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New स्वामी विवेकानन्द अनमोल वचन Quotes, Status, Photo, Video

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Deepak Gupta

N S Yadav GoldMine

#VoteForIndia {Bolo Ji Radhey Radhey} हम सब अपने इस अनमोल जीवन के समाप्त होने से पहले ही अपने श्रीपिरया-प्रीतम भगवान श्री राधे-कृष्ण को म #भक्ति

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Naveen

खानाबदोस थे हम, रुख किया था उनकी और मुक्कमल हुए थे हम, सफ़र अनमोल था उनकी और प्यार हुआ था मुझे, पनाह मिली थी उनकी और #SAD #memoriesforever

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Sethi Ji

💘💘 मोहब्बत का बोल 💘💘 💘💘 मोहब्बत का मोल 💘💘 वोह ज़माना कुछ और था जब प्यार का भी कुछ मोल था ।। गले लगते थे लोग एक दूसरे के भुला कर अपने धर्म

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Deepak Gupta

paritosh@run

तुम अनमोल.. Ak.writer_2.0 Sm@rty Divi P@ndey Dhyaan mira Bobby(Broken heart) kanchan Yadav suwarta Nawaz Malik (Ravi Kishan) Anshu writer S #शायरी

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

चित्र-चिंतन :- कुण्डलिया ताला मुँह पर मैं लगा , बैठा अब तक यार । सोचा था अनमोल है , प्रेम जगत व्यहवार ।। प्रेम जगत व्यहवार , इसी में जीव #कविता

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चित्र-चिंतन :- कुण्डलिया
ताला मुँह पर मैं लगा , बैठा अब तक यार ।
सोचा था अनमोल है , प्रेम जगत व्यहवार ।।
प्रेम जगत व्यहवार , इसी में जीवन फलता ।
लेकिन पग-पग आज , हमारा जीवन जलता ।।
त्याग छोड़ व्यहवार , समय कहता है लाला ।
बुजदिल समझें लोग , देखकर मुँह पर ताला ।।


१२/०४/२०२४     -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR चित्र-चिंतन :- कुण्डलिया


ताला मुँह पर मैं लगा , बैठा अब तक यार ।

सोचा था अनमोल है , प्रेम जगत व्यहवार ।।

प्रेम जगत व्यहवार , इसी में जीव

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- बढ़ाकर हाथ को छू लो गगन को । मिटा दो दिल से तुम अब हर शिकन को ।।१ चलोगे नेक पथ पर जब कभी भी । झुकेंगें फिर वो सिर तेरे नमन को ।।२ हिदा #शायरी

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ग़ज़ल :-
बढ़ाकर हाथ को छू लो गगन को ।
मिटा दो दिल से तुम अब हर शिकन को ।।१

चलोगे नेक पथ पर जब कभी भी ।
झुकेंगें फिर वो सिर तेरे नमन को ।।२

हिदायत तो यही सबको मिली है ।
कि भूलोगे न फिर अपने वतन को ।।३

न जाने पाये वो बचकर इधर से ।
डगर में आज बैठा दो  नयन को ।।४

नहीं आती हमें है नींद तुम बिन ।
करूँ क्या मैं भला जाके शयन को ।।५

उठी आवाज है दिल से अभी ये ।
निभाना है हमें सारे वचन को ।।६

वफ़ा का नाम मत लेना प्रखर तुम ।
तरसते रह गये वह सब कफ़न को ।।७

१२/०४/२०२४   महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :-
बढ़ाकर हाथ को छू लो गगन को ।
मिटा दो दिल से तुम अब हर शिकन को ।।१
चलोगे नेक पथ पर जब कभी भी ।
झुकेंगें फिर वो सिर तेरे नमन को ।।२
हिदा

Vijaykumar Khune

*🚩 श्री स्वामी समर्थ 🚩* 🌳 VIJUDADA 🌳swami #Motivational

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AwadheshPSRathore_7773

#nightthoughts शेष विशेष के जैसे चक्की के दो पाटों के बीच फंसती यह जिंदगी,किस तरह सादे मनुष्य से उसके जीवन की सारी सादगी छिन लेती है और अंतत #शायरी

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