाटेवर"*_ *लेखिका - प्रितफुल प्रित* *(प्रितम गाडगीळ)* प्रकाशक - ज्ञानसिंधू प्रकाशन, नाशिक (मूल्य - ₹ २००/- + पोस्टेज) *वाचकांच्या आग्रहाखातर पुढील काही दिवस सवलतीच्या दरात हा कथासंग्रह उपलब्ध करून देण्यात येत आहे..* *सवलतीचा दर - ₹ १२५/- + पोस्टेज* सवलतीच्या दरासाठी खालील क्रमांकावर संपर्क साधावा.. *संपर्क : ९८९२६१८२७८* गणपती बाप्पा मोरया.. 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 ©प्रितफुल (प्रित) #FeelingBlessed आयुष्याच्या वाटेवर - माझा पहिला कथा संग्रह
#feelingblessed आयुष्याच्या वाटेवर - माझा पहिला कथा संग्रह
read moreनिर्भय चौहान
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset ये अजनबी से रास्ते अब अपने लगते हैं। ये देवदार तने हुए हैं जैसे प्रहरी हो प्रेम के। बर्फीली हवाओं में सिमटा जिस्म तेरे ख्वाब देख कर, कश्मीरी सिगरी की गर्माहट पा रहा है। ऐसे में तुमसे गुजारिश है कि न मत कहना। वरना डल झील के शिकारों पर मोहब्बत तनहा कैसे बैठेगी। या कौन पियेगा कहवा । चांदनी रात में श्वेत निर्मल पहाड़ पे चांद क्यों देखेगा कोई। जब तुम न होगी साथ उसे चिढ़ाने को। एक बेदाग हुस्न लिए धड़कनों का गीत हो जाना तुमने सीखा है कहां से पत्थर को मोम बनाना। कोई जादू है, तो हो मगर अच्छा लगता है। तुम,तुम्हारा साथ,और ये एहसास बस सच्चा लगता है। ऐसा लगता है कि अब फिर से सुबह हो रही है। ऐसा लगता है कि फिर से शाम सुकून लाई है। सहमी सहमी सी उम्मीदों को हौंसला मिल रहा है। जैसे नन्हे परिंदे को नया घोंसला मिल रहा है। सुबह शबनम की बूंद में जैसे तारे समाए हों, सुदूर अंधेरे सागर में किसी कश्ती पे बैठे मछुआरे ने दिया जलाया हो, अपनी तनहाई को बांटने के लिए। जैसे ऑफिस की एक चाय बांट लेती है , तुम्हारे साथ मेरी खुशी। मैं भी बांटना चाहता हूँ तुमसे जिंदगी अपनी। घर की दहलीज पे दिखता है मुझसे शुभ्र कलश। और तेरे पांव में महावर भी। खनकते कंगनों की बीच तेरे पायलों का गीत है, और तेरी छोटी सी नाक नहीं आती बीच में, जब अधर एकसार हो रहे होते है। मेरी आंखों पे तेरा चेहरा और मेरे घर के खुले दरवाजे पे परदा झूल गया है।। ©निर्भय चौहान #SunSet Vandan sharma katha(कथा) mahi singh करम गोरखपुरिया
#SunSet Vandan sharma katha(कथा) mahi singh करम गोरखपुरिया
read morePyare ji
White सुनो न, मैं ढूंढता रहता हूं बहाने, तुम्हारे साथ रहने को। बहाने भी ऐसे, जैसे बच्चे मां के सामने बनाते हैं, और मां झट से पकड़ लेती है। तुम भी तो मां की तरह हो, वैसे ही डांट लगाती हो, और मां के बाद तुमने ही तो सबसे ज्यादा खयाल रखा मेरा। ये कहने में मुझे डर लगता है, कि लोगों को ये न लगे कि मैं मां की तुलना तुमसे कर रहा हूं। लेकिन, लोगों का छोड़ाे— उनका तो काम ही है कहना। हम यहां सिर्फ अपनी बात करेंगे, क्योंकि हमें पता है, तुमने अपना सर्वस्व मुझ पर लुटा दिया, जैसे पेड़ लुटा देते हैं छांव उस पथिक पर, जो उनके पास आकर बैठता है। बस, मैं चाहता हूं वो पथिक बन जाना जो अब चाहता है एक लंबा विश्राम। जो थक चुका है जिंदगी की रेस में भागते-भागते। इसीलिए, मैं ढूंढता रहता हूं तुम्हें, तुम्हारे साथ, तुम्हारे पास रहने को। तुम्हारे पास रहकर ही चैन मिलता है मुझे। मेरे लिए सुकून की पराकाष्ठा हो तुम। ©Pyare ji #Sad_Status Writer katha(कथा) Ana pandey R Ojha Ashutosh Mishra
