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chaudhary sahib
White https://angel-one.onelink.me/Wjgr/ra2uneyt ©chaudhary sahib https://angel-one.onelink.me/Wjgr/ra2uneyt
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read morevivekanand
White life is a golden opportunity.some persons didn't understand the situation.so they're losing the house of happy. ©vivekanand poem
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read moreKanika Lakhara
भरी महफ़िल में एक टूटा दिल खड़ा था मैं पास गयी तो पता चला कि वो मुझसे ही डरा था मैं बैठी, मैंने उसे प्यार से जोड़ना चाहा लेकिन उसे लगा की मैंने ही उसे "फिर तोडना चाहा"!!🥀 उसे बड़ा डर है , की सब कुछ फिर से वही हो जाएगा में उसे कैसे समझाउॅं की "अतीत स्वयं को नहीं दोहराएगाॅं" मुझे डर डर के' चाहना ' अब उसे ज्यादा सही लगता है मेरा करीब आना उसके लिए अपनी "आजादी "खोना है और सजाएं देता है वो मुझे, जिसकी में कभी "हकदार "ना थी ठहरे!और पूछे कभी वो खुद से...आखिर उसकी जिंदगी में ; "मैं कौनसा किरदार थी?✨ ©Kanika Lakhara #Angel # hindi poems# poetry
#Angel # hindi poems# poetry
read moreMayank Kumar
White एक छोटे से गांव में एक लड़की रहती थी, जिसका नाम रिया था। रिया का सपना था कि वह बड़ी होकर एक प्रसिद्ध लेखिका बने। गांव में पढ़ाई के साधन बहुत कम थे, लेकिन रिया ने हार नहीं मानी। वह हर रात चाँद की रोशनी में बैठकर लिखती और किताबों के पन्नों में अपने सपनों को तलाशती ©Mayank Kumar #poem
@howToThink
White "आइए महसूस करिए जिंदगी की ताप को मैं चमारों की गली में ले चलूंगा आपको....... ---------- गांव जिसमें आज पांचाली उघाड़ी जा रही, या अहिंसा की जगह नाथ उतारी जा रही, है तरसते कितने ही मंगल लंगोटी के लिए, बेचती है जिस्म कितनी कृष्णा रोटी के लिए" ---- अदम गोंडवी ©Chiranjeev K C #poem
Jeetal Shah
Unsplash गुजरा हुआ जमाना कभी नहीं आएगा, वो बाग बगीचे में खेलना, वो कागज की नाव बनाना, वो दादी की कहानी सुनकर एक नई सीख लेना, वो दुरदर्शन पर चुहे बिल्ली का कार्टून देखना, वो मिकी और मीनी की जोड़ी का आनंद उठाना, गुजरा हुआ जमाना था बहुत ही निराला, पर आज का भी जमाना कम नहीं नई टेक्नोलॉजी से जुड़ गए सभी। ©Jeetal Shah #poem
Neeraj Neel
Unsplash खुशियां तकिया के सिरहाने होंगी , आशीर्वाद के ईटों से सजी दीवारें होंगी खिड़कियों में धूप सजती होगी, घर में बुजुर्गों की दुआ बस्ती होगी। अब दूर कहीं नहीं चलना होगा , एक सिर पर छत अपना होगा। हम खुशियां सारी बटोर लाएगे, हम घर में अपने सपने सजाएंगे। हम घर में रोज दीप जलाएंगे , घर आंगन में चांद तारे उतार लाएगे। अब चेहरे में एक आराम होगा , मेरे घर के दरवाजे में अब अपना नाम होगा। हा अपना नाम होगा। ✍️ नीरज नील ©Neeraj Neel poem
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