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Ashutosh Mishra
Shree Ram महिमा श्री राम की जानत है नर-नारी। राम नाम रस पान करि जीवन सफल बनाई। राम राम कहि बारम्बारा, चक्र सुदर्शन है रखवारा। राम राम कहि मोरे भैय्या, जीवन सुखी हो सेर सवईया। राम नाम की लूट है,,,,,,,,,,,,लूट सके तो लूट। अंत समय पछताएगा,,,,,,,,,,,जब प्राण जाएंगे छूट। राम नाम है दूथा-भाती, जीवन की सबसे बहुमूल्य थाती। राम नाम है दिया और बाती,सुमिर नाम जुडायो छाती। राम नाम है एक आधार, राम नाम से बेड़ा पार। राम नाम परम सुखदाई,राम विना नहीं कोई सहाई। अल्फ़ाज़ मेरे 🙏🙏 ©Ashutosh Mishra #shreeram महिमा श्री राम की जमानत है नर-नारी। राम नाम रसपान कर जीवन सफल बनाई। #NojotoTrending #nojotopoetry #nojotohindi #Niaz
Anjali Singhal
Ravi Shankar Kumar Akela
धारा 498A में सज़ा का प्रावधान धारा 498A के अंतर्गत, पत्नी के पति और ससुरालवासी के दोषी पाए जाने पर उन्हें कठोर सज़ा होती है। धारा 498A के तहत दोषी को तीन साल तक की जेल हो सकती है । इसके अलावा अदालत जुर्माना भी लगा सकती है। क्या धारा 498a गैर जमानती है? हाँ, धारा 498ए के तहत किए गए अपराध को गंभीर अपराध माना जाता है और इसलिए इस धारा के तहत दोषी पाए गए व्यक्ति को 3 वर्ष तक का करावास जाना पड़ सकता है । यह धारा गैर जमानती है। धारा 498A में ज़मानत का प्रावधान धारा 498A के तहत लगाए गए आरोप को गंभीर आरोप माना जाता है इसलिए इस धारा को गैर जमानती धारा माना जाता है । अन्य अपराधों की तरह इस धारा में पुलिस द्वारा जमानत किसी भी हालत में नहीं मिलती इसके लिए मजिस्ट्रेट की सहमति ज़रूरी होती है । यदि पति या ससुरालवासी को धारा 498A के तहत दोषी पाया जाता है और उसे गिरफ्तार किया जाता है, तो दोषी पक्ष अग्रिम ज़मानत के लिए अदालत से निवेदन कर सकता है। ©Ravi Shankar Kumar Akela #Mulaayam धारा 498A में सज़ा का प्रावधान धारा 498A के अंतर्गत, पत्नी के पति और ससुरालवासी के दोषी पाए जाने पर उन्हें कठोर सज़ा होती है। धा
Dil galti kr baitha h
तू मोहब्बत नहीं इबादत है मेरी, तू जरुरत नहीं जीने की आदत है मेरी, बन गया हूँ तेरी यादों का कैदी, अब तो बस तू ही जमानत है मेरी। ©Dil galti kr baitha h तू मोहब्बत नहीं इबादत है मेरी, तू जरुरत नहीं जीने की आदत है मेरी, बन गया हूँ तेरी यादों का कैदी, अब तो बस तू ही जमानत है मेरी।
Anuradha T Gautam 6280
Ravendra
Ravendra
gaTTubaba
उम्रभर कैद मैं हूं इश्क के तेरे नादान लोग जमानत करने आते हैं ©gaTTubaba उम्रभर कैद मैं हूं इश्क के तेरे नादान लोग जमानत करने आते हैं
Kamaal Husain
ज शब्द आज का है, ज से ग़जल लिखों फिर उसके बाद फूल लिखो, या कंवल लिखो काग़ज़ कलम है वक्त है, कुछ लिखना चाहिए कुछ भी नहीं तो प्यार की, पहली पहल लिखो मैं जिसके लिए लिखता हूँ, हर रात ये नग़में वो कहतें हैं समझीं नहीं, थोड़ी सरल लिखो लो मैंने लिख दिया है,जो कुछ आया समझ मे तुम भी तो दोस्तों अब हँसी, कोई पल लिखो मैं कहते जा रहा जो, ग़जल जोर शोर से इस में कमाल ज्यादा, सहेली का बल लिखो सभी दोस्तों को मेरा प्यार भरा "नमस्कार" कुछ नए तरीके से यह पोस्ट आप सभी को Collab करनी है , आप सभी को एक शब्द शीर्षक के रूप मे दिया जाएगा ,