Find the Latest Status about के बीच परिभाषित from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, के बीच परिभाषित.
Earth life
सबसे बड़ा धर्म अपने स्वभाव के प्रति सच्चा होना #NojotoQuote # बातो के बीच
Abhi Kumar
पक्के दोस्त वो होते है जिने दो गाली ना दो तो पूछ ने लग जाते है नराज है क्या भाई दोस्तो के बीच
mshweta145
अपनों के बीच - अपनों को छोड़ कर जा रही हूं , खुश हूं मगर अश्क भी बहा रही हूं , #NojotoQuote अपनों के बीच
Kumar Manoj Naveen
बहुत बड़े हैं वो, नियम कानून के नाम पर दबाते हैं। पापी-पेट की मजबूरी जानकर ,खूब सताते हैं । अखबारों में मानवीयता व इंसानियत जताते हैं। हकीकत ठीक बिपरीत " हाथी के दांत खाने व दिखाने के और" दिखाते हैं। आज भी बात वही, "लाठी जिसकी भैंस उसी की" बताते है । पहले भी राजा और गुलाम थे और आज भी, बस रुप बदले दिखते हैं। उपर वाले के अतिरिक्त सभी गिरगिट की तरह रंग बदलते है। दूसरो को इंसान न समझने वालों, एक दिन सभी मिट्टी में मिल जाते हैं। #आदमी के बीच अंतर#
सिद्धार्थ मौर्य
अफ़साना वो कहां आए हैं हम दोनों के बीच..? मै ही पहुंच गया उन दोनों के बीच...! हम दोनों के बीच
Âyûsh Gûptâ official
अगर नींद आ जाए तो सो भी लिया करो, रातों को जागने से, मोहब्बत लौटा नहीं करती...!! 🌹...ius...✍🏻 🌹 अपनों के बीच
Ek villain
आज का मनुष्य असंतोष एवं लाल साहू से ग्रस्त है जो समस्त समस्याओं का कारण है इसलिए गीता में तथा अन्य धर्म ग्रंथ में बार-बार कहा गया है कि कर्म करो किंतु उसका फल पाने की इच्छा मत रखो मनुष्य की इच्छा कभी पूरी नहीं होती एक इच्छा पूरी होती है तो दूसरी पैदा हो जाती है ऐसा इसलिए होता है कि व्यक्ति में फल आ सकती होती है पल आ सकती की इच्छा को उत्पन्न करती है कहा गया है कि जिसकी तिजोरी या भरी रहती है वह निरंतर भाई आक्रांत रहता है उसे अपने धर्म की रक्षा के लिए फाटक पर संगीन धारी चौकीदार खड़ा करना पड़ता है इसके विपरीत जिसके पास संतोष का परम धन है वह चैन की नींद सोता है संतोष का अर्थ सब कुछ त्याग देना नहीं है यह हर किसी के लिए संभव नहीं हो सकता आखरी जीवन यापन के लिए अनेक वस्तुओं की आवश्यकता होती है जो संसार को छोड़कर निर्मिती के मार्ग पर चलते हैं उन्हें भी खाना आदि चीजें चाहिए संतोष मन की एक अवस्था है जिसमें व्यक्ति संसार में रहते हुए भी उसकी माया जाल में फंसता नहीं है सारे बंधन के बीच वैसे ही रहता है जैसे कीचड़ के बीच कमल संतोषी व्यक्ति सांस की तरह सहज और फूल की तरह हल्का होता है बहुत सुख का आनंद लेता है जो मानव जीवन के लिए अपेक्षित है संतोष के साथ सादगी और सात्विकता जुड़ी हुई है जिसके जीवन में अंडा मरण है अब वह संतोष का अनुभव नहीं कर सकता इसमें सात्विकता नहीं है वह कभी सुखी नहीं रह सकता उसके अंदर में इससे द्वेष छल कपट बेईमानी आदि का दुष्चक्र हर पल चलता रहता है वह अपने ही मार्ग में बुने जाल में जकड़ तक रहता है सुख उसके लिए मेरे मरीचा के समान होता है संतोष में यह सारा सुख समाया हुआ है सब जानते हैं कि हम जैसी बातें हैं वैसे ही काटते हैं असंतोष के बीज बोकर संतोष की फसल नहीं काटने जा सकती तो संतोष का भी होता है वही शौक से मालामाल हो जाता है ©Ek villain # असंतोष के बीच #lovebond