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Jupiter and its moon
हमने बचपन से कहानी सुनी है कि, ख़रगोश कछुए से रेस हार गया। पर सोचिऐ, क्या होता अगर ख़रगोश वो रेस जीत जाता? क्या उसे उस रेस को जीतने का सम्मान मिलता? क्या लोग ये कहते, वो देखो ख़रगोश जा रहा है, इसने हीं कछुए को रेस में हराया था? शायद नहीं? ख़रगोश ने एक ऐसी रेस में हिस्सा लिया, जिसमें अपनी योग्यता साबित करने की उसे आवश्यकता हीं नहीं थी। जिसमें जीतने और हारने, दोनों परिस्थिति में उसका अपमान था, उसके वक्त की बरबादी थी। इसलिए व्यर्थ की रेस में अपनी ऊर्जा, अपना समय व्यर्थ करने की बजाय अपनी रेस सोच-समझकर चुनिए। ©Jupiter and it's moon....(प्रतिमा तिवारी) ख़रगोश और कछुए की रेस #प्रेरक #कहानी #प्रेरणा #कछुआ_और_ख़रगोश़ #Motivation #motavitonal #motivational_quotes #story #motovatethoughts
Bazirao Ashish
भगवान विष्णु के दूसरे अवतार कूर्म (कछुआ)🐢 अवतार के बारे में तो सुना ही होगा... आज 🐢विश्व कूर्म(कछुआ) दिवस 🐢 मना रहा है। जरा विचार कीजिये जिन जीवों के प्रति विश्व आज संवेदनशील होना प्रारम्भ किया है उन जीवो के प्रति हमारे ऋषि मुनियों ने हजारों वर्ष पूर्व ही संवेदनशीलता दर्शाते हुए उनके पूजन के बारे में बताया है। #विश्व_कछुआ_दिवस_23_मई ●आशीष●द्विवेदी● ©Bazirao Ashish भगवान विष्णु के दूसरे अवतार कूर्म (कछुआ)🐢 अवतार के बारे में तो सुना ही होगा... आज 🐢विश्व कूर्म(कछुआ) दिवस 🐢 मना रहा है। जरा विचार कीजिये
Subham Shiv
Vandana
ये जीवन तो शुरू मासूमियत लिए होता, मां के गर्भ में आंखें मूंदे हुए नजाकत भरे हुए रहता, जन्म लेते हैं नरम गोद में आगमन में सब प्रसन्न होते,, मंद मुस्कान से हम सब को मोह लेते, नाजुक हाथ पैरों से बस कब खड़े होकर दौड़ने को आतुर रहते,, हर कोई तरसता है पकड़ने के लिए,, अनजान रहते दुनिया की ये सफर से,, "ना इल्म रहता की दुनिया में अब क्या-क्या झेला जाएगा,, "क्या क्या बवाल होंगे और क्या क्या झमेला आयेगा,, माँ का नरम आंचल का सफर कांटो से भरी रास्तों में चला जायेगा,, "मासूम बचपन से मां बाप भी रिझते,, "पूरा कैप्शन में पढ़े,,,!! यह जीवन तो शुरू मासूमियत लिए होता, मां के गर्भ में आंखें मूंदे हुए नजाकत भरे हुए रहता, जन्म लेते हैं नरम गोद में
Dr Upama Singh
“झूठ का सच” अनुशीर्षक में👇👇 ये सच हमेशा नीम करेले की तरह कड़वा ही लगता है झूठ तो चीनी की तरह हमेशा मीठा बोलता है दोनों एक दूसरे को कम नहीं समझते हैं एक दूसरे पर सदा हावी होना चाहते हैं झूठ ज्यादा वक्त के लिए टिकता नहीं सच का जड़ मजबूत होता हर कहीं झूठ कभी अपने मतलब और स्वार्थ के लिए बोलना पड़ता तो कभी निस्वार्थ भावना से किसी को बचाना भी पड़ता डर भी इंसान को झूठ बोलने के लिए मजबूर करता परिस्थिति के अनुसार उसके रंग में रंगना पड़ता आज़ इस कलयुगी माहौल में सब झूठ है यहांँ बस यही एक सच है हुनरमंद लोग झूठ को सच के अंदाज़ में झूठ को कह देते हैं मैं झूठ लिख कर तुम्हें अपना बना लेती हूंँ सच लिख कर ख़ुद को तेरा बना लेती हूंँ झूठ बोलने के लिए यादाश्त तेज़ होना चाहिए परेशानी में पड़ सकते हैं लोग तो सच नहीं बोलते ज़माने ने दिखाया कई हकीकत के झूठे लोग मैंने कहा मरने
Divyanshu Pathak
जिस प्रकार मनुष्य अपनी तृष्णा की पूर्ति के लिए अन्य प्राकृतिक संसाधनों का अमर्यादित और अवैध दोहन करता है, उसी तरह सत्ता के मद में अन्धा तंत्र स्त्री शक्ति की प्राकृतिक निर्माण क्षमता पर भी अपनी तुष्टि के लिए कानून बनाकर आक्रमण करता है। 🍁😊☕#सुप्रभातम🌷😊 : अधिकांश कानून या तो भारतीय जीवन शैली से मेल नहीं खाते अथवा कानूनों का लाभ सीधा-सीधा सत्ताधीशों को मिल रहा होता है। : जिस प
Funny Singh🐼
रफ्तार धीमी के मामले में, मैं तो नाम से बदनाम हूँ; वरना मुझसे धीमी रफ्तार तो भारत के 'सरकारी योजनाओं' की है!😐🤣 -कछुआ🐢 जैसा कि आप सब लोग जानते होंगें कि आजकल 'whatsapp privacy policy' को लेकर बड़ा बवाल मचा हुआ है। अपनी भारत सरकार इन Apps की privacy policy पर ज