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Dr. Nishi Ras (Nawabi kudi)
शू शू शू शू .... chup... हुस्न आया है चांद का... ©Dr. Nishi Ras (Nawabi kudi) #moonlight
- Arun Aarya
उसे इतना तवज्जों दिया है तभी तो उसे खो दिया है ! पत्थर सा एक लड़के ने आज अचानक ही रो दिया है..!! - अरुन आर्या ©- Arun Aarya #moonlight #रो दिया है
#moonlight #रो दिया है
read moreDr. Nishi Ras (Nawabi kudi)
चाँद आसमाँ का होकर भी, आसमाँ का नही हो सका, बेपनाह मोहब्बत करके भी, वो मुकम्मल ना हो सका ! ©Dr. Nishi Ras (Nawabi kudi) Upcoming book #moonlight
Upcoming book #moonlight
read morevivekanand
White life is a golden opportunity.some persons didn't understand the situation.so they're losing the house of happy. ©vivekanand poem
poem
read moreMayank Kumar
White एक छोटे से गांव में एक लड़की रहती थी, जिसका नाम रिया था। रिया का सपना था कि वह बड़ी होकर एक प्रसिद्ध लेखिका बने। गांव में पढ़ाई के साधन बहुत कम थे, लेकिन रिया ने हार नहीं मानी। वह हर रात चाँद की रोशनी में बैठकर लिखती और किताबों के पन्नों में अपने सपनों को तलाशती ©Mayank Kumar #poem
Jeetal Shah
Unsplash गुजरा हुआ जमाना कभी नहीं आएगा, वो बाग बगीचे में खेलना, वो कागज की नाव बनाना, वो दादी की कहानी सुनकर एक नई सीख लेना, वो दुरदर्शन पर चुहे बिल्ली का कार्टून देखना, वो मिकी और मीनी की जोड़ी का आनंद उठाना, गुजरा हुआ जमाना था बहुत ही निराला, पर आज का भी जमाना कम नहीं नई टेक्नोलॉजी से जुड़ गए सभी। ©Jeetal Shah #poem
Ruchi Jha
White नये मकानों को ढूंढ रहे हैं, अपना घर छोड़ने के बाद। गैरों पर ऐतबार बढ़ चला हैं, अपनों का साथ छोड़ने के बाद। काली रातों की ठंडक अच्छी लगने लगी हैं, दिन में जलते सूरज के ताप से तपने के बाद। मोड़दार रास्तों के आदी हो चुके हैं, सीधे पथों पर चलकर भी खोने के बाद। गुमनाम होने में मज़ा आने लगा हैं, कभी महफ़िलों की शान होने के बाद। उम्मीद की लकीरें कोरे कागज़ों पर भी दिखने लगी हैं, उम्दा हर्फ से सजे किताबों से नाउम्मीदी के बाद। ©Ruchi Jha #moonlight #Random #hindipoetry #sukun
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read moreNeeraj Neel
Unsplash खुशियां तकिया के सिरहाने होंगी , आशीर्वाद के ईटों से सजी दीवारें होंगी खिड़कियों में धूप सजती होगी, घर में बुजुर्गों की दुआ बस्ती होगी। अब दूर कहीं नहीं चलना होगा , एक सिर पर छत अपना होगा। हम खुशियां सारी बटोर लाएगे, हम घर में अपने सपने सजाएंगे। हम घर में रोज दीप जलाएंगे , घर आंगन में चांद तारे उतार लाएगे। अब चेहरे में एक आराम होगा , मेरे घर के दरवाजे में अब अपना नाम होगा। हा अपना नाम होगा। ✍️ नीरज नील ©Neeraj Neel poem
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read moreBalwant Mehta
चांद को पाकर वसुंधरा मुस्कुराई है, धरा की गोद में जैसे चमक समाई है। सितारों ने थमकर ये नज़ारा देखा, प्रेम की भाषा में सृष्टि ने बात बनाई है। ©Balwant Mehta #moonlight