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Ravendra
Ravendra
Ravendra
Trapti Varshney Rajeshwari
एक तस्वीर है मेरे पास जो , मुझे उस मंजर की याद दिलाती है, वो तस्वीर चीख चीखकर मुझे अपना दर्द सुनाती है, कहती है कि कोरोना मे कैसे हालात हो गये है आज कल, कि किसी के सुख-दुख में कोई शामिल नहीं हो सकता अपनो को देखने के लिए ये आंखें तरस रही हैं कब से, लगता है जैसे एक पल की दूरी का भी इंतजार अव सहन नहीं होता,, एक तस्वीर है मेरे पास जो।। खुली हवा बनी दुशमन अपनी , मुंह पर मास्क चढ़ गया, पास भी खड़े न हो पाए किसी के , ये कैसा रिवाज है आ गया, एक तस्वीर है मेरे पास जो।।।। तृप्ति वाष्र्णेय राजेश्वरी ©Trapti Varshney एक तस्वीर है# तृप्ति वाष्र्णेय राजेश्वरी
Trapti Varshney Rajeshwari
आज जव अलमारी खोलकर मैंने उसे साफ किया था, सफाई करते हुए मूझे कुछ ऐसा मिला था, जिसे देखकर मेरी यादें ताजा हो गईं, वो तुम्हारे प्यार का पहला नजराना था, वो फूल तो सूख गया,मगर मेरी यादें ताजा हो गईं, क्योंकि जिसे मैंने दिल दिया था, वो एक धोखेबाज निकला था,, आज अलमारी,,,,,,,,, तृप्ति वाष्र्णेय राजेश्वरी ©Trapti Varshney आज अलमारी खोली///तृप्ति वाष्र्णेय राजेश्वरी//// #Drops
Rajat N Bharadwaj
*देवी मेरो घरको देवालमा टासिएकी ,, माँ भगवतिको ठुलो तस्वीर हेर्दा म सोचने गर्थे दुर्गा शक्तिशाली छन जब बर्षको दुई चोटी दशै आउथो अनि म तिन दिन सम्म जय दुर्गा गाउथे मलाई लाग्थो साचै दुर्गानै सबै भन्दा ठुली हुन । तर ,,, यो संसारमा दिउसो घाम उदाउदा ति तारा अनि जुन विलाए जस्तै ,,,,, देवी पनि चोउथो दिन फुल पाति हुदि रछि म बड़दै ग्ए यो संसार देख्दै ग्ए ,,, मानो जो देखिन्छ तो कहिलै साचो हुदैन देवी पुजने पुजारीत आफ्नी देवीलाई बुजदैन । अनि म चै बुजदै ग्ए कुरा केचै रछ मानो मासु खान खसी घरमा पाले जस्तै सायद देवीलाई लुटनै देवी पुजीने गर्दा रछुम हामी ! तिमि भगवती स्वरुप भनि घरकि देवीलाई तीन दिने पुजा गरि माँ भगवतीलाई देवीकै अस्मिता लुटन खोज्दा रछुम हामी। ✍🏻रजत भारद्वाज देवी
Jyoti Nawhal
इसकी खूबसूरती वो भी नजाकत में लिपटी सी नजाकत भी मासुमियत से लबरेज सी और इसकी मासुमियत रूहानियत की गुलाम सी #देवी
maher singaniya
देवी में देवी तो कहलाती हूं, पर कोख में मारी जाती हूं मां अगर बचाती है, तब दुनिया में आती हूं। फिर दुनिया में आते ही चैन कहा में पाती हूं सड़कों में हर गलियों में नोच कर खायी जाती हूं। में देवी तो कहलाती हूं पर कोख में मारी जाती हूं। हूं तो में छोटी बच्ची पर बहुत सताई जाती हूं सहेती हूं में जुल्म तमाम और बहोत रुलाई जाती हूं मां अब ना मुझे बचाना तुम, न कोख से बाहर लाना तुम। में देवी तो कहलाती हूं पर नोची खायी जाती हूं। ©maher singaniya देवी...