#Sad_Status Writer katha(कथा) Ana pandey R Ojha Ashutosh Mishra
read morePyare ji
green-leaves मैं तुम्हारे साथ रहने को कई बहाने ढूंढता हूं बहाने भी ऐसे जैसे बच्चे बहाना बनाता हो मां के सामने और मां झट से पकड़ लेती है,तुम भी तो बिल्कुल मां जैसी ही हो मां के बाद तुम्ही तो हो जो मां की तरह खयाल रखती हो लेकिन ये कहने में भी डर लग रहा मुझे की कहीं लोग ये न कहने लगे की मैं मां से तुम्हारी तुलना कर रहा हूं लेकिन लोगो का तो काम है कहना कहने दो उन्हे ,मैं जानता हूं ना तुम अपना सर्वस्व मुझ पर लूटा दी हो जैसे किसान लूटा देते हैं अपने फसलों पर ।तुम साथ रहती हो न तो मैं बेवजह भी खुश रहता हूं और नही रहती तो वजह होने पर भी चेहरे पर उदासी टिकी रहती है इसलिए मैं ढूंढते रहता हूं बहाने तुम्हारे साथ रहने को । ©Pyare ji #GreenLeaves Writer अdiति katha(कथा) R Ojha Ana pandey
#GreenLeaves Writer अdiति katha(कथा) R Ojha Ana pandey
read more@Gudiya*****
,,, आंखों का पानी ,, और हर किसी की कहानी ,, समझना हर किसी की बस की बात नहीं ©@Gudiya***** katha(कथा ) Rajat Bhardwaj M.K.kanaujiya Urmeela Raikwar (parihar)
katha(कथा ) Rajat Bhardwaj M.K.kanaujiya Urmeela Raikwar (parihar)
read morePyare ji
Unsplash दिल वो खिलौना है ,जिससे सभी कभी न कभी खेलते हैं परिवार ,रिश्ते -नाते, प्यार -व्यार दोस्त यार सबके सब.... ©Pyare ji #camping Sircastic Saurabh R Ojha M.K.kanaujiya ਸਿਵੀਆ ਜੀ katha(कथा )
#camping Sircastic Saurabh R Ojha M.K.kanaujiya ਸਿਵੀਆ ਜੀ katha(कथा )
read morePyare ji
White लड़ता सब है ,जीतता सिर्फ राजा । ©Pyare ji #Sad_Status वरुण तिवारी katha(कथा ) Ana pandey अdiति Sircastic Saurabh
#Sad_Status वरुण तिवारी katha(कथा ) Ana pandey अdiति Sircastic Saurabh
read morePyare ji
White कभी कभी लगता है की मैं तुम्हारी थकान चुरा लूं मुक्कमल नींद बनकर। ©Pyare ji #love_shayari Writer Ana pandey katha (कथा ) mahi singh *kridha*
#love_shayari Writer Ana pandey katha (कथा ) mahi singh *kridha*
read morePyare ji
White सपनों के कंधे झुक जाते हैं, जब जिम्मेवारियों का बोझ बढ़ता है। ©Pyare ji #Sad_Status *kridha* katha (कथा ) Sircastic Saurabh mahi singh R Ojha
#Sad_Status *kridha* katha (कथा ) Sircastic Saurabh mahi singh R Ojha
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White चींख चींख कर खामोश हो जाना, गूंगे हैं लोग और बहरा है जमाना। ©Pyare ji #sad_quotes R Ojha Ana pandey Sircastic Saurabh SIDDHARTH.SHENDE.sid katha (कथा )
#sad_quotes R Ojha Ana pandey Sircastic Saurabh SIDDHARTH.SHENDE.sid katha (कथा )
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