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Nagendra Dahayat

जिंदगी का सारांश #अनुभव

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ना हारना जरूरी ना जीतना जरूरी जो रूठ गए ना उनको मना ना जरूरी यह जिंदगी है साहब बस इसे समझना जरूरी है

©nagendra dahayat

©nagendra dahayat जिंदगी का सारांश

M R Mehata(रानिसीगं )

सारांश #प्रेरक

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जय माता दी

©M R Mehata(रानिसीगं ) सारांश

Aasth Mishra

#पहले का दौर #आज का दौर #nojotophoto

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 #पहले का दौर
#आज का दौर

Ankit Paliwal

चाहत का दौर चाहत का दौर

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उनकी रूहानी यादों का खजाना इक फ़साना हो गया।
उनका मिलना मिलकर बिछड़ना इक अफसाना हो गया।
दौर वो भी था जब कहती थी सखियाँ उनसे ,
ये पागल तो तेरा दीवाना हो गया।
हम भी लिख देते थे दो नग्मे चाहत में उनकी ,
मगर चाहत का वो दौर अब पुराना हो गया।
लाख सजाया मैंने नग्म-ए-चाहत का फलसमां,
लेकिन वो अपना बेगाना हो गया।

लेखक - अंकित पालीवाल चाहत का दौर 
चाहत का दौर

B.L Parihar

होगा ।








....

©B.L. Parihar #सारांश

Nikhil Malhotra

सारांश

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उम्मीद ही तो है
इक दिन टूट जाएगी।।।। सारांश

Saurav Sachan

युगों युगों तक #youandme

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तुम्हारा असर युगों युगों तक रहेगा 
हमारे दिल के महाद्वीप में
❣️
प्यार के निशान मिलते रहेंगे
 अगली पीढ़ियों को !

©SAURAV SACHAN युगों युगों तक

#youandme

anju sachdeva

प्यार का एहसास ।। मुलाकात ।। युगों का साथ ।। मोहबत #लव

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Gyanendra Mishra

युगों युगों के हम प्यासे

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युगों  युगों  के  हम  प्यासे कैसे  अपनी  प्यास बुझाएं।

सरिता तिलमिल उलझ गई है
धाराओं  ने  ऐसे  प्रश्न  उछाले ।
हम संकोचों में ठहरे है  कबसे,
बाधाओं का हल कौन निकाले।

फिर  वीराने  बैठे  हैं देखो  गंगाजल  की  आश लगाए।

शांति  द्वार  पर खड़ा हुआ  है
हाहाकारों का  उठता प्रवलन।
सीतलता परोश रही है पावक
ज्वलन उड़ेल रहा  है ये चंदन।

भाव  विलोमित  होकर  ही  रस्ता  कोई कास दिखाए।

दृष्टियों  में  हमने  रक्खे  जबसे
कुछ कोमल कुछ सपन सुहाने।
हर रोज  खड़े  हो  जाते  अपने
प्रिय ही बैरी बनकर सीना ताने।

पांडव  बनकर भेजे  जाते दुर्योधन  का वनवास उठाए।

हम  प्रवर्तक   है  अमरत्व  के
फिर भी हमें  मात का भय है।
फिर से अपने  मन  भावो का
सिया हरण होगा मानों तय है ।

फिर युग कि चौखट पर रावण बैठेगा अट्टहास लगाए।

युगों  युगों  के  हम प्यासे  कैसे  अपनी  प्यास बुझाएं।

ज्ञानेन्द्र मिश्र युगों युगों के हम प्यासे

Radhe Mohan Giri

कविता सारांश

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सिसा से कभी पथर नहीं टूटती है और जिस में दम है वहीं बाज़ीगर होता है कविता सारांश
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